
देश में डॉक्टरों की भारी कमी: संसद में खुलासा, 811 लोगों पर महज 1 डॉक्टर
स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बताया कि देश में डॉक्टर-पॉपुलेशन अनुपात 1:811; मेडिकल कॉलेजों और MBBS-PG सीटों में 2014 से तेज़ बढ़ोतरी हुई है।
Medical Facilities In India : भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े एक महत्वपूर्ण आंकड़े ने मंगलवार को संसद में गहरी चिंता पैदा कर दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राज्यसभा में बताया कि देश का डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 है, यानी 811 लोगों पर सिर्फ एक डॉक्टर उपलब्ध है।
एलोपैथिक और आयुष दोनों मिलाकर देश में कुल 21 लाख से अधिक पंजीकृत डॉक्टर हैं, लेकिन इनमें से लगभग 80% डॉक्टरों के ही सक्रिय रूप से सेवाएं देने का अनुमान लगाया जाता है। इसी आधार पर यह राष्ट्रीय अनुपात निकाला गया है।
2014 के बाद मेडिकल शिक्षा का विस्तार: कॉलेज और सीटें दोगुनी
नड्डा ने संसद में ये भी जानकारी दी कि पिछले एक दशक में मेडिकल शिक्षा ढांचे में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है, जिसके चलते
मेडिकल कॉलेज: 387 से बढ़कर 818 हो गए हैं.
एमबीबीएस सीटें: 51,348 से बढ़कर 1,28,875 हो गयी हैं.
पीजी सीटें: 31,185 से बढ़कर 82,059 हो गयी हैं.
इन आंकड़ों के आधार पर सरकार ने दावा किया है कि यह वृद्धि भविष्य में डॉक्टरों की उपलब्धता को मजबूत करेगी।
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में डॉक्टर भेजने के लिए कई कदम
केंद्र सरकार की तरफ से ये भी जानकारी दी गयी कि डॉक्टरों की कमी सबसे ज़्यादा ग्रामीण, आदिवासी और दूरस्थ इलाकों में है। इसे सुधारने के लिए कई कार्यक्रम लागू किए गए हैं, जैसे :
1. जिला अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत मंजूर हुए 157 नए मेडिकल कॉलेजों में से 137 शुरू हो चुके हैं। इससे डॉक्टरों की संख्या और स्थानीय स्वास्थ्य ढांचे दोनों में सुधार हो रहा है।
2. फैमिली अडॉप्शन प्रोग्राम (FAP)
MBBS कोर्स में शामिल यह कार्यक्रम मेडिकल कॉलेजों को गाँव अपनाने और छात्रों को उन गाँवों के परिवारों को अपनाने की अनुमति देता है।
छात्र इन परिवारों का नियमित फॉलो-अप करते हैं, जैसे—
बच्चों का टीकाकरण
पोषण स्थिति
मासिक धर्म स्वच्छता
दवा पालन
आयरन-फोलिक एसिड सप्लीमेंट
वेक्टर कंट्रोल
स्वस्थ जीवनशैली का मार्गदर्शन
साथ ही वे परिवारों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी देते हैं।
3. जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने पीजी के दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को जिला अस्पतालों में अनिवार्य पोस्टिंग दी है, ताकि उन्हें वास्तविक मैदान में काम का अनुभव मिले।
4. विशेषज्ञों के लिए विशेष अलाउंस और लचीली भर्ती
ग्रामीण और कठिन इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को हार्ड-एरिया अलाउंस दिया जाता है।
राज्यों को नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए लचीले वेतन और “You Quote, We Pay” जैसी रणनीतियों की छूट है।
5. विदेशी डॉक्टरों को अस्थायी अभ्यास की अनुमति
NMC के नए नियमों के तहत विदेशी योग्य और विदेशी पंजीकृत डॉक्टरों को भारत में
प्रशिक्षण, फ़ेलोशिप, अनुसंधान, पर्यवेक्षक, स्वैच्छिक सेवा जैसे उद्देश्यों के लिए अस्थायी रूप से अभ्यास की मंजूरी मिल सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री का संदेश: प्रयास जारी हैं
जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में न केवल डॉक्टरों की संख्या बढ़े, बल्कि उनकी पहुँच दूरदराज़ इलाकों तक सुनिश्चित हो।
इन सुधारों से देश के हेल्थकेयर ढांचे को “अधिक सुलभ, अधिक समावेशी और अधिक सक्षम” बनाने की कोशिश जारी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ )

