
साथ में खाए ये हेल्दी फूड्स तो पक्का बीमार पड़ेंगे, होगा धीमे जहर जैसा असर
साथ में खाने से धीमे जहर जैसा असर करते हैं ये हेल्दू फूड्स.किन खाद्य पदार्थों का सेवन साथ में नहीं करना चाहिए, यहां जानें...
Opposite Foods: जो फूड्स सेहत के लिए गुणकारी होते हैं अगर इन्हें सही कॉम्बिनेशन के साथ ना लिया जाए तो ये भी शरीर के लिए धीमे जहर का काम करने लगते हैं. आप इन्हें अपनी डेली डायट में इसलिए लेते हैं ताकि स्वस्थ रहें लेकिन अगर आपने इन फूड्स को इनके विपरीत गुणों वाले अन्य किसी फूड के साथ मिक्स करके खाया या उसके साथ में खाया तो एक दिन आपकी सेहत जरूर साथ छोड़ देगी. यहां जान लीजिए कि आयुर्वेद में किन फूड्स को साथ में खाने के लिए मना किया गया है और इसका कारण क्या है...
आयुर्वेद (Ayurveda) हमारे शरीर की तरह ही हमारे आहार के महत्व को बहुत गहरे से समझता है। इसमें कहा गया है कि भोजन के गुणों और हमारी शारीरिक स्थिति के बीच एक सही संतुलन बनाना बहुत जरूरी है। अगर हम अपनी डेली डायट में विरोधी प्रकृति के आहार यानी ऐसी चीजें खाएं, जो गुणों में एक-दूसरे के एकदम विपरीत होती हैं,इन्हें खाएंगे तो ये हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डालती हैं। आयुर्वेद में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के इस संयोजन को ‘विपरीत आहार’ (Opposite Foods) कहा जाता है। इसलिए किन खाद्य पदार्थों का संयोजन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है और हमें इनसे कैसे बचना चाहिए इस बारे में हम सभी को पता होना चाहिए।
दूध और फल: एक साथ क्यों नहीं?
आयुर्वेद में दूध (Milk) और फल (Fruits) को एक साथ खाने की सलाह नहीं दी जाती। दूध की तासीर ठंडी (Cooling) होती है जबकि फल ताजगी (Freshness) प्रदान करते हैं क्योंकि इनमें कम या अधिक मात्रा में साइट्रिक एसिड अवश्य होता है। जब हम इन दोनों का एक साथ सेवन करते हैं तो यह पाचन तंत्र (Digestive System) पर बोझ डाल सकता है और गैस (Gas) जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। बेहतर होगा कि इन्हें अलग-अलग समय पर खाएं, ताकि शरीर इनका सही तरीके से पाचन कर सके। फल खाने के दो घंटे बाद दूध पी सकते हैं और दूध पीने के दो घंटे बाद फल आराम से खा सकते हैं.
मांसाहार और दूध: शरीर के लिए अव्यवस्थित संयोजन
मांसाहार (Meat) और दूध का मिश्रण आयुर्वेद में सख्त रूप से मना किया गया है। मांसाहार गर्म (Hot) और भारी (Heavy) होता है जबकि दूध ठंडा और सुपाच्य (Easily Digestible) होता है। इन दोनों के विपरीत गुण पाचन में रुकावट डाल सकते हैं और शरीर में विषाक्तता (Toxins) बढ़ जाती है। ऐसे संयोजन से बचना चाहिए ताकि पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम कर सके।
दही और मांसाहार: क्यों है यह संयोजन हानिकारक?
दही (Curd) और मांसाहार का एक साथ सेवन भी आयुर्वेद में अवांछनीय माना जाता है। दही ठंडा और हल्का होता है जबकि मांसाहार गरम और भारी होता है। इन दोनों का मिलाजुला असर शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण कर सकता है, जिससे शरीर की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके बजाय इन खाद्य पदार्थों को अलग-अलग समय पर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
शहद और गर्म भोजन: संयोजन से हो सकता है नुकसान
शहद (Honey) और गर्म भोजन (Hot Foods) का मिश्रण भी आयुर्वेद में अवांछनीय है। शहद को हमेशा ठंडे या हल्के (Light) भोजन के साथ ही खाना चाहिए। जब हम इसे गर्म भोजन के साथ खाते हैं तो यह शरीर में विषाक्तता (Toxins) पैदा कर सकता है और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। शहद को हमेशा ताजे और हल्की प्रकृति के भोजन के साथ सेवन करें। जब दूध के साथ शहद लेना हो तो इस बात का ध्यान रखें कि दूध बहुत हल्का गुनगुना हो ना कि तेज गर्म। ताकि इसके लाभ मिल सकें।
आलू और दही: क्यों है यह संयोजन गलत?
आलू (Potatoes) और दही का एक साथ सेवन आयुर्वेद में गलत माना जाता है। आलू गर्म और भारी होते हैं जबकि दही ठंडी और सुपाच्य होती है। इस संयोजन से शरीर में असंतुलन (Imbalance) पैदा हो सकता है, जो पाचन समस्याओं (Digestive Issues) का कारण बन सकता है। बेहतर होगा कि आप आलू और दही को अलग-अलग समय पर खाएं।
पानी और भोजन: क्या है सही तरीका?
आयुर्वेद में भोजन के साथ ज्यादा पानी पीने से बचने की सलाह दी जाती है। पानी (Water) भोजन के साथ लेने से पाचन (Digestion) प्रक्रिया धीमी हो जाती है क्योंकि यह पेट में मौजूद एंजाइम्स (Enzymes) को पतला कर देता है। इससे गैस,सूजन और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं (Digestive Issues) हो सकती हैं। भोजन के आधे घंटे बाद पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। यदि किसी स्थिति में भोजन के साथ पानी पीना ही हो तो गुनगुना पानी पीना चाहिए।
नमकीन और मीठा: क्यों है यह संयोजन गलत?
आयुर्वेद के अनुसार, नमकीन (Salty) और मीठे (Sweet) खाद्य पदार्थों का संयोजन शरीर में असंतुलन उत्पन्न कर सकता है। इन दोनों के विपरीत गुण होते हैं और जब हम इन्हें एक साथ खाते हैं तो यह पाचन (Digestion) और शरीर की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इससे गैस (Gas), सूजन (Bloating) और अन्य पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। बेहतर होगा कि आप इन खाद्य पदार्थों को अलग-अलग समय पर सेवन करें।
आयुर्वेद में खाद्य पदार्थों के संयोजन का बहुत महत्व है। विपरीत आहार से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने शरीर और पाचन तंत्र को समझें और सही आहार का चयन करें। जब हम सही संयोजन में आहार ग्रहण करते हैं तो यह हमारे शरीर को संपूर्ण रूप से लाभ पहुंचाता है और हमें ऊर्जा (Energy) और स्वास्थ्य (Health) का अहसास होता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित है। आहार संबंधी किसी भी परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।