
युवाओं में क्यों बढ़ रही है जॉइंट्स प्रॉब्लम? इस समस्या के मरीज हैं अधिक
कमर के निचले हिस्से में दर्द, कंधे में दर्द तो किसी को घुटनों में दर्द। आज के समय में 28 से 35 साल की उम्र के युवा इन समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं...
Joint Pain Prevention: आजकल युवाओं में जोड़ों (जॉइंट्स) की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। पहले यह समस्याएं बुजुर्गों में अधिक देखी जाती थीं। लेकिन अब 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग भी जोड़ों के दर्द, अकड़न और गठिया जैसी समस्याओं से परेशान हो रहे हैं। खराब जीवनशैली, गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारणों में से हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि युवाओं में जॉइंट्स प्रॉब्लम क्यों बढ़ रही हैं और किन बीमारियों के मरीजों की संख्या सबसे अधिक देखी जा रही है...
युवाओं में जॉइंट्स प्रॉब्लम बढ़ने के कारण
बैठे रहने की आदत (Sedentary Lifestyle): आज की डिजिटल दुनिया में लोग ज्यादातर समय बैठकर काम करते हैं। ऑफिस जॉब, ऑनलाइन क्लासेज और सोशल मीडिया के कारण युवाओं में फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है, जिससे उनके जॉइंट्स कमजोर होने लगे हैं। लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं और जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है।
गलत खानपान: फास्ट फूड, जंक फूड और प्रिजर्वेटिव युक्त आहार का ज्यादा सेवन करने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या बढ़ रही है।
अत्यधिक वजन (Obesity): मोटापा युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है, जिससे जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। खासतौर पर घुटनों और कूल्हों के जोड़ों को ज्यादा भार उठाना पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है और दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
एक्सरसाइज की कमी या गलत व्यायाम: शारीरिक गतिविधियों की कमी से जोड़ों की लचीलेपन (Flexibility) कम हो जाती है, जिससे उनमें अकड़न और दर्द होता है। वहीं, कुछ युवा जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करते हैं या गलत तरीके से एक्सरसाइज करते हैं, जिससे उनके जोड़ों को नुकसान पहुंचता है।
हड्डी और जोड़ों से संबंधित बीमारियां: ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉयड आर्थराइटिस और गाउट जैसी बीमारियां युवाओं में भी बढ़ रही हैं। पहले ये समस्याएं बुजुर्गों तक सीमित थीं, लेकिन अब खराब जीवनशैली और खानपान के कारण युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
अत्यधिक स्क्रीन टाइम और खराब पोश्चर: मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के आगे ज्यादा समय बिताने से पोश्चर खराब हो जाता है, जिससे गर्दन, रीढ़ की हड्डी और घुटनों पर दबाव पड़ता है। इससे जोड़ों की समस्याएं बढ़ जाती हैं।
आजकल किन जॉइंट प्रॉब्लम्स के मरीज अधिक हैं?
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह एक सामान्य बीमारी है, जिसमें जोड़ों की हड्डियों के बीच मौजूद कार्टिलेज घिसने लगता है। युवा भी इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं, खासकर वे लोग जो अधिक वजन रखते हैं या खेलकूद में ज्यादा सक्रिय रहते हैं।
रूमेटॉयड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis): यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों पर हमला करने लगती है। इससे जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। युवा महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जा रही है।
गाउट (Gout): यह एक प्रकार का गठिया (Arthritis) है, जिसमें यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से जोड़ों में दर्द और सूजन होती है। खराब खानपान, अधिक शराब का सेवन और अनियमित जीवनशैली इसके मुख्य कारण हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis): युवाओं में गर्दन और पीठ की समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। स्पॉन्डिलाइटिस रीढ़ की हड्डी से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें पीठ और गर्दन में लगातार दर्द बना रहता है।
जोड़ों की समस्याओं से बचाव के तरीके
संतुलित आहार लें: हरी सब्जियां, फल, नट्स, दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करें ताकि शरीर को पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी मिल सके। जंक फूड और अधिक तेल-मसाले वाले भोजन से बचें।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना योग, स्ट्रेचिंग और हल्की एक्सरसाइज करें ताकि जोड़ों की कार्यक्षमता बनी रहे। वॉकिंग, स्विमिंग और साइकलिंग जोड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।
वजन को नियंत्रित रखें: अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे नियंत्रित करने की कोशिश करें, क्योंकि अधिक वजन से जोड़ों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
सही पोश्चर बनाए रखें: काम करते समय, बैठते या चलते समय अपने पोश्चर पर ध्यान दें। गलत पोश्चर जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन करने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे जोड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर वंदना चौहान का कहना है कि 'युवाओं में बढ़ती जॉइंट्स प्रॉब्लम्स चिंता का विषय बन रही हैं। खराब जीवनशैली, गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारण हैं। आजकल घुटनों और कंधे के दर्द से जुड़ी समस्याएं लेकर ज्यादातर यंग मरीज आ रहे हैं, जिनकी उम्र 30 से 40 के बीच है। यदि सही समय पर सावधानी नहीं बरती गई तो ये समस्याएं आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर जोड़ों हेल्दी बनाए रखें।'