
डॉक्टर ने बताया, न्यूट्रिशन से भरपूर और इस सीजन के लिए बेस्ट है रामदाना
फरवरी और मार्च के मौसम में रामदाना से बने लड्डू, खीर और चिक्की हर दिन खाने चाहिए। इससे क्या लाभ होता है, आप स्वयं जान लीजिए, आयुर्वेदिक वैद्य की जुबानी...
Digestion Booster Food: हममें से ज्यादातर लोग जब भी रामदाना का नाम सुनते हैं तो व्रत या उपवास में खाए जाने वाले लड्डुओं का ध्यान आता है। लेकिन रामदाना केवल व्रत में खाए जाने वाला फूड नहीं है। बल्कि फरवरी से लेकर मार्च तक इन दो महीनों में रामदाना का सीमित रूप में नियमित सेवन करने से स्किन का ग्लो बढ़ता है और बालों की सेहत बनी रहती है। ऐसा कैसे होता है, इस बारे में हमने बात की पिछले 40 साल से आयुर्वेदिक उपचार करने वाले वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत जी से...
फूड एक नाम अनेक
रामदाना को चौलाई,अमरांथ या राजगीरा जैसे नामों से भी जाना जाता है। रामदाना को मुख्य रूप से लड्डू बनाकर खाया जाता है। साथ ही इसकी खीर,चिक्की और गुड़-चूरा भी बहुत अधिक पसंद किए जाते हैं। रामदाना के गुणों के बारे में बताते हुए वैद्य राजपूत जी कहते हैं 'रामदाना एक प्राचीन अनाज है और यह प्रोटीन (Protein), फाइबर (Fiber), आयरन (Iron), मैग्नीशियम (Magnesium) और कैल्शियम (Calcium) से भरपूर होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को जरूरी ऊर्जा देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ाते हैं। यही वजह है कि इसे बदलते मौसम में अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।'
फरवरी और मार्च में क्यों खाना चाहिए रामदाना?
डॉक्टर राजपूत का कहना है कि हमारे देश में सभी त्योहार और उन उत्सवों के समय पर खाए जाने वाले भोज्य पदार्थ आयुर्वेद की कसौटियों पर तौलकर ही निर्धारित किए गए हैं। उदाहरण के लिए मकर संक्रांति और लोहड़ी पर गुड़, तिल, मूंगफली और रेबड़ियां खाई जाती हैं तो फरवरी में आने वाली शिवरात्री पर चौलाई यानी रामदाना के लड्डुओं का विशेष महत्व होता है। ये सभी फूड्स ना केवल त्योहारों पर खाए जाते हैं बल्कि अपने आराध्य को पहला भोग भी इन्हीं से लगाया जाता है। ये तो बात हुई आयुर्वेद और हमारे त्योहारों के महत्व की। अब फिर से रामदाना की बात करते हैं...
यूं तो रामदाना का सेवन पूरे साल किया जा सकता है लेकिन सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ते मौसम में इनके सेवन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है। फरवरी मध्य से लेकर मार्च अंत या अप्रैल के प्रारंभिक सप्ताह में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा होता है। एक ओर जहां सर्दी के मौसम में पाचकाग्नि यानी डायजेस्टिव फायर (डायजेस्टिव फायर) काफी बढ़ी हुई होती है और हमें बार-बार भूख लगती है, यही डायजेस्टिव फायर फरवरी मध्य का समय आते-आतें मंद पड़ने लगती है, जिस कारण फरवरी और मार्च के समय में पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इन समस्याओं से बचने का उपाय ये है कि आप अपने भोजन में परिवर्तन कर लें। चौलाई एक ऐसा ही सुपाच्य भोज्य पदार्थ है।
रामदाना खाने के फायदे
१. बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। रामदाना में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
२. रामदाना कैल्शियम और मैग्नीशियम का बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए यह बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इस उम्र में हड्डियों को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है।
३.फाइबर से भरपूर होने के कारण रामदाना पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज (Constipation) और एसिडिटी (Acidity) को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और शरीर से टॉक्सिन्स (Toxins) बाहर निकालने में सहायक होता है।
४. रामदाना के लड्डू में गुड़ और घी के साथ मिलाकर बनाए जाते हैं, जिससे यह शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा (Energy) देते हैं। यह कमजोरी और थकान को दूर करने के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है।
६. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) होने की वजह से रामदाना ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें डायबिटीज (Diabetes) की समस्या है।
रामदाना खाने का सही तरीका
- रामदाना की तासीर पाचकाग्नि को बढ़ाने वाली यानी गर्म होती है इसलिए इसका सेवन दूध के साथ करना चाहिए।
- इसका सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि एक साथ अधिक मात्रा में रामदाना खाने से लूज मोशन या एसिड बनने की समस्या हो सकती है।
- यदि आप रामदाना को नमक के साथ खा रहे हैं तो दो से तीन घंटे बाद दूध पी लेना चाहिए। ऐसा करने से पेट में गर्मी (एसिडिटी) या अपच (इनडायजेशन) की दिक्कत नहीं होगी।
कैसे बढ़ता है स्किन का ग्लो और बालों की चमक?
डॉक्टर राजपूत बताते हैं कि फरवरी मध्य से लेकर मार्च और यहां तक कि अप्रैल तक चलने वाली तेज हवाओं के कारण बालों में रूखापन बढ़ने लगता है। इससे बाल कमजोर होते हैं और अपनी चमक भी खोने लगते हैं। वहीं, इस हवा और आती-जाती ठंडक से त्वचा में खिंचाव, त्वचा का फटना, ग्लो कम होने जैसी समस्याएं होती हैं। लेकिन जब आप नियमित रूप से दूध के साथ रामदाना के लड्डुओं का सेवन करते हैं तो शरीर को अंदर से पोषण और नरिश्मेंट मिलता है, जिससे ये समस्याएं कम होती हैं।
कैसे बनाएं रामदाना के लड्डू?
रामदाना के लड्डू बनाना बेहद आसान है और इसमें बहुत कम सामग्री की जरूरत होती है। सामग्री अपनी आवश्यकता के अनुसार लें, पहली बार बना रहे हैं तो कम मात्रा में बनाकर भी ट्राई कर सकते हैं...
- 1 कप रामदाना
- ½ कप गुड़
- 1 टेबलस्पून घी
- ¼ टीस्पून इलायची पाउडर
रादाना लड्डू बनाने की विधि..
- सबसे पहले रामदाना को सूखा भून लें, जब तक वह हल्का फूल न जाए।
- एक कढ़ाही में आधा गिलास पानी लें और उसमें गुड़ डालकर धीमी आंच पर पिघलाएं।
- जब गुड़ अच्छी तरह पिघल जाए और चाशनी बन जाए तो चेक करें कि इस चाशनी में एक तार खिंचने लगा है या नहीं।
- जब एक तार की चाशनी तैयार हो जाए तो गैस बंद कर दें।
- अब एक बर्तन में खिला हुआ रामदाना लें और ऊपर से गुड़ की चाशनी और इलायची पाउडर डालें।
- अब ठंडे पानी में हाथ गीले करके इस मिक्सर को मिलाएं और लड्डू बनाएं।
- हर लड्डू बनाने से पहले आपको हाथ पर पानी लगाने की आवश्यकता होगी ताकि ये मिश्रण हाथ पर ना चिपके और हाथ ना जलें।
- ठंडे होने के बाद इन लड्डुओं को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें। हर दिन दूध के साथ दो लड्डुओं का सेवन जरूर करें।
रामदाना के लड्डू खाने से शरीर को बदलते मौसम के अनुसार ढालने में मदद मिलती है। यह पोषण से भरपूर, आसानी से पचने वाला और इम्यूनिटी बूस्टर सुपरफूड है। इस मौसम में अपनी सेहत का खास ध्यान रखने के लिए रामदाना के लड्डू को अपने आहार में जरूर शामिल करें।