गर्मी में बीपी कंट्रोल करेगा ये फल, दिमाग भी ठंडा रहेगा और शरीर भी
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लू के थपेड़ों और सूरज की तपिश के बीच हाई बीपी कंट्रोल रखने में मदद करता है ये फल

गर्मी में बीपी कंट्रोल करेगा ये फल, दिमाग भी ठंडा रहेगा और शरीर भी

हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए गर्मी का मौसम खासा संघर्ष भरा होता है। लेकिन नेचर ने हमें हर समस्या का समधान दिया है। तभी गर्मी के मौसम में ही शहतूत मिलता है


शहतूत (Mulberry), एक स्वादिष्ट मौसमी फल है, जिसे पारंपरिक आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान-दोनों में स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। विशेष रूप से हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) जैसी गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने में शहतूत के प्राकृतिक गुण अत्यंत प्रभावी होते हैं। इस लेख में, हम शहतूत में पाए जाने वाले न्यूट्रिऐंट्स यानी पोषणतत्वों के साइंटिफिक कारणों के बारे में जानेंगे कि आखिर शहतूत बीपी को कंट्रोल करने में किस तरह हेल्प करता है...

शहतूत और बीपी कंट्रोल का संबंध

शहतूत में पोटैशियम, रेस्वेराट्रोल, विटामिन-C और फाइबर जैसे कई सक्रिय पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हार्ट हेल्थ और रक्तवाहिनियों (Blood Vessels) पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं...

पोटैशियम का उच्च स्तर

पोटैशियम एक ऐसा खनिज है, जो शरीर में सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है। हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारणों में से एक है – अधिक सोडियम का सेवन। शहतूत में मौजूद पोटैशियम रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को फैलाता है और तनाव को कम करता है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर घटता है।

रेस्वेराट्रोल – एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट

शहतूत में पाया जाने वाला रेस्वेराट्रोल एंडोथेलियल फंक्शन (रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत की कार्यक्षमता) को बेहतर करता है। यानी रक्तवाहिनियों की आंतरिक परत को मजबूत और लचीला बनाता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को आराम और संकुचित करने, रक्त के थक्के जमने से रोकने, रक्त और आसपास के ऊतकों के बीच पदार्थों के आदान-प्रदान को नियंत्रित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह धमनीकाठिन्य (Atherosclerosis) को रोकता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

फाइबर और फ्लेवोनॉइड्स

शहतूत में घुलनशील फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें उपस्थित फ्लेवोनॉइड्स शरीर में सूजन को कम करते हैं और रक्त नलिकाओं की दीवारों को सुरक्षित रखते हैं।

विटामिन C की भूमिका

शहतूत का विटामिन C रक्तवाहिनियों को मजबूती प्रदान करता है और एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम कर फ्री रेडिकल्स से रक्षा करता है, जो उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण हो सकते हैं।

शहतूत का सेवन कैसे करें?

शहतूत का नियमित, संतुलित और विविध रूपों में सेवन करने से इसके लाभ और भी बढ़ जाते हैं:

ताजे फल के रूप में

सबसे अच्छा तरीका है – ताजे शहतूत को 11 बजे के नाश्ते में या शाम 4 बजे के नाश्ते के समय खाया जाए। दिन में लगभग 50-100 ग्राम शहतूत का सेवन पर्याप्त होता है।

स्मूदी या सलाद में मिलाकर

शहतूत को दही, ओट्स या हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ सलाद में मिलाकर लिया जा सकता है। इससे इसका एंटीऑक्सिडेंट प्रोफाइल और भी प्रभावी हो जाता है।

सूखे शहतूत (Dried Mulberries)

सूखे शहतूत भी उपलब्ध होते हैं, जो एनर्जी स्नैक के रूप में लिए जा सकते हैं। इन्हें 5–6 नग रोजाना ले सकते हैं, परंतु ध्यान रखें कि इनका शुगर कंटेंट अधिक हो सकता है।

शहतूत की चाय या काढ़ा

शहतूत के पत्तों से बनी चाय या काढ़ा भी रक्तचाप नियंत्रण में मदद करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें ताजे फल कम मिलते हैं।

ध्यान रखें कि शहतूत केवल एक स्वादिष्ट फल नहीं है बल्कि बीपी कंट्रोल करने का एक प्रभावशाली प्राकृतिक उपाय भी है। इसके पोषक तत्व बीपी बैलेंस को मेंटेन करने के साथ ही ओवरऑल बॉडी हेल्थ को इंप्रूव करते हैं। यदि इसे सही मात्रा और तरीके से नियमित रूप से खाया जाए तो यह दवाओं पर निर्भरता को भी कम कर सकता है। हालांकि, यदि आपको पहले से ही गंभीर उच्च रक्तचाप (Severe Blood Pressure Issues ) की समस्या है तो शहतूत को केवल पूरक चिकित्सा के रूप में लें। यानी इसे दवाई ना समझें बल्कि यह समय के साथ दवाओं पर निर्भरत कम करने और बीपी संबंधी अन्य समस्याओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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