
मुसीबत बना हेयर कलर, बढ़ा रहा थायरॉइड और प्रेग्नेंसी संबंधी ये बीमारियां
महिलाओं को हेयर डाई और हेयर कलर के उपयोग से बचना चाहिए। इनसे मनचाहे बाल तो मिल जाते हैं लेकिन हेल्थ संबंधी चुनौतियां बढ़ जाती हैं। जानें, इनके विकल्प क्या हैं..
Hair Color And Hair Dye Effect On Women Health: बालों को कलर करना फैशन का हिस्सा बन गया है। महिलाएं सफेद बालों को छुपाने या स्टाइलिश लुक के लिए हेयर डाई (Hair Dye) और हेयर कलर (Hair Color) का उपयोग करती हैं। हालांकि इनमें मौजूद केमिकल्स लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। यहां जानिए कि आखिर क्यों विशेष रूप से महिलाओं को हेयर डाई और हेयर कलर के उपयोग से बचना चाहिए...
हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स का प्रभाव
हेयर डाई और हेयर कलर में आमतौर पर अमोनिया (Ammonia), पैराबेन्स (Parabens), हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide) और पीपीडी (PPD) जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं। ये केमिकल्स बालों की जड़ों को कमजोर करते हैं और स्कैल्प एलर्जी, खुजली और जलन का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक इनका इस्तेमाल बाल झड़ने (Hair Fall) और समय से पहले सफेद होने की समस्या को बढ़ा सकता है।
हार्मोनल असंतुलन का खतरा
हेयर डाई में मौजूद पैराबेन्स और अन्य केमिकल्स त्वचा के रोम छिद्रों के माध्यम से शरीर में पहुंच जाते हैं और ना केवल हमारी त्वचा पर बल्कि शरीर के दूसरे अंगों पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं। जैसे कि हमारा लिवर। इसके साथ ही इन केमिकल्स के कारण हार्मोनल असंतुलन की समस्या बढ़ सकती है। वैसे भी महिलाओं में हॉर्मोन्स से जुड़ी समस्याएं अधिक होती हैं। ऐसे में अगर किसी महिला को पहले से ही इस तरह की कोई दिक्कत है तो इन केमिकल्स के कारण स्थिति गंभीर बन सकती है। ये केमिकल महिलाओं में थायरॉइड, पीसीओएस (PCOS) और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
स्किन एलर्जी और कैंसर का खतरा
PPD जैसे केमिकल्स स्किन एलर्जी और जलन पैदा कर सकते हैं। महिलाओं की स्किन वैसे भी अधिक कोमल होती है। साथ ही यदि किसी महिला की स्किन सेंसेटिव हो तो एलर्जी का चांस और भी बढ़ जाता है। खासकर गहरे रंग के हेयर डाई में ये केमिकल्स ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए अगर आप कभी-कभार ही इनका उपयोग करना चाहती हैं तो हल्के रंगों का चुनाव करना एक सही निर्णय हो सकता है। क्योंकि कुछ रिसर्च के मुताबिक, लंबे समय तक हेयर डाई के उपयोग से ब्लैडर कैंसर और ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) का खतरा बढ़ सकता है।
बालों की प्राकृतिक बनावट पर असर
हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स बालों के नेचुरल प्रोटीन को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बाल रूखे, बेजान और कमजोर हो जाते हैं। बार-बार बालों को डाई करने से बालों की प्राकृतिक चमक खत्म हो जाती है और बाल जल्दी टूटने लगते हैं।
हेयर डाई और हेयर कलर के नेचुरल विकल्प
- अगर आप बालों को कलर करना चाहती हैं तो प्राकृतिक विकल्प जैसे मेहंदी (Henna), आंवला (Amla) और भृंगराज (Bhringraj) इत्यादि हर्बल कलर का उपयोग करें। ये न सिर्फ बालों को प्राकृतिक रंग देते हैं बल्कि उन्हें पोषण भी प्रदान करते हैं।
- आप दही में आंवला पाउडर, थोड़ा हिना पाउडर, कॉफी पाउडर मिलाकर बालों पर लगा सकती हैं। इससे बालों का प्राकृतिक रंग उभरेगा और इनकी चमक भी बढ़ेगी।
- समय-समय पर प्याज का रस और चुकंदर का रस बालों में लगाकर इन्हें सुंदर, घना और चमकदार बनाए रखने में बहुत अधिक हेल्प होती है। इसलिए आप इन सभी ऑप्शन को अवश्य ही ट्राई करें।
सुंदर दिखना बहुत जरूरी है लेकिन सुंदरता के लिए सेहत की कुर्बानी देना कोई समझदारी नहीं है। इसलिए महिलाओं को अपनी सेहत और बालों की देखभाल को प्राथमिकता तो देनी चाहिए लेकिन अधिक मात्रा में प्राकृतिक चीजों के साथ। केमिकल युक्त हेयर डाई और हेयर कलर का उपयोग करने की बजाय प्राकृतिक विकल्प अपनाएं। इससे बाल लंबे समय तक स्वस्थ और मजबूत बने रहेंगे। किसी भी हेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी उत्पाद के इस्तेमाल से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।