अनियमित पीरियड्स को रेग्युलेट करने और दर्द कम करने के लिए क्या खाएं?
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कभी कम कभी ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या से बचने के लिए खाएं ये फूड्स

अनियमित पीरियड्स को रेग्युलेट करने और दर्द कम करने के लिए क्या खाएं?

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कभी बहुत कम तो कभी बहुत अधिक ब्लीडिंग की समस्या होती है। कभी-कभी बहुत अधिक दर्द होता है। जानें, ऐसे में क्या खाने से आराम होगा


Irregular Periods: महिलाओं की हेल्थ में हेल्दी पीरियड्स का बहुत बड़ा रोल होता है। आमतौर पर पीरियड्स का साइकल 28 दिनों का होता है। लेकिन जब यह चक्र अनियमित हो जाए। जैसे कि बहुत जल्दी या देर से आना, अत्यधिक या बहुत कम रक्तस्राव होना या कभी-कभी मासिक धर्म का पूरी तरह से रुक जाना तो इस स्थिति को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि अनहेल्दी पीरियड्स के साथ हेल्दी लाइफ संभव नहीं है। हेवी या कम ब्लीडिंग के साथ ही पीरियड्स में एक और चीज जो अधिक परेशान करती है, वो है पेट, कमर, पैरों में होने वाला दर्द। इन समस्याओं से बचाव के लिए आपको अपनी डायट पर ध्यान देना होगा। यहां जानें, इस समस्या से बचने के लिए आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं...

अनियमित पीरियड्स के लक्षण

पीरियड्स का ज्यादा दिन या बहुत कम दिन आना

बहुत अधिक या बहुत कम ब्लीडिंग

कभी-कभी पीरियड्स ना होना

अनियमित ओव्यूलेशन

मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द

अनियमित पीरियड्स के संभावित कारण

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): यह हार्मोनल विकार अंडाशयों को प्रभावित करता है और अनियमित मासिक धर्म का कारण बनता है।

थायरॉयड की समस्या: थायरॉयड हार्मोन में असंतुलन मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है।

लंबे समय से चल रहा तनाव: लगातार तनाव हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे मासिक धर्म अनियमित हो सकता है।

वजन में परिवर्तन: अत्यधिक वजन बढ़ना या घटाना हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।

हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग: कुछ गर्भनिरोधक मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं।

रजोनिवृत्ति: इस अवस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर घटता है, जिससे मासिक धर्म अनियमित हो सकता है।

अंडाशय में सिस्ट: ये हार्मोनल असंतुलन और मासिक धर्म चक्र में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स: ये गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती हैं।

गर्भावस्था: यह मासिक धर्म के रुकने का एक सामान्य कारण है।

खान-पान संबंधी विकार: जैसे एनोरेक्सिया और बुलिमिया हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

कुछ दवाएं: जैसे, एंटीसाइकोटिक्स, एंटी-सीज़र मेडिकेशन और एंटीडिप्रेसेंट्स मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं।

अनियमित पीरियड्स में क्या खाएं?

हरी पत्तेदार सब्जियां: आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन में मदद करती हैं।

साबुत अनाज: फाइबर, बी विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन में सहायक हैं।

बेरीज: एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

नट्स और बीज: हेल्दी फैट्स, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर, ये मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

दालें: प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन में सहायक हैं।

फैटी फिश: जैसे सैल्मन और सार्डिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर, ये मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

क्रूसीफेरस सब्जियाँ: जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी और पत्तागोभी, ये हार्मोनल संतुलन में मदद करती हैं।

अदरक: इसकी सूजन-रोधी गुणधर्म हार्मोनल संतुलन में सहायक हैं।

अलसी के बीज: फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और लिग्नान्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन में मदद करते हैं।

एवोकाडो: हेल्दी फैट्स, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर, ये मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

फर्मेंटेड फूड्स: जैसे किमची, केफिर और सौकरकूट, ये प्रोबायोटिक्स से भरपूर हैं जो हार्मोनल संतुलन में मदद करते हैं।

डार्क चॉकलेट: एंटीऑक्सिडेंट्स और मैग्नीशियम से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन में सहायक हैं।

हल्दी: इसके गुणधर्म हार्मोनल असंतुलन को सुधारने में मदद करते हैं।

धनिया के बीज: इन्हें पानी में उबालकर पीने से मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

गाजर: विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर, ये हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं।

सौंफ: यह मासिक धर्म को प्रेरित करती है और पेट दर्द को कम करने में मदद करती है।

दालचीनी: यह अनियमित मासिक धर्म में लाभकारी हो सकती है।

कच्चा पपीता: तनाव से उत्पन्न अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है।

अंगूर: ये अनियमित मासिक धर्म में सहायक हो सकते हैं।

ग्रीन टी: एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, यह सूजन को कम करने में मदद करती है।

मासिक धर्म को नियमित करने के लिए सुझाव

नियमित व्यायाम करें: यह हार्मोनल संतुलन में मदद करता है।

स्वस्थ वजन बनाए रखें: आपका वेट आपकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए। अधिक या कम वजन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है।

तनाव कम करें: ध्यान, योग या व्यायाम के माध्यम से तनाव को कम करें।

संतुलित आहार लें: फल, सब्जियाँ, संपूर्ण अनाज और हेल्दी फैट्स से भरपूर आहार लें।

कैफीन और शराब का सेवन कम करें: ये हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।

अनियमित मासिक धर्म एक आम समस्या है। लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उचित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समस्या बनी रहती है तो किसी योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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