दर्द की दवा Nimesulide पर बड़ा एक्शन: 100mg से ज्यादा की डोज अब बैन !
x

दर्द की दवा Nimesulide पर बड़ा एक्शन: 100mg से ज्यादा की डोज अब बैन !

केंद्र सरकार ने पेन किलर नाइमेसुलाइड (Nimesulide) की 100mg से अधिक डोज पर लगाया तुरंत बैन। लिवर को खतरे और सुरक्षा कारणों से स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला।


Click the Play button to hear this message in audio format

Ban On Nimesulide : अगर आप भी दर्द से राहत पाने के लिए मेडिकल स्टोर से बिना सोचे-समझे पेन किलर (Pain Killer) खरीदते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार ने दवाइयों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए मशहूर दवा नाइमेसुलाइड (Nimesulide) की भारी डोज पर तुरंत प्रभाव से पाबंदी लगा दी है।



अब नहीं मिलेगी 100 mg से ज्यादा वाली दवा
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार, अब देशभर में 100 mg से अधिक मात्रा वाली नाइमेसुलाइड की ओरल दवाओं (गोलियों और सिरप) के बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सरकार ने यह कड़ा फैसला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत लिया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार का मानना है कि इतनी ज्यादा डोज वाली नाइमेसुलाइड इंसानों की सेहत के लिए 'खतरे की घंटी' साबित हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह दवा लिवर (Liver) को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती है। दुनियाभर में इसकी 'टॉक्सिसिटी' यानी जहरीले असर को लेकर जांच चल रही है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सलाह के बाद सरकार ने माना कि बाजार में इस दवा के और भी सुरक्षित विकल्प (Alternatives) मौजूद हैं, इसलिए जान जोखिम में डालने की जरूरत नहीं है।

बच्चों और जानवरों के लिए पहले ही लग चुका है बैन

नाइमेसुलाइड को लेकर सरकार पहले भी कई बार सख्ती दिखा चुकी है:

2011: 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा के इस्तेमाल को पूरी तरह बैन कर दिया गया था।

जनवरी 2025: पशुओं के इलाज में भी नाइमेसुलाइड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी।

अब आम जनता की सुरक्षा के लिए इंसानों द्वारा ली जाने वाली भारी डोज पर भी कड़ा एक्शन लिया गया है।

दवा कंपनियों की बढ़ेगी टेंशन
इस बैन का सीधा असर उन फार्मा कंपनियों पर पड़ेगा जो नाइमेसुलाइड ब्रांड की मार्केटिंग करती हैं। कंपनियों को अब 100 mg से ज्यादा वाली दवाओं का प्रोडक्शन तुरंत रोकना होगा और जो माल बाजार में पहुंच चुका है, उसे भी वापस (Recall) मंगाना होगा। हालांकि, जानकारों का कहना है कि बड़ी कंपनियों पर इसका आर्थिक असर कम होगा, लेकिन छोटी कंपनियों के रेवेन्यू पर दबाव दिख सकता है।

जनहित में उठाया गया कदम
सरकार ने साफ कर दिया है कि यह फैसला पूरी तरह से जनता के हित में है। देश में नाइमेसुलाइड का बाजार करीब 497 करोड़ रुपये का है, लेकिन हेल्थ सेफ्टी स्टैंडर्ड को देखते हुए अब हाई-रिस्क वाली दवाओं को धीरे-धीरे सिस्टम से बाहर किया जा रहा है।


Read More
Next Story