दिल 6 से 8 साल पहले देता है बीमारी के लक्षण, ना करें अनदेखा
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दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण कैसे पहचानें?

दिल 6 से 8 साल पहले देता है बीमारी के लक्षण, ना करें अनदेखा

इन्हीं शुरुआती संकेतों को पकड़ने के लिए एक आसान तरीका सामने आता है- H.E.A.R.T. मेथड। यह उपाय लक्षणों को समझने, जोखिम जानने और आपात स्थिति बनने से पहले...


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दिल की बीमारी को अधिकांश लोग तभी समझते हैं, जब वह जीवन को हिलाकर रख देने वाली अवस्था में पहुंच चुकी होती है। जबकि विज्ञान लगातार यही कहता है कि दिल की परेशानी अचानक नहीं आती बल्कि यह सालों पहले से छोटे-छोटे संकेत देती है...

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन ने पाया कि 99% लोगों में हार्ट अटैक से पहले कम से कम एक जोखिम कारक पहले ही मौजूद होता है। लेकिन हम दैनिक जीवन की भागदौड़ में इन्हें 'थकान', 'टेंशन' या 'गैस' मानकर अनदेखा कर देते हैं।

इन्हीं शुरुआती संकेतों को पकड़ने के लिए एक आसान तरीका सामने आता है- H.E.A.R.T. मेथड। यह उपाय लक्षणों को समझने, जोखिम जानने और आपात स्थिति बनने से पहले कार्रवाई करने में मदद करता है।


दिल की बीमारी के शुरुआती संकेत

अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के एक लंबे अध्ययन में दिखाया गया कि हार्ट अटैक से 6–10 साल पहले तक शरीर चेतावनियां भेजना शुरू कर देता है। लेकिन लोग इन्हें थकान, तनाव या गैस समझकर अनदेखा कर देते हैं। शुरुआती चेतावनियों को रोकने में H.E.A.R.T मेथड बेहद कारगर माना जा रहा है। ये क्या है और कैसे सहायता कर सकता है, यहां समझें...

H - छिपे पैटर्न (Hidden Patterns)

शुरुआती लक्षण बहुत ही हल्के या कहिए कि बारीक होते हैं, जो अन्य समस्याओं से आसानी से मिल जाते हैं। हल्की थकान, नींद की गुणवत्ता बिगड़ना, थोड़ा-सा टहलते ही सांस फूलना, शरीर में अकारण भारीपन। इन्हें नोटिस करें। यदि से समस्याएं लगातार बनी रहती हैं तो अनदेखा ना करें।

University of Gothenburg (Sweden) के एक 12-साल लंबे दीर्घकालिक अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों में 'असामान्य थकान' और 'हल्का सांस फूलना' जैसे पैटर्न दिखाई दिए, उनमें आगे चलकर कार्डियक इवेंट्स का जोखिम 2.5 गुना अधिक था। अर्थात शरीर पहले ही फुसफुसाकर बताना शुरू कर देता है, बस हमें सुनने के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

E – दैनिक लक्षण (Everyday Symptoms)

छाती में हल्का दबाव, बांह या जबड़े में कभी-कभी खिंचाव, असामान्य धड़कन और फड़फड़ाहट जैसा अनुभव, ये संकेत आम दिखते हैं लेकिन महत्वपूर्ण हैं।

हार्वर्ड स्कल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक बड़े क्लीनिकल एनालिसिस में पाया गया कि हार्ट अटैक से पहले आने वाले सीने में हल्के दर्द के लक्षणों को लोग सामान्य मानकर 70% तक अनदेखा कर देते हैं, जिसके कारण इलाज देर से मिलता है।

इसी तरह यूरोपियन हर्ट जर्नल (European Heart Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि भोजन के बाद होने वाला छाती के ऊपरी हिस्से में दबाव का अनुभव होना भी हृदय को पर्याप्त रक्त न मिल पाने (coronary insufficiency) का संकेत हो सकता है।

A – सही सवाल पूछें (Ask Better Questions)

हर नए लक्षण को लेकर सवाल पूछना आवश्यक है

क्या यह नया है?

क्या यह बार-बार हो रहा है?

क्या यह पिछले हफ्तों से बढ़ रहा है?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के शोध में कहा गया कि जो लोग अपने लक्षणों को ट्रैक करते हैं, उनमें कार्डियक इमरजेंसी की पहचान 3–4 गुना जल्दी हो जाती है।

R – जोखिम को समझें (Risk Reality)

तनाव, निष्क्रियता से भरी जीवन शैली, खराब नींद, मैदा और फैट से भरपूर भोजन, आनुवंशिकता इत्यादि ये सब समय के साथ दिल पर बोझ डालते जाते हैं।

फ़्रेमिंघम हृदय अध्ययन (एक दीर्घकालीन जनस्वास्थ्य शोध, जिसमें हृदय रोग के जोखिम कारकों का कई दशकों तक अध्ययन किया गया), जो दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित कार्डियक अध्ययन माना जाता है, इसने साबित किया कि

दैनिक जीवन की 4–5 छोटी आदतें (कम नींद, तनाव, कम फिजिकल एक्टिविटी, हाई-सॉल्ट फूड्स) मिलकर व्यक्ति को धीरे-धीरे दिल से जुड़ी बीमारी के गंभीर स्तर तक धकेल देती हैं।

AI-based 2024 study (Journal of Medical Internet Research) में यह भी पाया गया कि दिल के जोखिम वास्तव में 7–8 साल पहले तक पता किए जा सकते हैं अगर हम सूक्ष्म संकेतों को नोटिस करें।

T – समय रहते कार्रवाई करें (Take Action Early)

दिल की बीमारी के शुरुआती स्तर पर जरूरी टेस्ट जैसे, ECG, blood pressure tracking, inflammation markers (CRP), cholesterol profile इत्यादि कराने से, ये सभी दिल को गंभीर नुकसान से पहले बचा सकते हैं।

साइंस जर्नल द लैंसेट (The Lancet) में प्रकाशित एक meta-analysis के अनुसार, समय रहते उपचार शुरू करने से हार्ट मसल को होने वाला नुकसान 40–60% तक कम हो सकता है।

Journal of the American College of Cardiology में प्रकाशित एक 2022 शोध में पाया गया कि जो लोग शुरुआती सीने में होने वाली असहजता पर 24 घंटे के भीतर मेडिकल जांच करा लेते हैं, उनमें दिल से संबंधित गंभीर बीमारियों का खतरा 53% कम हो जाता है। इसलिए, लक्षणों को बढ़ने का इंतजार मत कीजिए, बचाव बहुत प्रभावी है।



दिल की समस्या के संकेत

आराम के बाद भी न जाने वाली थकान

छाती में दबाव या हल्का भारीपन

चलने/सीढ़ियां चढ़ने पर असामान्य सांस फूलना

ठंडा पसीना

धड़कन का असामान्य महसूस होना

भोजन के बाद सीने में heaviness या palpitations

ब्रिटिश हर्ट फाउंडेशन के अनुसार, इनमें से किसी एक संकेत का बार-बार दिखाई देना, भविष्य की कार्डिएक इमर्जेंसी (cardiac emergency) का शुरुआती लक्षण हो सकता है।


शुरुआती पहचान क्यों आवश्यक है?

आपात स्थिति से पहले चिकित्सीय सहायता लेने का समय मिलता है।

दिल की मांसपेशियों को होने वाले स्थायी नुकसान को कम किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल, BP, शुगर को शुरुआती स्तर में नियंत्रित किया जा सकता है।

स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसे जटिल जोखिम कम किए जा सकते हैं।

हालिया शोध अमेरिकन जर्नल ऑप कार्डियोलॉजी (American Journal of Cardiology) कहता है कि प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप से मौत का जोखिम 30–50% तक कम हो सकता है।

दिल अचानक धोखा नहीं देता बल्कि वह पहले संकेत देता है, लेकिन चुपचाप। अगर हम उन संकेतों को समय रहते समझ लें और उचित कदम उठाएं तो दिल अपनी ताकत लंबे समय तक बनाए रख सकता है। समय पर पहचाने और कदम बढ़ाएं। दिल को सुरक्षित रखें क्योंकि जीवन की धड़कन उसी से है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।


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