शरीर में इस एंजाइम की कमी होने पर नहीं पचता दूध और पनीर, अपनाएं ये उपाय
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शरीर में इस एंजाइम की कमी होने पर नहीं पचता दूध और पनीर, अपनाएं ये उपाय

पनीर और दूध जैसी हेल्दी चीजें खाकर भी कुछ लोग बीमार पड़ जाते हैं। इसका कारण खराब क्वालिटी नहीं बल्कि शरीर में एक खास एंजाइम की कमी है, जो इन्हें पचाता है...


क्या आपको दूध या डेयरी उत्पादों के सेवन के बाद पेट दर्द, गैस या दस्त की समस्या होती है? अगर हां... तो हो सकता है कि आप लैक्टोज इनटॉलरेंस से पीड़ित हों। यह एक पाचन समस्या है, जिसमें शरीर दूध और डेयरी उत्पादों में मौजूद लैक्टोज को सही तरीके से पचा नहीं पाता। आइए जानते हैं कि लैक्टोज इनटॉलरेंस के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके क्या हैं...

लैक्टोज इनटॉलरेंस क्या है?

लैक्टोज एक प्रकार की शुगर है, जो दूध और डेयरी उत्पादों में पाई जाती है। हमारे शरीर में लैक्टेज (Lactase) नामक एंजाइम होता है, जो लैक्टोज को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब शरीर में लैक्टेज की कमी हो जाती है, तो लैक्टोज पच नहीं पाता और यह आंतों में गैस, दर्द और दस्त जैसी समस्याएं पैदा करता है।

लैक्टोज इनटॉलरेंस के मुख्य कारण

आनुवंशिक कारण - अगर आपके परिवार में किसी को लैक्टोज इनटॉलरेंस है, तो आपके भी इससे प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।

उम्र बढ़ने के साथ लैक्टेज की कमी- कई लोगों में उम्र बढ़ने के साथ लैक्टेज एंजाइम की मात्रा कम होने लगती है, जिससे लैक्टोज पचाने की क्षमता घट जाती है।

पेट से जुड़ी बीमारियां- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी आंतों की समस्याओं से लैक्टेज की मात्रा कम हो सकती है।

सर्जरी या संक्रमण- कुछ पेट की सर्जरी या संक्रमण भी लैक्टेज उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।

कैसे पहचानें कि आपको लैक्टोज इनटॉलरेंस है?

पेट फूलना- दूध पीने के बाद पेट भारी और फूला हुआ लगना।

गैस- पेट में अत्यधिक गैस बनना।

दस्त- लूज मोशन या बार-बार टॉयलेट जाना।

पेट दर्द- पेट में ऐंठन या दर्द महसूस होना।

मतली- दूध पीने के बाद उल्टी जैसा महसूस होना।

लैक्टोज इनटॉलरेंस का उपचार और बचाव

डेयरी उत्पादों से परहेज करें। दूध, पनीर, दही, आइसक्रीम और क्रीम जैसी चीजों का सेवन कम करें या पूरी तरह बंद कर दें।

लैक्टोज-फ्री उत्पादों का सेवन करें। आजकल बाजार में लैक्टोज-फ्री दूध, बादाम दूध, सोया दूध और नारियल दूध उपलब्ध हैं, जिनका सेवन किया जा सकता है।

प्रोबायोटिक्स का सेवन करें। प्रोबायोटिक्स (जैसे दही) आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं और पाचन क्रिया को सुधारते हैं।

छोटे-छोटे भागों में डेयरी का सेवन करें। कुछ लोगों को थोड़ी मात्रा में डेयरी खाने से समस्या नहीं होती। धीरे-धीरे कम मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन करें और देखें कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया देता है।

हरी सब्जियों और कैल्शियम युक्त आहार लें

दूध न पीने की वजह से कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसे पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बादाम, तिल, सोयाबीन और टोफू का सेवन करें।

क्या लैक्टोज इनटॉलरेंस और दूध एलर्जी एक ही चीज है?

लैक्टोज इनटॉलरेंस और दूध एलर्जी अलग-अलग स्थितियां हैं।

लैक्टोज इनटॉलरेंस- इसमें शरीर लैक्टोज को पचा नहीं पाता, जिससे गैस, दस्त और पेट फूलने की समस्या होती है।

दूध एलर्जी- यह एक इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया होती है, जिसमें शरीर दूध में मौजूद प्रोटीन को हानिकारक मानता है और एलर्जी के लक्षण, जैसे खुजली, सूजन, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।


लैक्टोज इनटॉलरेंस एक आम समस्या है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। सही खानपान और लैक्टोज-फ्री विकल्पों को अपनाकर इस समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। अगर आपको बार-बार पेट दर्द, गैस या दस्त की समस्या हो रही है तो डॉक्टर से परामर्श लें और लैक्टोज टेस्ट कराएं। सही आहार और स्वस्थ जीवनशैली से आप बिना किसी परेशानी के सेहतमंद रह सकते हैं।

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