Eczema skin disease in humidity
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पसीने और चिपचिपाहट के कारण बढ़ने लगती हैं स्किन प्रॉब्लम्स

बढ़ने लगी है उमस और चिपचिपाहट, जान लें एग्जिमा से जुड़ी जरूरी बातें

तेज गर्मी के साथ ही अब मौसम में चिपचिपाहट भी बढ़ने लगी है। ऐसे में


Skin Disease Eczema: एक्जिमा एक क्रोनिक स्किन कंडीशन (chronic skin condition) है, जिसमें त्वचा ड्राई (dry), इची (itchy) और बम्पी (bumpy) हो जाती है। यह स्किन बैरियर (skin barrier) को कमजोर कर देता है, जिससे त्वचा की नमी (moisture) कम हो जाती है और इंफेक्शन (infection) का खतरा बढ़ जाता है। एक्जिमा डर्मेटाइटिस (dermatitis) का एक प्रकार है, जो त्वचा में सूजन (inflammation) पैदा करता है। यह हाथ, गर्दन, कोहनी (elbow), घुटने (knees), टखने (ankles), और चेहरा (face) सहित शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन National Eczema Association (2020) के अनुसार, लगभग 10% लोग दुनिया भर में किसी न किसी प्रकार के एक्जिमा से प्रभावित हैं।

एक्जिमा के कारण (Causes of Eczema)

रासायनिक पदार्थ (Chemical Irritants): साबुन (soap), डिटर्जेंट (detergent), शैंपू (shampoo) जैसे प्रोडक्ट त्वचा को उत्तेजित कर सकते हैं।

पर्यावरणीय कारक (Environmental Triggers): ठंडा मौसम (cold weather), धूल (dust), फफूंद (mold), और पालतू जानवरों के बाल (pet dander) एक्जिमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

खाद्य एलर्जी (Food Allergies): दूध (milk), मूंगफली (peanuts), सोया (soy), अंडा (egg) जैसी चीजें एलर्जी पैदा कर सकती हैं।

कपड़े (Fabric Allergies): ऊनी (woolen) और सिंथेटिक (synthetic) कपड़े एक्जिमा को बढ़ा सकते हैं।

हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes): प्रेगनेंसी (pregnancy), पीरियड्स (menstruation) और मेनोपॉज (menopause) के दौरान स्थिति बिगड़ सकती है।

मानसिक तनाव (Emotional Stress): तनाव (stress), डिप्रेशन (depression) एक्जिमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

पारिवारिक इतिहास (Family History): अगर माता-पिता को यह समस्या रही है, तो बच्चों में इसके विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

एक्जिमा के लक्षण (Symptoms of Eczema) क्या हैं?

सूखी और फटी त्वचा (dry and cracked skin)

खुजली (itchiness)

छोटे-छोटे बम्प्स (small bumps)

त्वचा पर लाल चकत्ते (red patches)

रिसाव और पपड़ी बनना (oozing and crusting)

त्वचा का मोटा होना (thickened skin)

Journal of Allergy and Clinical Immunology (2017) में प्रकाशित शोध के अनुसार, 80% एक्जिमा रोगियों में खुजली प्राथमिक लक्षण होता है।

एग्जिमा की जांच (Diagnosis) कैसे की जाती है?

डॉक्टर स्किन एग्जामिनेशन (skin examination) और स्किन पैच टेस्ट (skin patch test) के जरिए निदान करते हैं। कुछ मामलों में बायोप्सी (biopsy) भी की जा सकती है।

एग्जिमा का उपचार (Treatment of Eczema) क्या है?

मॉइश्चराइजर (Moisturizers): माइल्ड मॉइश्चराइजर दिन में कई बार लगाना चाहिए, खासतौर पर नहाने के बाद।

मेडिकेशन (Medication): टॉपिकल स्टेरॉइड्स (topical steroids) और एंटीहिस्टामाइंस (antihistamines) का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है।

लाइट थेरेपी (Light Therapy): यूवीबी थेरेपी (UVB therapy) से राहत मिलती है।

लाइफस्टाइल बदलाव (Lifestyle Changes): ट्रिगर्स को पहचानना और उनसे बचना जरूरी है।

British Journal of Dermatology (2018) के अनुसार, मॉइश्चराइजिंग रूटीन अपनाने से एग्जिमा के लगभग 50% मामलों में स्थिति में सुधार देखा गया है।

एग्जिमा से जुड़ी जरूरी बातें और संबंधित प्रश्न (FAQs)

क्या एक्जिमा अन्य त्वचा संक्रमण को बढ़ाता है?

हाँ। कमजोर स्किन बैरियर के कारण बैक्टीरियल (bacterial), वायरल (viral) और फंगल (fungal) संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

क्या खुजली करने से स्थिति बिगड़ती है?

हाँ। स्क्रैचिंग (scratching) त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकता है और इंफेक्शन का रिस्क बढ़ा सकता है।

क्या इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?

नहीं। यह एक क्रोनिक कंडीशन है। लेकिन ट्रीटमेंट और सही केयर से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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