नींद में खर्राटा लेना बन सकता है मौत का कारण, आज ही इन उपायों से पाएं छुटकारा
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नींद में खर्राटा लेना बन सकता है मौत का कारण, आज ही इन उपायों से पाएं छुटकारा

खर्राटों को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं. हालांकि, खर्राटे लेना एक बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है, जिससे जान तक जाने का खतरा भी बने रहता है.


Snoring Treatment: कई लोगों को सोते समय खर्राटा लेने की आदत होती है. इससे वह खुद तो चैन की नींद सोता है. लेकिन साथ में सोने वाले लोगों के लिए दिक्कत पैदा करता है. खर्राटे की आवाज से आसपास सोए लोगों की नींद में खलल पड़ता है. खर्राटों को लोग एक खराब आदत मानते हैं और लोग इसे अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं. हालांकि, खर्राटे लेना एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जिससे जान तक जाने का खतरा बने रहता है.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक, खर्राटे आना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बीमारी का संकेत हो सकता है. यह बीमारी हाई बल्ड प्रेशर, दिल के रोग, डिप्रेशन, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज और मौत के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा सकती है.

इस तरह के खर्राटे हो सकते हैं खतरे का संकेत

अगर आपके साथ सोने वाला इंसान आपको दूसरे दिन बताता है कि नींद में खर्राटा लेते समय सांस रुकने वाली स्थिति होती है तो फिर आपको घबराने की जरूरत है. यह स्थिति खतरे की तरफ इशारा करती है. इसके साथ ही दिन के समय नींद आना और बहुत जोर से खर्राटे लेना भी बीमारी से घिरने का संकेत होता है.

उपाय

- पीठ के बल सोने की बजाय करवट लेकर सोएं. इससे सांस लेने में आसानी होगी और खर्राटे कम होने लगेंगे.

- रात को सोने से पहले भारी खाना खाने से बचें. कोशिश करें कि सोने से करीब तीन घंटे पहले खाना खा लें.

- रात को सोने से पहले शराब पीने से बचें, क्योंकि इससे मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं.

- अगर आप धूम्रपान करते हैं और साथ ही खर्राटों की समस्या से परेशान हैं तो आज से ही इस आदत से तौबा कर लें. क्योंकि धूम्रपान करने से सांस लेेने का रास्ते में बाधा उत्पन्न होती है, जो खर्राटों का कारण बनती है.

- मोटापा या वजन अधिक होना खर्राटों का कारण बनता है. इसलिए आज से अपनी आदत में व्यायाम आदि को शामिल कर वजन घटाने की कोशिश करें.

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