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नाश्ते में अलग-अलग विधि से खाएं अंकुरित और घटाएं वजन

नाश्ते में इन तरीकों से खाएं स्प्राउ्टस, वेट कंट्रोल में मिलेगा फायदा

अंकुरित को सीधे खाया जाए तो ये हर किसी को नहीं पचते हैं। खासतौर पर जिनका डायजेशन वीक हो, उन्हें कई दिकक्तें हों सकती है। इन्हें खाने की विधि और लाभ यहां जानें..


Healthy Breakfast: आज की व्यस्त दिनचर्या में लोग हेल्दी रहने के लिए अपने खान-पान को लेकर पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं। ऐसे में जब बात आती है सुबह के नाश्ते की तो हर कोई चाहता है कि उनका पहला आहार न केवल ऊर्जा देने वाला हो। साथ ही बॉडी की न्यूट्रिशन संबंधी सभी जरूरतों को भी पूरा करे। इस संदर्भ में स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज बेहद लोकप्रिय और पोषण से भरपूर विकल्प बनकर उभरे हैं। लेकिन क्या यह सुपरफूड हर किसी के लिए फायदेमंद है? इसी बारे में यहां बताया गया है...

स्प्राउट्स क्या होते हैं और इनमें क्या खास होता है?

स्प्राउट्स वे बीज होते हैं, जिन्हें पानी में भिगोने और कुछ समय तक नमी में रखने के बाद अंकुर निकल आते हैं। यह अंकुरण प्रक्रिया बीज के पोषक तत्वों को सक्रिय करती है और इन्हें पचाने में आसान बनाती है। आमतौर पर मूंग, चना, मेथी और मूली के बीज अंकुरित किए जाते हैं।

अंकुरित खाने से क्या मिलता है?

प्रोटीन – शरीर की कोशिकाओं के निर्माण में सहायक

फाइबर – पाचन में सुधार और वजन नियंत्रण

एंजाइम्स – भोजन को आसानी से पचाने में मदद

विटामिन C, K, और B-complex – इम्युनिटी और ऊर्जा के लिए जरूरी

आयरन, जिंक और मैग्नीशियम – शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में सहायक

नाश्ते में स्प्राउट्स क्यों हैं परफेक्ट चॉइस?

ऊर्जा का तत्काल स्रोत: सुबह उठने के बाद शरीर को ऊर्जा की ज़रूरत होती है, जिसे स्प्राउट्स तुरंत पूरा कर सकते हैं। इनमें मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन शरीर को धीमी और स्थिर ऊर्जा प्रदान करते हैं।

वजन घटाने में सहायक: फाइबर से भरपूर होने के कारण ये देर तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं और अनावश्यक कैलोरी इनटेक से बचाते हैं।

ब्लड शुगर कंट्रोल: लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने की वजह से ये डायबिटिक मरीजों के लिए भी अच्छा विकल्प हो सकते हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में सावधानी की ज़रूरत होती है (जिसे हम आगे चर्चा करेंगे)।

पाचन में सुधार: स्प्राउट्स में मौजूद एंजाइम्स पाचन क्रिया को तेज करते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

हृदय स्वास्थ्य: इनमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

किन्हें नहीं खाना चाहिए स्प्राउट्स?

हालांकि स्प्राउट्स सुपरफूड की श्रेणी में आते हैं, लेकिन ये सभी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। कुछ विशेष स्थितियों में इनका सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है:

गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग: कच्चे स्प्राउट्स में Salmonella या E. coli जैसे बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इन लोगों को या तो स्प्राउट्स को हल्का भाप में पकाकर खाना चाहिए या पूरी तरह से परहेज करना चाहिए।

कमज़ोर इम्युनिटी वाले लोग: कैंसर ट्रीटमेंट, एचआईवी या अन्य इम्यूनो-कंप्रोमाइज्ड स्थितियों में रहने वाले लोगों को स्प्राउट्स से दूरी रखनी चाहिए।

पेट के रोगी या गैस्ट्रिक अल्सर वाले मरीज: अधिक मात्रा में कच्चे स्प्राउट्स खाना पेट में गैस, अपच या असहजता का कारण बन सकता है।

कैसे खाएं स्प्राउट्स ताकि मिलें अधिकतम लाभ?

हमेशा ताजे और स्वच्छ पानी में उगाए गए स्प्राउट्स का ही सेवन करें।

चाहें तो इन्हें हल्का भाप में पकाकर खाएं, जिससे बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं और पोषक तत्वों की अधिकता बनी रहे।

नींबू, नमक, टमाटर, प्याज आदि मिलाकर चाट की तरह सेवन करें जिससे स्वाद के साथ पोषण भी मिल सके।

क्या स्प्राउट्स हर सुबह की शुरुआत का सही विकल्प हैं?

एक पीएचडी स्कॉलर के नज़रिए से देखा जाए तो स्प्राउट्स एक संपूर्ण और जीवंत पोषण स्रोत हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के हर पहलू को छूते हैं—चाहे बात हो मेटाबॉलिज्म की, इम्युनिटी की या पाचन की। परंतु हर सुपरफूड की तरह, स्प्राउट्स का भी विवेकपूर्ण सेवन ज़रूरी है।

यदि आपकी जीवनशैली सक्रिय है और पाचन तंत्र मजबूत है, तो नाश्ते में स्प्राउट्स एक बेहतरीन शुरुआत हो सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह से ही इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें। क्योंकि जब बात सेहत की हो तो हर कदम सोच-समझकर उठाना ही समझदारी है

डिसक्लेमर- यह आर्टिकल केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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