
हर्बल सप्लिमेंट भी पहुंचाते हैं हार्म, लेने से पहले जानें ये जरूरी बात
हेप्टोलॉजी, बीएमजे केस रिपोर्ट जैसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में प्रकाशित रिपोर्ट्स और अमेरिका की लिवर इंजरी नेटवर्क से मिली जानकारी इस खतरे की पुष्टि करती हैं
Liver Damage: स्ट्रेस बढ़ने के कई कारण हैं। हर किसी लाइफ में अलग-अलग कारणों के चलते कभी ना कभी स्ट्रेस बहुत अधिक हावी हो ही जाता है। ऐसे में जरूरत होती है, कुछ ऐसे सप्लिमेंट्स की, जो दिमाग को शांत करने और मूड को बूस्ट करने में हेल्प करें। हमारे देश में ज्यादातर लोग देसी और हर्बल चीजों पर विश्वास करते हैं इसलिए इस तरह की स्थिति में नेचुरल चीजों को प्राथमिकता देते हैं।
हर्बल सप्लिमेंट्स भी इसलिए हो सकते हैं खतरनाक
यह सोचकर कि नेचुरल चीजें हमेशा सुरक्षित होती हैं। लेकिन ताजा मेडिकल रिपोर्ट्स बताती हैं कि तनाव कम करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कुछ सामान्य हर्बल सप्लीमेंट्स लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। अश्वगंधा, कावा, वेलेरियन रूट और क्रेटम जैसे हर्बल उत्पाद दुनियाभर में तनाव, एंग्जायटी और नींद से जुड़ी समस्याओं के लिए खूब इस्तेमाल हो रहे हैं।
लेकिन अब डॉक्टर और रिसर्चर्स चेतावनी दे रहे हैं कि ये सप्लीमेंट्स, खासकर बिना डॉक्टर की सलाह के लेने पर, ड्रग-इंड्यूस्ड लिवर इंजरी (DILI) का कारण बन सकते हैं। Hepatology Communications की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में रिपोर्ट हुई 20% लिवर इंजरीज़ हर्बल और डाइटरी सप्लीमेंट्स के कारण हुईं।
क्या कहती है रिसर्च?
Hepatology, BMJ Case Reports जैसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में प्रकाशित रिपोर्ट्स और अमेरिका की लिवर इंजरी नेटवर्क से मिली जानकारी इस खतरे की पुष्टि करती हैं। खतरे के कारणों के बारे में ये बात करें तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सिर्फ इन सप्लिमेंट्स को लेना काफी नहीं बल्कि सही तरीके से लेना जरूरी है। जानिए गलत तरीके से खाने पर किस हर्बल सप्लिमेंट का कैसा असर होता है...
कावा (Kava – Piper methysticum) का उपयोग तनाव और चिंता को दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से किया जाता है। विशेषतौर पर प्रशांत द्वीपों में इस्तेमाल। लेकिन कई मामलों में इससे लाभ की जह हानि की खतरा अधिक बन जाता है। क्योंकि कई मामलों में यह लिवर फेलियर, हेपेटाइटिस और मौत तक का कारण बना है।
क्योंकि इसमें मौजूद कावा-लैक्टोन्स नामक तत्व लिवर की कोशिकाओं को सीधे नुकसान पहुंचा सकते हैं। और ऐसा तब होता है, जब कावा को गलत तरीके से और गलत मात्रा में लिया जाए। इसलिए इसका सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
वेलेरियन रूट (Valerian Root) का उपयोग नींद लाने और मन को शांत करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसे लंबे समय तक या अधिक मात्रा में लेने पर लिवर टॉक्सिसिटी का खतरा बहुत अधिक बन बढ़ जाता है। स्पेशली अगर इसे अन्य दवाओं के साथ लिया जाए।
अश्वगंधा (Ashwagandha – Withania somnifera) का उपयोग तनाव, थकान और एंग्जायटी को दूर करने के लिए लोकप्रिय हर्बल मेडिसिन के रूप में किया जाता है। ये एक बहुत ही ट्रस्टेबल आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है और कई तरह की बीमारियों को कंट्रोल करने में भी काम आता है।
हालांकि कुछ समय पहले इसके सेवन के बाद कई देशों से पीलिया, हेपेटाइटिस और लिवर एंजाइम्स बढ़ने जैसे लक्षणों के मामले सामने आए हैं। और इन समस्याओं के दिखने का संभावित कारण कुछ मामलों में अशुद्धि, भारी धातुओं की मिलावट या किन्हीं खास स्थितियों में शरीर की प्रतिक्रिया इस प्रकार की समस्याओं के कारण हो सकते हैं।
क्रेटम (Kratom – Mitragyna speciosa) का उपयोग मूड बेहतर बनाने, तनाव घटाने और दर्द कम करने के लिए लिया जाता है। लेकिन गलत विधि से या गलत मात्रा में लेने से कोलेस्टैटिक हेपेटाइटिस और लिवर फेलियर से जुड़ा हुआ खतरा हो सकता है। इसी कारण कई देशों में बिना प्रिस्क्रिप्शन के इसे बैन किया जा चुका है।
लिवर पर इन सप्लीमेंट्स का असर क्यों होता है?
BMJ Case Reports में प्रकाशित 2021 की एक स्टडी में अश्वगंधा से जुड़ी तीव्र लिवर डैमेज के कई केस सामने आए। लिवर हमारे शरीर का वह अंग है जो हर चीज़ को मेटाबोलाइज़ करता है। फिर चाहे वह दवाई हो या हर्बल पदार्थ। इन सप्लीमेंट्स में मौजूद कुछ तत्व सीधे लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। या ऑटोइम्यून जैसी प्रतिक्रिया पैदा कर सकते हैं। साथ ही बाइल फ्लो को रोक सकते हैं (कोलेस्टैसिस)।
अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन कर लिवर पर अतिरिक्त दबाव बना सकते हैं। साथ ही, इन सप्लीमेंट्स का निर्माण अक्सर बिना रेगुलेशन के होता है, जिससे इनमें मिलावट, भारी धातु या गलत लेबलिंग की संभावना रहती है।
क्या सावधानियां बरतें?
अमेरिकन असोसिऐशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर डिजीज (AASLD) ने भी चेतावनी दी है कि हर्बल सप्लीमेंट्स से लिवर को खतरा हो सकता है। इसलिए इनका उपयोग सावधानीपूर्वक होना चाहिए।
तनाव कम करने के सुरक्षित और वैज्ञानिक उपाय
बिना डॉक्टर की सलाह के हर्बल सप्लीमेंट्स लेने की बजाय, तनाव कम करने के लिए इन वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया जा सकता है...
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन
नियमित व्यायाम
कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT)
डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं
एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर डाइट जैसे ग्रीन टी, हल्दी, बेरीज़ आदि
अगर सप्लीमेंट्स लेने की ज़रूरत हो तो
सिर्फ प्रमाणित ब्रांड्स से ही खरीदें।
एक साथ कई हर्बल उत्पादों का सेवन न करें
और डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
हर्बल सप्लीमेंट्स से तनाव को कम करना संभव हो सकता है। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें लेना पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा करने पर ये लिवर को डैमेज कर सकते हैं। लिवर हमारी सेहत की नींव है और इन सप्लीमेंट्स से उसका अनजाने में नुकसान हो सकता है। अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं और हर्बल सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो सबसे पहले गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और आइज स्पेशलिस्ट से परामर्श अवश्य लें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह करें।