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जॉ लाइन और गर्दन पर ऐसे ऐक्ने हैं हॉर्मोनल इंबैलेंस का लक्षण।

हॉर्मोनल असंतुलन का संकेत है ये स्किन प्रॉब्लम, फीमेल्स में हाई रिस्क

PCOS से होने वाली स्किन समस्याएं केवल कॉस्मेटिक नहीं होतीं। ये हार्मोनल हेल्थ की कहानी कहती हैं। सही ट्रीटमेंट लिया जाए तो इन परेशानियों को कंट्रोल कर सकते हैं।


PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल स्थिति है, जिसका असर शरीर के लगभग हर अंग पर होता है और आपकी त्वचा भी इससे अछूती नहीं। पीसीओएस के कारण एक्ने, बालों का झड़ना, चेहरे पर अत्यधिक बाल, डैंड्रफ जैसी कई स्किन समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन खुशखबरी यह है कि कुछ प्रभावी दवाओं और टॉपिकल ट्रीटमेंट की मदद से इन समस्याओं को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

पीसीओएस और एक्ने का संबंध

PCOS में ओवरीज पुरुष हार्मोन जैसे, टेस्टोस्टेरोन और DHEA (डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन) का ज्यादा उत्पादन करने लगती हैं। ये हार्मोन स्किन की ऑयल ग्लैंड्स को ज्यादा तेल बनाने का संकेत देते हैं और स्किन की टर्नओवर रेट को भी धीमा कर देते हैं। इसका नतीजा होता है क्लॉग्ड पोर्स और पिंपल्स।

कैसा दिखता है पीसीओएस से होने वाला एक्ने?

ये मुंहासे आमतौर पर चेहरे के निचले हिस्से पर होते हैं। जैसे कि ठुड्डी, जॉलाइन और गालों के नीचे।

ये दर्दनाक, लाल और सूजे हुए हो सकते हैं।

ये लंबे समय तक बने रहते हैं और आम क्रीम्स से भी ठीक नहीं होते।

इलाज के विकल्प

बर्थ कंट्रोल पिल्स: ये हार्मोन को बैलेंस कर एक्ने को कम करती हैं। लेकिन सभी बर्थ कंट्रोल पिल्स एक जैसे असरदार नहीं होतीं। इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

स्पाइरोनोलैक्टोन: पहले ब्लड प्रेशर के लिए दी जाती थी। लेकिन अब इसे हार्मोनल एक्ने के इलाज में भी उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल करते समय प्रेग्नेंसी से बचना जरूरी होता है।

टॉपिकल दवाएं: बेंज़ोयल पेरॉक्साइड और सैलिसिलिक एसिड जैसे ओटीसी ट्रीटमेंट हल्के से मध्यम एक्ने में मदद कर सकते हैं।

अन्य स्किन समस्याएं जो PCOS में हो सकती हैं

अकैंथोसिस निग्रिकन्स: गर्दन, अंडरआर्म्स या शरीर के अन्य हिस्सों में काले या गहरे भूरे पैच, जो इंसुलिन रेसिस्टेंस का संकेत हो सकते हैं।

ट्रीटमेंट में वजन कम करना, डायबिटीज की दवाएं और टॉपिकल रेटिनॉइड शामिल हैं।

डैंड्रफ (सेबोरिक डर्मेटाइटिस): हार्मोनल असंतुलन से स्कैल्प में खुजली और फ्लेक्स हो सकते हैं। इसका इलाज एंटी-डैंड्रफ शैंपू से किया जा सकता है।

बालों का झड़ना (एंड्रोजेनिक एलोपेशिया): पुरुष हार्मोन की अधिकता से बाल झड़ सकते हैं। ट्रीटमेंट में स्पाइरोनोलैक्टोन, बर्थ कंट्रोल पिल्स और मिनॉक्सिडिल जैसी टॉपिकल दवाएं मदद कर सकती हैं।

हिर्सुटिज्म (अत्यधिक बाल): चेहरे, छाती या पीठ पर अनचाहे बाल आ सकते हैं। इसका इलाज हार्मोन कंट्रोल करने वाली दवाओं से किया जाता है।


PCOS के कारण होने वाली स्किन समस्याएं केवल कॉस्मेटिक नहीं होतीं। ये आपके हार्मोनल हेल्थ की कहानी कहती हैं। यदि समय पर सही ट्रीटमेंट लिया जाए तो इन परेशानियों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। डॉक्टर से परामर्श लें और अपने शरीर की सुनें। क्योंकि आप अच्छा महसूस करने के साथ-साथ अच्छे दिखने की भी हकदार हैं।

डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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