
मिडलाइफ में बेहतर दिमागी सेहत के लिए क्या करें? नई रिसर्च में खुलासा
45 की उम्र के बाद कमर का साइज बढ़ना बहुत ही सामान्य बात है। अब नई रिसर्च में सामने आया है कि आपकी कमर आकार ब्रेन हेल्थ को प्रभावित करता है। जानें, पूरी बात...
Midlife Challenges: एक ताजा रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मिड लाइफ यानी कि मध्य आयु में कमर से हिप अनुपात (Waist-to-Hip Ratio) का असर भी मस्तिष्क की कार्यक्षमता और याददाश्त पर पड़ता है। यह अध्ययन JAMA Network Open में प्रकाशित हुआ है। शोध में यह बात भी पता चली है कि मिडलाइफ में संतुलित और पौष्टिक आहार लेने से वृद्धावस्था में मस्तिष्क स्वास्थ्य और बेहतर बना रहता है। पिछले दिनों हुई एक अन्य रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि आप अपनी लाइफ के 30's में जो खाते हैं, उसका असर आपके शरीर पर आपकी लाइफ के 30's में नजर आता है। और अपनी लाइफ के में आप जो फूड खाते हैं, उसका असर में दिखता है। यानी आप जो आज के समय में खाएंगे आपकी सेहत कल के दिन उसी के अनुसार रहेगी...
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि जो लोग मिडलाइफ में हेल्दी डाइट अपनाते हैं, उनमें हिप्पोकैम्पस (याददाश्त से जुड़ा मस्तिष्क का हिस्सा) की कार्यक्षमता बेहतर होती है। इस कारण उनका मस्तिष्क सेरेबेलम और ऑक्सिपिटल लोब से बेहतर तरीके से जुड़ता है। इसके साथ ही ऐसे लोगों की व्हाइट मैटर इंटीग्रिटी भी अच्छी पाई गई, जिससे उनकी स्मरण शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार साफ नजर आता है।
कमर से हिप अनुपात का भी असर
शोध में यह भी सामने आया कि जिन लोगों का कमर से हिप अनुपात ज्यादा था, उनमें व्हाइट मैटर की गुणवत्ता कमजोर हो गई। इसका सीधा असर याददाश्त और दिमागी क्षमता पर पड़ा। वैज्ञानिकों ने इसे फ्रैक्शनल एनीसोट्रॉपी में गिरावट से जोड़ा, जो संज्ञानात्मक (Cognitive) कार्यक्षमता को कमजोर करता है।
डाइट, मोटापा और ब्रेन हेल्थ का कनेक्शन
इस शोध के परिणामों के आकलन के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनियाभर में बदलते खान-पान की आदतों के चलते मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। ये सभी बीमारियां डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अब तक के अध्ययन ज्यादातर किसी एक पोषक तत्व पर केंद्रित रहे हैं। लेकिन यह शोध समग्र आहार गुणवत्ता और शरीर में वसा वितरण पर आधारित है। इसलिए इस शोध में सामने आए परिणाम अपने क्षेत्र संबंधी ज्यादातर प्रश्नों का उत्तर लिए हुए हैं।
48 से 70 की उम्र सबसे अहम
अध्ययन के मुताबिक, मध्य आयु (48 से 70 साल) के दौरान डाइट में सुधार करने और पेट की चर्बी कम करने के प्रयास सबसे ज्यादा असरदार हो सकते हैं। इस शोध में 512 लोगों के आहार और 664 लोगों के कमर से हिप अनुपात का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर इस उम्र में लोग अपनी डाइट को सही रखें और शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा न होने दें तो बढ़ती उम्र में भी उनके मस्तिष्क की कार्यक्षमता मजबूत बनी रह सकती है।
यानी जिस उम्र में लोग अपनी फिटनेस और लुक्स के प्रति लापरवाही भरा रवैया अपनाने लगते हैं कि अब तो लाइफ में जो होना था हो गया, अब अपनी फिजिकल-मेंटल ग्रूमिंग पर ध्यान देने का क्या मतलब रह गया है... ऐसा सोचना अपने साथ बहुत बड़ा अन्याय है। शोध के परिणाम अधेड़ावस्था के लोगों में इस बात की आशा जगाते हैं कि किसी भी उम्र में अपना ध्यान रखकर आप लंबे समय तक स्वस्थ और आकर्षक बने रह सकते हैं। यहां तक कि अपनी मेंटल हेल्थ को भी दुरुस्त बनाए रख सकते हैं। हमारी बॉडी नैचरली बहुत अधिक पॉवरफुल होती है और सही देखभाल मिलने पर बहुत जल्दी हीलिंग करने लगती है।