
ज्यादातर महिलाएं नहीं जानती UTI का ये कारण, वर्षों तक नहीं छूटती दवाएं
वजाइनल इंफेक्शन एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना ज्यादातर महिलाओं को शादी के बाद करना ही पड़ता है। हालांकि यूटीआई किसी भी उम्र में हो सकता है...
UTI And Latex Allergy: कई महिलाओं को बार-बार यूरिन इंफेक्शन और यूटीआई का सामना करना पड़ता है। ये यूटीआई का इलाज कराती हैं और दवाएं लेना बंद करते ही इन्हें फिर से इंफेक्शन हो जाता है। ऐसे में महिलाएं सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से भी बहुत परेशान होती हैं। यदि आप खुद इस तरह की समस्या का सामना कर रही हैं या किसी ऐसी महिला को जानती हैं, जो इस तरह की समस्या से जूझ रही है तो यहां दी गई जानकारी आपके लिए ही है...
बार-बार यूरिन इंफेक्शन होने का कारण
यूरिन इंफेक्शन होने के सामान्य कारणों में प्रॉपर हाइजीन मेंटेन ना रखना यानी साफ-सफाई का ध्यान ना रखने से यूटीआई होता है।
इंफेक्टेड व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई टॉयलेट सीट को बिना ठीक से साफ किए, उसका उपयोग करने पर यूटीआई हो सकता है।
असुरक्षित यौन संबंधों से यूटीआई हो सकता है।
पर्याप्त मात्रा में लिक्विड डायट ना लेना और शरीर की आवश्यकता के अनुसार हर दिन 8 से 10 गिलास पानी ना पीने पर भी यूटीआई हो सकता है।
UTI का असामान्य कारण
यूरिन इंफेक्शन होने का एक और कारण है, जो बहुत सामान्य नहीं है। इसीलिए इसकी जानकारी भी ज्यादातर लोगों को नहीं होती है और जो लोग इससे प्रभावित होते हैं, खासतौर पर महिलाएं, वे परेशानी से जूझती रहती हैं और उन्हें समाधान नहीं मिल पाता है। ये असामान्य कारण है कॉन्डम के कारण होने वाली एलर्जी। जी हां, कॉन्डम के कारण भी यूटीआई की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ लोगों को लेटेक्स से एलर्जी होती है, लेटेक्स वो प्राकृतिक रबड़ होता है, जिससे कॉन्डम तैयार किए जाते हैं। इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर गीताजंलि भारद्वाज कहती हैं 'मेरे पास एक ऐसी पेशेंट भी आई थी, जो ढाई साल से यूटीआई का ट्रीटमेंट करा रही थी और जैसे ही दवाइयां लेना बंद करती थी, उसे फिर से समस्याएं होने लगती थीं। उसने कई अलग-अलग जगहों पर इलाज कराया लेकिन उसे आराम नहीं मिला। उसकी केस हिस्ट्री देखने के बाद मुझे समझ आ गया कि उसे लेटेक्स से एलर्जी है। फिर तीन महीने के ट्रीटमेंट के बाद वो पूरी तरह ठीक हो गई। मैंने उसे कॉन्डम के स्थान पर निरोध के दूसरे तरीके अपनाने की सलाह दी।'
डॉक्टर भारद्वाज आगे कहती हैं, दुनिया में करीब 2.4 प्रतिशत लोगों को लेटेक्स से एलर्जी होती है। इस एलर्जी का शिकार लोग यदि लेटेक्स से बने कॉन्डम का यूज करते हैं तो यूरिन इंफेक्शन और जनाइटल एरिया से जुड़ी दूसरी समस्याएं इन्हें लगातार बनी रहती हैं। इससे इनकी फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है।
कहां-कहां होता है लेटेक्स का उपयोग?
लेटेक्स एक प्राकृतिक रबर होता है, जिसका उपयोग कई उत्पादों में किया जाता है, जिसमें दस्ताने, गुब्बारे और खासतौर पर कॉन्डम शामिल हैं। हालांकि, कुछ लोगों को लेटेक्स से एलर्जी होती है, जिससे उन्हें त्वचा की जलन, सांस लेने में तकलीफ और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे लोगों को लेटेक्स युक्त कॉन्डम के उपयोग से बचना चाहिए और इसके विकल्पों को अपनाना चाहिए।
क्यों होती है लेटेक्स से एलर्जी?
लेटेक्स एलर्जी तब होती है जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली लेटेक्स प्रोटीन को एक हानिकारक पदार्थ मान लेती है और इसके खिलाफ प्रतिक्रिया करने लगती है। यह एलर्जी हल्की खुजली से लेकर गंभीर एनाफिलैक्टिक शॉक (Anaphylactic Shock) तक हो सकती है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
लेटेक्स से एलर्जी के कारण होने वाली समस्याएं...
लेटेक्स एलर्जी से प्रभावित लोगों को कॉन्डम या अन्य लेटेक्स उत्पादों के संपर्क में आने से खुजली, लालिमा, चकत्ते और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई, छींक आना, गले में जलन और आंखों में पानी आने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
कुछ मामलों में, लेटेक्स से गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसे एनाफिलैक्टिक शॉक कहा जाता है। इसमें व्यक्ति का रक्तचाप अचानक गिर सकता है, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और बेहोशी जैसी स्थिति बन सकती है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
किन लोगों को नहीं करना चाहिए लेटेक्स कॉन्डम का उपयोग?
लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोग- जिन लोगों को पहले ही लेटेक्स से एलर्जी हो चुकी है, उन्हें कॉन्डम के उपयोग से बचना चाहिए।
अस्थमा के मरीज- अस्थमा के रोगियों को लेटेक्स के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, इसलिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।
संवेदनशील त्वचा वाले लोग- जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है, वे लेटेक्स कॉन्डम से जलन या खुजली महसूस कर सकते हैं।
सर्जिकल पेशेवर और हेल्थकेयर वर्कर्स- जो लोग नियमित रूप से लेटेक्स दस्ताने पहनते हैं, वे बार-बार के संपर्क से एलर्जी विकसित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें भी इससे बचना चाहिए।
लेटेक्स कॉन्डम के विकल्प
जो लोग लेटेक्स से एलर्जी से ग्रस्त हैं, वे निम्नलिखित विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं...
पॉलीयूरीथेन (Polyurethane) कॉन्डम:ये प्लास्टिक-आधारित कॉन्डम होते हैं, जो लेटेक्स की तुलना में पतले और अधिक संवेदनशील होते हैं।
पॉलीआइसोप्रिन (Polyisoprene) कॉन्डम: यह एक सिंथेटिक रबर से बना होता है, जो लेटेक्स से एलर्जी वाले लोगों के लिए सुरक्षित होता है और अच्छी लोच प्रदान करता है।
लैंबस्किन (Lambskin) कॉन्डम: ये प्राकृतिक झिल्ली से बने होते हैं और एलर्जी की संभावना नहीं होती, लेकिन ये यौन संचारित रोगों (STD) से सुरक्षा नहीं देते।
लेटेक्स एलर्जी एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिससे त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है। सही जानकारी और सतर्कता से आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और एलर्जी की समस्याओं से बच सकते हैं।