Diabetes not only caused by sugar know the real cause of diabetes
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शुगर की बीमारी की असली वजह चीनी नहीं बल्कि तेल है!

शुगर की बीमारी की असली वजह चीनी नहीं बल्कि आपका तेल है, जानें पूरी बात

डायबिटीज़ केवल मीठा खाने से नहीं होती। बल्कि जब हमारी कोशिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं और फैट जमा होने के कारण ग्लूकोज को सोख नहीं पातीं तब होती है...


Real Cause Of Diabetes: आधी-अधूरी जानकारी के कारण ज्यादातर लोगों को लगता है कि डायबिटीज की समस्या अधिक मात्रा में मीठा खाने से होती है। ऐसे में आपको ये जानकर हैरानी होगी कि डायबिटीज और मोटापे की बीमारी अधिक मात्रा में चीनी खाने से नहीं बल्कि गलत घी और तेल खाने से होती है।

क्योंकि ये शरीर की नसों में कोलेस्ट्रोल को जमा करते हैं, जिससे ग्लूकोज को सेल्स सोख नहीं पातीं और ग्लूकोज लंबे समय तक ब्लड में ही मिला रहता है। जब यह प्रक्रिया लगातार होती है तो डायबिटीज टाइप-2 का कारण बन जाती है।

डायबिटीज का विज्ञान

डायबिटीज़ के पीछे एक गहरा विज्ञान छिपा है और नई रिसर्च बताती है कि सिर्फ शुगर खाने से मधुमेह नहीं होता बल्कि इसका एक और बड़ा दोषी है और वो है आपका कुकिंग ऑइल और घी। यानी वो तेल या घी, जिसमें आप रोज खाना बनाते हैं,वो भी इस बात के लिए जिम्मेदार है कि आपको डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी का खतरा बढ़ जाए।

फैट और डायबिटीज़ का सीधा कनेक्शन

एक बेहद चर्चित मेडिकल रिसर्च, जो अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित की गई, बताती है कि शरीर में आवश्यकता से अधिक सैचुरेटेड फैट (जैसे घी, मक्खन, फ्राई किए हुए तेलदार स्नैक्स) जब जमा हो जाते हैं तो वे इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाते हैं, जो डायबिटीज के लिए जिम्मेदार स्थिति है।

अब समझिए क्या होता है ये इंसुलिन रेजिस्टेंस

मीठा खाने के अलावा सामान्य भोजन खाने के बाद भी हमारे शरीर में ग्लूकोज बनता है। इसी ग्लूकोज को हमारे शरीर की कोशिकाएं (cells) ब्लड से ग्लूकोज सोखती है ताकि शरीर को जरूरी ऊर्जा मिलती रहे।

और कोशिकाएं ग्लूकोज को तभी सोख पाती हैं, जब इंसुलिन नामक हार्मोन उन्हें ये करने का "सिग्नल" देता है। लेकिन जब इन कोशिकाओं के आसपास तेल और घी से बना फैट जमने लगता है तो वो इंसुलिन का असर ब्लॉक कर देता है। इससे ग्लूकोज शरीर में घूमता रहता है लेकिन कोशिकाएं उसे ले नहीं पातीं।

क्या है इंसुलिन और कैसे बनता है?

यहां जरूरी कि आपको इंसुलिन के बारे में पता हो, इंसुलिन कोई साधारण हार्मोन नहीं है बल्कि शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोलर है। ये हमारे पैंक्रियाज (अग्न्याशय) में बनता है और इसका काम है – खून में मौजूद ग्लूकोज़ (शुगर) को कोशिकाओं के अंदर भेजना है ताकि वो एनर्जी में बदला जा सके।

लेकिन जब कोशिकाओं के आस-पास जमा फैट के कारण कोशिकाओं को सिग्नल नहीं मिल पाता तो वे इंसुलिन के संदेश को समझ नहीं पाती और ब्लड में ग्लूकोज यानी शुगर बढ़ती जाती है। और तब हम कहते हैं कि "डायबिटीज़ हो गई।" अब आप समझे कि कैसे आपके द्वारा खाया जाने वाला तेल और घी डायबिटीज होने की वजह है।

रिसर्च की पूरी जानकारी

डॉ. नील बर्नार्ड (Dr. Neal Barnard) – अमेरिका के प्रसिद्ध डायबिटीज़ विशेषज्ञ और फिजिशियन कमिटी फॉर रेस्पॉन्सिबल मेडिसिन (Physicians Committee for Responsible Medicine) के फाउंडर – बताते हैं "शुगर तो शरीर में तभी खतरा बनती है जब कोशिकाएं उसे सोख नहीं पातीं... और ये रुकावट तब आती है, जब फैट अंदरूनी अंगों पर चढ़ जाता है। इसलिए घी-तेल भरा खाना असली खतरा है।"

क्यों कम करें सैचुरेटेड फैट?

घी, बटर, तले हुए खाद्य पदार्थ और अधिक तेल वाला खाना, लिवर और पैंक्रियाज पर बुरा असर डालते हैं। ये अंग ही इंसुलिन के स्तर को कंट्रोल करते हैं। जब इन पर फैट जमा हो जाता है तब इंसुलिन का बनना और काम करना दोनों का तालमेल बिगड़ जाता है।

तो क्या मनचाही मात्रा में मीठा खा सकते हैं?

नहीं, ऐसा भी नहीं। अधिक शुगर और प्रोसेस्ड फूड भी डायबिटीज़ बढ़ाते हैं। लेकिन जब ये तेल और फैट से मिल जाते हैं तो खतरनाक कॉम्बिनेशन बनाते हैं। जैसे – गुलाब जामुन, हलवा, केक, बर्गर, समोसे। इनमें शुगर और फैट दोनों होते हैं।

लेकिन यदि आप प्राकृतिक शुगर जैसे – फल, गुड़, खजूर, शहद, गन्ना इत्यादि लेते हैं और वो भी संतुलित मात्रा में तो शरीर उन्हें ठीक से इस्तेमाल करता है, अगर फैट नहीं जमा हो।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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