
एक्सपर्ट ने बताई ट्रिक, घर पर आसानी से जानें देसी घी असली है या नकली
आप जो देसी घी खा रहे हैं, वो असली है या नकली, इसे जांचने के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यहां बताई गई विधियों से आप घर में इसे चेक कर सकते हैं...
देसी घी, सदियों से इंडियन फूड का अहम हिस्सा है। यदि आप मात्र तीन से चार दशक पीछे जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि घरों में खाना बनाने के लिए भी लोग देसी घी को पसंद करते थे। हालांकि बदलते समय के साथ चीजें बदलीं और तरह-तरह के तेल और डालडा घी हमारी किचन का हिस्सा बनते चले गए। आज स्थिति यह है कि हर घर में आसानी से मिलने वाले देसी घी को आज के समय में ज्यादातर घरों में लोग असली घी को अफॉर्ड भी नहीं कर पा रहे है। क्योंकि इतनी अलग-अलग वैरायटी में और अलग-अलग रेट्स में देसी घी मार्केट में उपलब्ध है कि आप पैसे खर्च करने के बाद भी विश्वास नहीं कर पाते कि जो घी आप खा रहे हैं, वो असली है। इसी बारे में हमने बात की अपने एक्सपर्ट आयुर्वेदाचार्य वैद्य अबरार मुलतानी से। इन्होंने घर में ही घी की शुद्धता जांचने के कई आसान उपाय बताए...
सबसे पहले हम समझते हैं कि नकली घी कैसे बनता है?
नकली घी बनाने के लिए आमतौर पर सस्ते और आसानी से उपलब्ध पदार्थों का उपयोग किया जाता है, जैसे...
वनस्पति तेल (Vegetable Oil): हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल (जैसे डालडा या वनस्पति घी) को आधार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
आलू या स्टार्च: उबले हुए आलू, शकरकंद, या स्टार्च को मैश करके घी जैसी बनावट दी जाती है।
दूध के विकल्प: सस्ते दूध पाउडर या क्रीमर का उपयोग करके घी जैसा स्वाद और रंग बनाया जाता है।
रंग और गंध: कृत्रिम रंग (जैसे पीला रंग) और घी जैसी कृत्रिम सुगंध मिलाई जाती है।
पशु वसा (Animal Fat): कभी-कभी सस्ती पशु वसा (जैसे सुअर की चर्बी) को मिलाया जाता है।
केमिकल्स: नकली घी को मुलायम और चिकना बनाने के लिए कुछ रसायनों का उपयोग हो सकता है।
इन सामग्रियों को गर्म करके, मिश्रित करके और ठंडा करके घी जैसा उत्पाद तैयार किया जाता है। यह असली घी से सस्ता होता है और बाजार में बेचा जाता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए घातक होता है।
नकली घी की पहचान के लिए कुछ आसान घरेलू तरीके हैं...
हथेली पर रगड़ें: थोड़ा घी हथेली पर लेकर रगड़ें। असली घी में दानेदार बनावट होती है और वह आसानी से पिघल जाता है, जबकि नकली घी चिकना और चिपचिपा लगता है।
गर्म पानी टेस्ट: एक चम्मच घी को गर्म पानी में डालें। असली घी पिघलकर ऊपर तैरता है और नीचे हल्का दानेदार अवशेष छोड़ता है। नकली घी पूरी तरह घुल सकता है या तलछट छोड़ सकता है।
आयोडीन टेस्ट (स्टार्च की जांच): एक चम्मच घी में 2-3 बूंद आयोडीन टिंचर (फार्मेसी से उपलब्ध) डालें। अगर घी में स्टार्च (जैसे आलू) मिला है तो रंग नीला हो जाएगा। असली घी का रंग नहीं बदलेगा।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड टेस्ट (वनस्पति तेल की जांच)
एक चम्मच घी में थोड़ा हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl, प्रयोगशाला से उपलब्ध) और चीनी मिलाएं। अगर 5 मिनट बाद मिश्रण लाल या गुलाबी हो जाए तो इसमें वनस्पति तेल मिला है। असली घी में कोई रंग परिवर्तन नहीं होगा।
गंध और स्वाद से करें जांचअसली घी में मक्खन जैसी तीव्र, प्राकृतिक सुगंध होती है। नकली घी में कृत्रिम सुगंध या तेल जैसी गंध हो सकती है। स्वाद में भी अंतर होता है; नकली घी चिकना और कम स्वादिष्ट लगता है।
घी को पिघालकर करें इसकी जांच
एक चम्मच घी को हल्का गर्म करें। असली घी धीरे-धीरे और समान रूप से पिघलता है, जबकि नकली घी जल्दी पिघल सकता है या असमान रूप से फैल सकता है।
देसी घी का रेफ्रिजरेटर टेस्ट
घी को कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखें। असली घी जमने पर दानेदार बनावट दिखाता है। जबकि नकली घी एकसमान और चिकना रहता है।
जलने का टेस्ट
एक चम्मच घी को गर्म करें। असली घी जलने पर मक्खन जैसी गंध देता है और हल्का धुआं छोड़ता है। नकली घी में तेल या रसायन जैसी गंध आ सकती है। इन तरीकों से आप आसानी से घर पर नकली घी की पहचान कर सकते हैं।
घी खरीदते और टेस्ट करते समय यह सावधानियां रखें
हमेशा विश्वसनीय ब्रांड या स्थानीय डेयरी से घी खरीदें।
पैकेजिंग पर सामग्री सूची (Ingredients) और FSSAI प्रमाणन जांचें।
रासायनिक टेस्ट (जैसे HCl या आयोडीन) करते समय सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थान पर करें।
अगर घी की गुणवत्ता पर संदेह हो तो स्थानीय खाद्य प्रयोगशाला में जांच करवाएं।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी व्यक्ति या संस्था को हानि पहुंचाना इसका उद्देश्य नहीं है।