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कोरोना-19 के वैरिऐंट- 2025 के लक्षण और इससे बचने के उपाय जानें

इन कारणों से फिर बढ़ रहे हैं कोरोना केस, डॉक्टर ने बताए बचने के उपाय

कोरोना या कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। देश के कई राज्यों में कोविड के ऐक्टिव केस की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। डॉक्टर ने बताए असली कारण और उपाय..


Coronavirus 2025 Updates: दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र तीनों ही राज्यों में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इन तीनों ही राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या 100 की संख्या पार कर चुकी है। आखिर कोरोना केस एक बार फिर इतनी तेजी से क्यों बढ़ने लगे हैं और क्या कोरोना की वैक्सीन कोविड के इस वैरिऐंट पर कारगर है? ऐसे सभी सवालों के जवाब हमने जाने, दिल्ली के जाने-माने फिजिशियन डॉक्टर भूमेश त्यागी से...

नए कोरोना वैरिऐंट के लक्षण क्या हैं?

नया स्ट्रेन पुराने वेरिएंट्स से ज्यादा फैलने वाला लग रहा है। लेकिन यह गंभीर बीमारी ज्यादा नहीं फैलाता। अभी तक की रिपोर्ट यही बताती है।इसके लक्षण मुख्य रूप से, सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, थकान जैसे हैं। लेकिन यह तेजी से एक ही परिवार के भीतर फैलता दिख रहा है। वैज्ञानिक देख रहे हैं कि यह अस्पताल में भर्ती की दर पर कितना असर डालता है।

क्यों बढ़ने लगे हैं कोरोना के केस?

कोविड केसों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह है, कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता, लोगों का लापरवाह व्यवहार, मास्क न पहनना, भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों में शामिल होना और ज्यादा संक्रामक वेरिएंट्स का आना मुख्य रूप से शामिल है।

क्या कोरोना का ये बढ़ता ग्राफ से चिंता की बात है? क्या बूस्टर डोज़ ज़रूरी है?

पुराने संक्रमण या टीकों से मिली सुरक्षा समय के साथ कम हो गई है। साथ ही मौसम और हवा की गुणवत्ता में बदलाव भी संक्रमण को बढ़ा सकते हैं। सीमित टेस्टिंग की वजह से असली मामलों का आंकड़ा कम दिख रहा है। वास्तविक स्थिति पता करने के बाद जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।

पुरानी वैक्सीन गंभीर बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने से कुछ हद तक सुरक्षा देती है, लेकिन समय के साथ संक्रमण से इनकी बचाव की क्षमता काफी कम हो गई है। समय के साथ वैक्सीन की प्रतिरक्षा कमजोर होती जाती है, खासकर तब जब नए वेरिएंट इम्युनिटी से बच निकलते हैं। जिन लोगों ने बूस्टर डोज़ ली है, उन्हें अब भी बेहतर सुरक्षा मिल सकती है। वरिष्ठ नागरिकों और बीमारियों से जूझ रहे लोगों को बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी जाती है।

कोरोना के मामले दक्षिण एशिया में ही क्यों अधिक बढ़ रहे हैं?

दक्षिण एशिया में हालिया कोविड उछाल सामाजिक-आर्थिक स्तर का कमजोर होना, मौसम से जुड़ी चुनौतियां और स्वास्थ्य कारणों के प्रति लोगों के रवैये जैसे कई कारणों से हो सकता है। साथ ही घनी आबादी, लापरवाही, मास्क न पहनना, सीमावर्ती आवाजाही, वैक्सीन कवरेज में असमानता भी इसके कारण हैं। ठंडे मौसम की ओर बदलाव भी संक्रमण को बढ़ा सकता है।

कोविड मामलों में मौजूदा उछाल क्या संकेत देता है?

यह बताता है कि कोविड-19 अभी भी एक स्वास्थ्य संकट है। वायरस अभी भी रूप बदल रहा है और पहले मिली इम्युनिटी को मात दे सकता है। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। यह खासतौर पर बुजुर्गों और बीमारों के लिए खतरनाक है। लॉकडाउन की संभावना कम है, लेकिन सरकारें फिर से सुरक्षा उपाय अपना सकती हैं।

हालांकि बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन सतर्कता ज़रूरी है। भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी लेते रहें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनकर जाएं। सैनेटाइजर का उपयोग करें। व्यक्तिगत स्वच्छता और हाइजीन का ध्यान रखें। और जरूरत हो तो बूस्टर डोज़ लें।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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