Fallopian tubes Blocked fallopian tubes Fallopian tube blockage Fertility issues
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फैलोपियन ट्यूब का प्रेग्नेंसी में है बड़ा रोल, जानें बंद होने की वजह

प्रेग्नेंसी से पहले एग (Egg) और स्पर्म (Sperm) का मिलन अधिकतर इन्हीं फैलोपियन ट्यूब्स में होता है। यहीं से निषेचित अंडाणु (Fertilized Egg) गर्भाशय तक पहुंचता है


Blocked Fallopian Tubes Treatment: फैलोपियन ट्यूब, महिला प्रजनन प्रणाली का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। ये दो पतली नलिकाएं होती हैं जो अंडाशय (Ovaries) से गर्भाशय (Uterus) को जोड़ती हैं। जब कोई महिला गर्भधारण करती है तो अंडाणु (Egg) और शुक्राणु (Sperm) का मिलन अधिकतर इन्हीं फैलोपियन ट्यूब्स में होता है। यहीं से निषेचित अंडाणु (Fertilized Egg) गर्भाशय तक पहुंचता है।


लेकिन जब इन ट्यूब्स में कोई रुकावट या गड़बड़ी होती है, तो यह महिला की फर्टिलिटी (Fertility) यानी गर्भधारण करने की क्षमता को सीधे प्रभावित करती है। आइए जानें, फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी कौन-कौन सी आम समस्याएं महिलाओं को परेशान करती हैं और उनके लक्षण, कारण और उपचार क्या हैं।

1. फैलोपियन ट्यूब में रुकावट (Blocked Fallopian Tubes)

यह सबसे आम समस्या है। जब फैलोपियन ट्यूब्स बंद हो जाती हैं तो अंडाणु यानी एग्स और शुक्राणु यानी स्पर्म का मिलन संभव नहीं हो पाता। इससे महिला को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। अब सवाल ये उठता है कि फैलोपियन ट्यूब्स किन कारणों से बंद हो जाती हैं। तो इसके मुख्य और सबसे आम कारण ये हैं...


पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)

यौन संचारित रोग (STDs), जैसे क्लेमाइडिया या गोनोरिया

एंडोमेट्रिओसिस

पिछली सर्जरी से बना स्कार टिशू


फैलोपियन ट्यूब बंद होने के लक्षण क्या हैं?

अधिकतर मामलों में फैलोपियन ट्यूब्स बंद होने के कोई विशेष लक्षण नहीं होते। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण यदि महिलाएं अपने शरीर में नोटिस करती हैं तो इन पर ध्यान देने के बाद डॉक्ट से तुरंत मिलें। जैसे...

कुछ महिलाओं को पेल्विक पेन (पेट के निचले हिस्से में दर्द ) होना

अनियमित पीरियड्स होना यानी समय पर पीरियड्स ना होना या पीरियड्स में अनियमित ब्लीडिंग होना

लंबे समय तक गर्भधारण न हो पाना (Infertility)

2. हाइड्रोसैल्पिन्क्स (Hydrosalpinx)

यह स्थिति तब होती है जब फैलोपियन ट्यूब में तरल भर जाता है, जिससे ट्यूब सूज जाती है और उसमें रुकावट आ जाती है। ये स्थिति जिन कारणों से बनती है, वे इस प्रकार हैं...

पुराना संक्रमण

PID या सर्जरी के बाद बना स्कार

एंडोमेट्रिओसिस


फैलोपियन ट्यूब में लिक्विड भरने (हाइड्रोसैल्पिन्क्स) के लक्षण

हल्का या लगातार पेल्विक दर्द

गर्भधारण में कठिनाई

योनि से असामान्य डिस्चार्ज


हाइड्रोसैल्पिन्क्स का इलाज क्या है?

दवाओं से संक्रमण का इलाज

सर्जरी (Salpingectomy या ट्यूब हटाना)

IVF की सलाह दी जा सकती है क्योंकि यह ट्यूब को बायपास करता है

3. सैल्पिनजाइटिस (Salpingitis)

यह फैलोपियन ट्यूब की सूजन होती है, जो अक्सर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। अगर समय रहते इलाज न हो तो यह ट्यूब्स को नुकसान पहुंचा सकती है।


सैल्पिनजाइटिस के लक्षण क्या हैं?

तेज पेट दर्द

बुखार

योनि से पीला या हरा डिस्चार्ज

सेक्स के दौरान दर्द


सैल्पिनजाइटिस का इलाज क्या है?

एंटीबायोटिक दवाएं

गंभीर स्थिति में अस्पताल में इलाज या सर्जरी

4. एंडोमेट्रिओसिस से जुड़ी ट्यूब की समस्या

एंडोमेट्रिओसिस में गर्भाशय की अंदरूनी परत जैसे टिशू फैलोपियन ट्यूब्स पर बढ़ने लगते हैं, जिससे सूजन और चिपकने की समस्या हो सकती है। इससे ट्यूब में रुकावट आती है और फर्टिलिटी पर असर पड़ता है।

एंडोमेट्रिओसिस का इलाज

हार्मोनल थेरेपी

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

IVF विकल्प हो सकता है

5. अंडाशय से ट्यूब तक अंडाणु की गति में बाधा

कभी-कभी ट्यूब ब्लॉक न होने के बावजूद ट्यूब की मोटर कार्यप्रणाली (Cilia) ठीक से काम नहीं करती, जिससे अंडाणु गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता। यह सूक्ष्म समस्या भी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है।

उपचार और बचाव

समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच कराना

असुरक्षित यौन संबंधों से बचाव

पीरियड्स में लगातार असामान्य लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें

संक्रमण होने पर जल्द इलाज कराना

हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाना

फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी समस्याएं न केवल महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं, बल्कि समय रहते इलाज न हो तो ये अन्य जटिलताओं का रूप भी ले सकती हैं। इसलिए अगर लंबे समय तक गर्भधारण न हो पा रहा हो, बार-बार पेट में दर्द हो या अन्य असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। आज के मेडिकल विकल्प जैसे IVF और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से इन समस्याओं का समाधान संभव है – ज़रूरत है तो केवल जागरूकता और सही समय पर कदम उठाने की।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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