
ब्लड को प्राकृतिक रूप से फिल्टर करने के लिए डेली डायट में ये चीजें लें
रक्त की सफाई केवल सौंदर्य या फिटनेस से नहीं जुड़ी, यह आपके पूरे शरीर के सिस्टम , इम्यून सिस्टम, हार्मोन बैलेंस, ब्रेन फंक्शन और स्किन हेल्थ को प्रभावित करती है
Natural Blood Purification: बढ़ता एयर पॉल्यूशन, जंक फूड्स का सेवन और मेंटल स्ट्रेस शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थों) के जमाव का मुख्य कारण बन चुके हैं। ये टॉक्सिन्स खून के माध्यम से शरीर के हर हिस्से तक पहुंचते हैं और इम्यून सिस्टम को कमजोर करने के साथ-साथ त्वचा की समस्याएं, पाचन संबंधी समस्याएं, थकावट, यहां तक कि कैंसर और हार्मोनल डिसऑर्डर तक पैदा कर सकते हैं।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि कुछ वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नैचुरल फूड प्रोडक्ट्स (Research-backed Natural Foods) के माध्यम से ब्लड प्यूरीफिकेशन यानी खून की सफाई को संभव और सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है। वो भी बिना किसी खास मशक्कत के और डेली लाइफ में। तो यहां जानें कि आप किन फूड्स को अपनी रोजमर्रा की डायट में शामिल करके ब्लड को प्राकृतिक रूप से प्यूरिफाई कर सकते हैं...
चुकंदर (Beetroot) – नाइट्रिक ऑक्साइड का नैचुरल स्त्रोत
चुकंदर में उच्च मात्रा में नाइट्रेट्स और betalains नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। Journal of Nutrition (2015) में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, चुकंदर के नाइट्रेट्स शरीर में Nitric Oxide (NO) के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे रक्तवाहिनियां (blood vessels) फैलती हैं, ब्लड फ्लो सुधरता है और विषैले पदार्थ तेजी से बाहर निकलते हैं। इसके अलावा, betalains यकृत (liver) की डिटॉक्स एंजाइम एक्टिविटी को बूस्ट करते हैं, जिससे खून में मौजूद हानिकारक रसायन हटते हैं।
लहसुन (Garlic) – सल्फर यौगिकों का खजाना
लहसुन में एलिसिन (Allicin) नामक सल्फर यौगिक होता है, जो लिवर को सक्रिय करता है और खून से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। National Center for Biotechnology Information (NCBI, 2014) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एलिसिन ट्रांस फैट्स, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड टॉक्सिन्स को कम करने में सहायक होता है। साथ ही, यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करता है जो खून की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
हल्दी (Turmeric) – करक्यूमिन से लिवर डिटॉक्स
हल्दी में पाया जाने वाला Curcumin एक बेहद प्रभावशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व है। Journal of Ethnopharmacology (2011) की रिसर्च के अनुसार, करक्यूमिन लिवर में Phase II Detoxifying Enzymes को सक्रिय करता है, जिससे खून में मौजूद रासायनिक तत्व (xenobiotics) और फ्री रेडिकल्स तेजी से शरीर से बाहर निकलते हैं। रोजाना हल्दी दूध पीना लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और शरीर की सफाई में मदद करता है।
अनार (Pomegranate) – प्यूनिकालाजिन्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में राहत
अनार में Punicalagins नामक पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो Human Nutrition and Dietetics Journal (2017) के अनुसार, खून की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं और प्लाज्मा में टॉक्सिन लेवल को घटाते हैं। साथ ही इसमें भरपूर विटामिन C होता है, जो शरीर में glutathione के निर्माण को बढ़ाता है – यह शरीर का मुख्य डिटॉक्स एजेंट है।
धनिया (Coriander) – हेवी मेटल्स के लिए नेचुरल चेलेटिंग एजेंट
धनिया में मौजूद chlorophyll, flavonoids और vitamin K खून से भारी धातुएं (जैसे लेड, मर्करी, आर्सेनिक) और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। Environmental Health Perspectives (2012) के मुताबिक, धनिया का पानी Chelation Therapy जैसा काम करता है, जो भारी धातुओं को बांधकर शरीर से बाहर निकालता है। यह नेफ्रोटॉक्सिन्स और लिवर-टॉक्सिन्स को कम करने में भी असरदार पाया गया है।
नींबू पानी और गुनगुना पानी – सबसे सरल डिटॉक्स उपाय
सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू पानी पीने से लिवर की बाइल प्रोडक्शन बढ़ती है, जिससे पाचन सुधरता है और शरीर के विषैले पदार्थों की प्रोसेसिंग बेहतर होती है। Journal of Medicinal Food (2008) में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार, नींबू में मौजूद ascorbic acid शरीर में glutathione के स्तर को बूस्ट करता है, जो ब्लड प्यूरीफिकेशन के लिए सबसे जरूरी एंजाइम है।
रक्त की सफाई केवल सौंदर्य या फिटनेस से नहीं जुड़ी, यह आपके पूरे शरीर के सिस्टम , इम्यून सिस्टम, हार्मोन बैलेंस, ब्रेन फंक्शन और स्किन हेल्थ को प्रभावित करती है। ऊपर बताए गए 6 फूड्स को अपने नियमित आहार में शामिल करके आप एक साइंटिफिकली समर्थित और नैचुरल डिटॉक्स प्रक्रिया को अपनाकर अपनी सेहत को दीर्घकालिक लाभ दे सकते हैं, बिना किसी दवा या साइड इफेक्ट्स के।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह करें।