Cocoa flavanols Aging and inflammation Risk of heart attack Benefits of dark chocolate COSMOS trial
x
जानें, कैसे कोकोआ स्वस्थ रहने में सहायता कर सकता है।

कोकोआ से हृदय का हाल और आयु के साल बढ़ाए जा सकते हैं, जानें कैसे

रिसर्च यहां तक बताती हैं कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। साथ ही संज्ञानात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं...


Click the Play button to hear this message in audio format

सोचिए अगर किसी दिन आप डॉक्टर के पास जाएँ और वे आपको दवाई की जगह चॉकलेट लिख दें! यह सुनने में जितना मज़ेदार लगता है, उतना ही दिलचस्प रिसर्च डेटा इस विचार को सपोर्ट भी कर रहा है। हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि चॉकलेट में मौजूद फ्लावेनॉल्स (Flavanols) दिल की सेहत को बेहतर बनाने, हार्ट डिजीज का खतरा कम करने और यहाँ तक कि उम्र बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं...


चॉकलेट और दिल की सेहत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया में करीब 1.79 करोड़ लोग हृदय रोगों (CVDs) के कारण जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि हार्ट डिजीज केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही बल्कि युवा पीढ़ी भी तेजी से इसकी चपेट में आ रही है।

यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी (2020) में प्रकाशित एक स्टडी ने बताया कि जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार चॉकलेट खाते हैं, उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम कम पाया गया। रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि सप्ताह में एक से अधिक बार चॉकलेट खाने वालों में कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ का खतरा 8% तक घटा।

चॉकलेट में फ्लावोनॉयड्स, मिथाइलज़ैंथिन्स, पॉलीफेनॉल्स और स्टीयरिक एसिड जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो सूजन (inflammation) कम करने, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने और दिल की धमनियों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।


सप्लीमेंट्स बनाम चॉकलेट

अब सवाल यह उठता है कि क्या चॉकलेट खाने से ही ये सारे फायदे मिल सकते हैं? इसका जवाब है- नहीं। दरअसल, चॉकलेट में फ्लावेनॉल्स की मात्रा प्रोसेसिंग के दौरान कम हो जाती है और इसमें फैट, शुगर और कैलोरीज़ भी अधिक होती हैं। इसलिए रिसर्चर्स का मानना है कि कोको फ्लावेनॉल सप्लीमेंट्स ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं।

ब्रिघम एंड वीमेंस हॉस्पिटल की एक बड़ी स्टडी में पाया गया कि कोको फ्लावेनॉल सप्लीमेंट्स लेने से कार्डियोवैस्कुलर मौत का जोखिम 27% तक घटा। यह नतीजे बताते हैं कि अगर इन सप्लीमेंट्स का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो हृदय रोग और इससे जुड़ी जटिलताओं से बचाव संभव है।


यह शोध भी जानें

यह रिसर्च Mass General Brigham की वैज्ञानिक टीम ने की। इसमें उन्होंने यह समझने की कोशिश की कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर में जो सूजन (inflammation) बढ़ती है, उसे कोको सप्लीमेंट लेने से कम किया जा सकता है या नहीं।

इस स्टडी में 598 लोगों का डेटा शामिल था, जिन्हें बड़े स्तर की एक रिसर्च COSMOS ट्रायल से चुना गया था। यह ट्रायल बहुत बड़ा था, जिसमें 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के 21,442 लोग शामिल हुए। इसे बहुत सख्त नियमों के साथ किया गया, ताकि रिज़ल्ट सही और भरोसेमंद हों।

इस ट्रायल के कोको ग्रुप को हर दिन 500 mg कोको फ्लैवेनॉल्स का सप्लीमेंट दिया गया। इनमें से करीब 80 mg epicatechin नामक एक खास यौगिक से आता था। माना जाता है कि यह यौगिक दिल और खून की नसों के लिए सबसे ज़रूरी और फायदेमंद फ्लैवेनॉल्स में से एक है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर में जो क्रॉनिक सूजन (inflammaging) होती है, वह दिल की धमनियों को कठोर बना देती है और हृदय रोग का खतरा बढ़ाती है। लेकिन जिन लोगों ने कई साल तक कोको सप्लीमेंट लिया, उनमें यह सूजन काफी हद तक नियंत्रित दिखी।

अध्ययन से जुड़ी टीम ने कहा कि “कोको एक्सट्रैक्ट और उम्र से जुड़ी सूजन के बीच का यह संबंध बहुत दिलचस्प है। क्योंकि यही सूजन धमनियों को सख्त बनाकर दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बनती है। हमारा डेटा बताता है कि लंबे समय तक कोको सप्लीमेंट लेने से इस सूजन को कम किया जा सकता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।”


क्या चॉकलेट उम्र बढ़ाने में मदद कर सकती है?

बढ़ती उम्र में शरीर पर सूजन (inflammation) और "inflammaging" यानी उम्र बढ़ने से जुड़ी सूजन सबसे बड़ी समस्या होती है, जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अल्ज़ाइमर और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बनती है।

मेडिकल कॉलेज ऑफ जॉर्जिया, ऑगस्टा यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोको सप्लीमेंट्स में मौजूद फ्लावेनॉल्स सूजन को कम करने, कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने और उम्र बढ़ने की गति धीमी करने में सहायता करते हैं। यही नहीं, डार्क चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, आयरन और कॉपर जैसे तत्व भी हृदय और मस्तिष्क दोनों की सेहत के लिए लाभकारी हैं।

कुछ रिसर्च तो यहाँ तक बताती है कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है, इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive functions) पर सकारात्मक असर पड़ता है।

चॉकलेट, खासकर डार्क चॉकलेट और कोको फ्लावेनॉल सप्लीमेंट्स, भविष्य में दिल और उम्र से जुड़ी बीमारियों से बचाव का नया तरीका बन सकते हैं। लेकिन ज़रूरी है कि लोग मीठी, प्रोसेस्ड और मिल्क चॉकलेट को हेल्दी ऑप्शन न समझें, क्योंकि उनमें फैट और शुगर ज़्यादा होती है।

वैज्ञानिकों की राय साफ है कि "फ्लावेनॉल्स हमारे लिए अच्छे हैं, सवाल सिर्फ़ इतना है कि कितनी मात्रा और किस रूप में इन्हें लेना सही होगा।" और यह मात्रा हर व्यक्ति के लिए समान नहीं हो सकती।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

Read More
Next Story