
नकली पनीर की खुद से पहचान करने के आसान तरीके, कम होगा बीमारी का खतरा
पनीर खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है। लेकिन मार्केट में मिलने वाले नकली पनीर ने हेल्थ रिस्क बढ़ाएं हैं। ऐसे में आपको असली-नकली पनीर में पहचान करनी आनी चाहिए
Iodine Tincture Test For Paneer: पनीर एक बेहद लोकप्रिय डेयरी उत्पाद है, जो न केवल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में काम आता है बल्कि इसमें हाई क्वालिटी प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन B12 भी होता है। हालांकि, बाजार में नकली या मिलावटी पनीर की मौजूदगी सेहत के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल के वर्षों में मिलावटी डेयरी उत्पादों पर कई चेतावनियां जारी की हैं। साल 2022 में Journal of Food Quality and Hazards Control में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मिलावटी पनीर में अक्सर बोरिक एसिड, डिटर्जेंट और सिंथेटिक मिल्क का प्रयोग पाया गया।आइए समझते हैं कि कैसे हम घर पर ही असली और नकली पनीर के बीच अंतर कर सकते हैं।
बनावट और गंध: पहली नजर में पहचान
असली पनीर मुलायम, थोड़ा नम (गीलापन लिए हुए) और हल्की दूध जैसी सुगंध वाला होता है। इसकी सतह थोड़ी चिकनी होती है लेकिन बहुत अधिक चिपचिपी नहीं होती।
नकली पनीर अक्सर बहुत सख्त या रबर जैसी बनावट वाला होता है, जिसमें हल्की केमिकल या खट्टी गंध हो सकती है। यह दर्शाता है कि इसमें सिंथेटिक दूध, स्टार्च या अमानक रसायनों का प्रयोग किया गया है।
हाथ से मसलकर देखें
असली पनीर को अगर हल्के हाथ से मसलें तो वह दबेगा लेकिन टूटेगा नहीं। नकली या मिलावटी पनीर आमतौर पर मसलते ही भुरभुरा होकर टूट जाता है। क्योंकि उसमें मौजूद स्टार्च और सिंथेटिक तत्व उसकी संरचना को कमजोर बनाते हैं।
आयोडीन टिंचर परीक्षण
यह एक सामान्य घरेलू परीक्षण है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि पनीर में स्टार्च की मिलावट है या नहीं।
आयोडीन टिंचर परीक्षण कैसे करें...
पनीर को पानी में 5 मिनट तक उबालें।
फिर उसमें 2-3 बूंद आयोडीन टिंचर डालें।
यदि रंग नीला पड़ जाए तो समझिए कि इसमें स्टार्च मिलाया गया है और वह नकली है।
इसका सायंटिफिक पहलू यह है कि स्टार्च, आयोडीन के साथ प्रतिक्रिया कर नीला रंग देता है, जो एक क्लासिकल केमिकल इंडिकेटर टेस्ट है।
पैकेट के लेबल को ध्यान से पढ़ें
यदि आप पैक्ड पनीर खरीदते हैं तो उसके पैकेजिंग लेबल पर दिए गए इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से पढ़ना आवश्यक है। असली पनीर केवल दूध और जमावट एजेंट (जैसे नींबू का रस या सिरका) से बनता है।
अगर लेबल पर ‘स्टेबलाइज़र’, ‘रिफाइंड ऑइल’, ‘प्रिज़र्वेटिव्स’ या अन्य सिंथेटिक तत्वों का उल्लेख हो तो यह पनीर शुद्ध नहीं हो सकता।
FSSAI के अनुसार, असली पनीर के निर्माण में केवल दूध और स्वीकृत कोगुलेंट का उपयोग होना चाहिए।
गर्म पानी में उबालकर जांच करें
पनीर के एक टुकड़े को गर्म पानी में डालकर कुछ मिनट तक उबालें।
यदि वह नरम ही बना रहता है तो यह असली होने का संकेत है।
अगर वह टूट जाए या रबर जैसी बनावट ले ले तो मिलावट की संभावना बढ़ जाती है।
स्वाद और सुगंध से करें विश्लेषण
असली पनीर में हल्की ताजगी भरी दूध की खुशबू होती है और स्वाद भी दूध जैसा हल्का होता है। नकली पनीर में न तो कोई खास गंध होती है और न ही स्वाद में कोई गहराई। कुछ नकली पनीर बहुत चिकना और बेस्वाद होता है।
नकली पनीर के नुकसान
मिलावटी पनीर के लगातार सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं, फूड पॉइजनिंग, हॉर्मोनल असंतुलन और लंबे समय तक उपयोग करने पर किडनी व लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, नियमित रूप से रसायनयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
आज के दौर में जब खाद्य मिलावट आम होती जा रही है, उपभोक्ताओं के लिए जरूरी है कि वे खुद जागरूक बनें और ऐसे सरल वैज्ञानिक परीक्षणों द्वारा अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें। असली पनीर की पहचान करना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी सावधानी और जानकारी की जरूरत है।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। कोई भी सलाह अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।