
यूरिन में झाग बनना है इस खराबी का लक्षण, सतर्कता से बच जाएगी किडनी
किडनी जब फिल्टरेशन का काम ठीक से नहीं कर पाती तो यूरिन में झाग आने की समस्या हो सकती है। क्योंकि यूरिन के जरिए एक न्यूट्रिऐंट शरीर से बाहर निकल रहा होता है...
Foamy Urine Cause: यूरिन के माध्यम से बॉडी शरीर के अंदर का अतिरिक्त पानी बाहर निकालती है, साथ ही बॉडी में जमा हुए टॉक्सिन्स को भी क्लीन करती है। लेकिन जब आप बार-बार देखें कि यूरिन में झाग बन रहा है तो यह केवल पानी की कमी नहीं बल्कि किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। यहां आपको यूरिन में झाग बनने के कारणों, रिसर्च-आधारित तथ्यों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानने को मिलेगा...
यूरिन में झाग क्यों बनता है?
तेज प्रवाह या यूरिन रुककर रखने की आदत
कई बार मूत्र देर तक रोकने के बाद एक साथ तेज़ प्रवाह में बाहर निकलता है, जिससे झाग बन जाता है। लेकिन ये झाग ज्यादा देर तक नहीं बने रहते, यह स्थिति अस्थायी होती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होती। लेकिन जो झाग अधिक मात्रा में बनते हैं और बने रहते हैं और झाग ऐसे दिखते हैं, जैसे सर्फ घुला हो तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria): गंभीर संकेत
अगर मूत्र में बार-बार झाग बनता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसमें प्रोटीन की मात्रा असामान्य रूप से अधिक है। यह स्थिति प्रोटीन्यूरिया कहलाती है और यह किडनी के क्षतिग्रस्त होने का संकेत देती है।
किडनी से जुड़ी रिसर्च
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, स्वस्थ किडनी प्रोटीन को फिल्टर करके शरीर में बनाए रखती है। लेकिन जब किडनी डैमेज होती है, तो वह प्रोटीन को मूत्र के रास्ते बाहर निकालने लगती है। इससे झागदार यूरिन बनता है- यह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में सामान्य रूप से देखा जाता है।
डिहाइड्रेशन (Dehydration)
शरीर में पानी की कमी के कारण यूरिन अधिक गाढ़ा हो जाता है, जिससे उसमें झाग बन सकता है। गाढ़े यूरिन में यूरिया और अन्य सॉल्यूट्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे फोम जैसा असर दिखता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)UTI के दौरान मूत्र में बैक्टीरिया और श्वेत रक्त कोशिकाएं आ सकती हैं, जो झाग बनाते हैं। इसके साथ पेशाब में जलन, बदबू और बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षण भी होते हैं।
ज्यादा प्रोटीन डाइट या सप्लीमेंट
फिटनेस के प्रति सजग लोग अक्सर हाई-प्रोटीन डाइट या सप्लीमेंट लेते हैं। यदि शरीर प्रोटीन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता, तो वह मूत्र के माध्यम से बाहर निकलने लगता है और झाग बनता है।
किन लोगों को अधिक खतरा होता है?
डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग
जिम जाने वाले युवा जो प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं
पानी कम पीने वाले लोग
जिनकी फैमिली हिस्ट्री में किडनी डिजीज रही हो
गर्भवती महिलाएं (कभी-कभी प्रेग्नेंसी में प्रोटीन्यूरिया देखा गया है)
उपचार और समाधान
पर्याप्त पानी पिएं: रोजाना 8–10 गिलास पानी पीना झाग को कम करने में मदद करता है।
संतुलित प्रोटीन इनटेक रखें: अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा पर नजर रखें।
यूरिन टेस्ट कराएं: यूरिन रूटीन एंड माइक्रोस्कोपिक एग्जामिनेशन (Urine R/M) और 24-hr प्रोटीन टेस्ट से किडनी की स्थिति का पता चलता है।
UTI का इलाज: डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक लें और स्वच्छता बनाए रखें।
ब्लड प्रेशर और शुगर पर नियंत्रण रखें: ये दोनों ही किडनी फंक्शन पर प्रभाव डालते हैं।
बचाव के उपाय
नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
रोजाना योग और व्यायाम करें
अत्यधिक नमक और पैकेज्ड फूड से बचें
तले-भुने और अधिक प्रोटीन वाले फूड्स का सीमित सेवन करें
यूरिन में झाग कभी-कभार दिखना सामान्य हो सकता है। लेकिन जब यह आदत बन जाए तो सावधान होना जरूरी है। यह आपके किडनी स्वास्थ्य या शरीर में प्रोटीन असंतुलन का संकेत हो सकता है। सही समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार करके आप इस समस्या से पूरी तरह बच सकते हैं। यदि झाग के साथ सूजन, थकावट या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।