
तेज गर्मी में कॉमन हैं सेहत से जुड़ी 9 समस्याएं, जानें बचाव के उपाय
तेज गर्मी भी पेट दर्द का कारण हो सकती है। या अपच की समस्या को बढ़ा सकती है। ऐसे में खाना खाते ही पेट में भारीपन के साथ तेज दर्द शुरू हो सकता है...
Summer Care: जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ रहा है, सेहत से जुड़ी समस्याएं भी अपने पैर पसार रही हैं। डिहाइड्रेशन से लेकर डायरिया तक, गर्मी के कारण होने वाली 9 आम बीमारियों और इनसे बचाव के तरीकों के बारे में यहां बताया जा रहा है। ताकि आप स्वस्थ रहें और बेफिक्र होकर गर्मियों को इंजॉय करें...
पेट दर्द की समस्या
जी हां, तेज गर्मी भी पेट दर्द का कारण हो सकती है। या अपच की समस्या को बढ़ा सकती है। ऐसे में खाना खाते ही पेट में भारीपन के साथ तेज दर्द शुरू हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तेज गर्मी के कारण शरीर में पानी का स्तर तेजी से गिरने लगता है और शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। इसे संतुलित रखने के लिए बॉडी को एक्स्ट्रा मेहनत करनी होती है और इस कारण ब्लड सर्कुलेशन में तेजी से बदलाव आने लगता है, जो पाचन को प्रभावित करता है और पेट दर्द के कारणों को बढ़ाता है। क्योंकि पानी की कमी के कारण शरीर भोजन को पचा नहीं पाता है।
समाधान- दिन में कम से कम एक बार छाछ या लस्सी जरूर पिएं। मौसमी फल जैसे, खरबूजा, तरबूज जरूर खाएं। ये शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने में मदद करते हैं।
डिहाइड्रेशन
गर्मी में सिर्फ पसीने से ही पानी शरीर से बाहर नहीं निकलता बल्कि प्राकृतिक रूप से भी इसका स्तर गिरता है और साथ ही जब हम यूरिन पास करते हैं तब भी पानी शरीर से बाहर निकलता है। डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने पर बॉडी में इलैक्ट्रोलाइट्स का स्तर भी गिरने लगता है, जिससे कमजोरी आती है, सिर चकरा सकता है और जी-मिचलाने की समस्या भी हो सकती है।
समाधान- पानी पीते रहें। बिना प्यास के भी इस बात पर ध्यान दें कि आपने कितने गिलास पानी पिया है। साथ ही केवल पानी पर निर्भरता ना रहें। बल्कि छाछ, नींबू-पानी, आमपना और जलजीरा भी लेते रहना चाहिए।
डायरिया की समस्या
तापमान बढ़ने के कारण डायरिया भी बहुत जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है। डायरिया होने का कारण भी पानी की कमी और इलेक्ट्रोलाइट्स के गिरते स्तर से जुड़ा है। साथ ही गर्मी के मौसम में खाना और पानी बहुत जल्दी इंफेक्टेड होता है। ऐसे में यदि खाने-पीने में थोड़ी भी लापरवाही हो जाए तो यह भी डायरिया की वजह बन जाता है। इसलिए खाना और पानी हमेशा ताजा ही यूज करें।
तेज सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या बढ़ना
जिन लोगों को पहले से माइग्रेन की समस्या है, गर्मी के मौसम में इनका ये दर्द पहले के मुकाबले बढ़ सकता है और इस दर्द के होने की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ सकती है। यानी पहले यदि यह दर्द आपको महीने में एक बार होता था तो हो सकता है तेज गर्मी के कारण और सही से ध्यान ना दिए जाने के कारण, महीने में दो से तीन बार इसके अटैक्स आने लगें। साथ ही डिहाइड्रेशन होने, गर्म हवाओं के कारण शरीर के बढ़ते तापमान और गिरते जल स्तर के कारण तेज सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
समाधान- मन को शांत रखें और इसके लिए हर दिन मेडिटेशन करें। ये माइग्रेन कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है। लस्सी, छाछ, ताजे फल, खिचड़ी, दलिया और बेरीज इनका सेवन डेली डायट में करें। डॉक्टर की सलाह पर दवाई हमेशा अपने साथ रखें।
हाई बीपी की समस्या
गर्मी में बीपी हाई होना एक आम समस्या है। यह दिक्कत उन लोगों के लिए और अधिक बढ़ जाती है, जो पहले से इससे ग्रसित हैं। इसलिए बीपी की दवाई हमेशा अपने साथ रखें। अपने डॉक्टर से एक बार अपनी सेहत को लेकर परामर्श करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का पालन करें।
समाधान- डॉक्टर की सलाह पर अमल करने के साथ ही खुद को हाइड्रेटेड रखें। ऑइली और मसालेदार फूड्स का सेवन बहुत कम कर दें और मन को परेशान करने वाले कारणों से दूर रहें।
हीटस्ट्रोक का खतरा
गर्मी का एक खतरनाक प्रभाव होता है, हीटस्ट्रोक आना। इसमें उल्टी, दस्त, सिरदर्द, मितली आना, पेट दर्द होना, चक्कर आना और घबराहट होना जैसे लक्षण हावी हो जाते हैं। यह स्थिति तन और मन को तोड़ देने वाली होती है। यदि सही से ध्यान ना दिया जाए तो जान पर भी खतरा बन सकता है। इसलिए ऐसी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
समाधान- समस्या होने पर डॉक्टर से तुरंत मिलना है। साथ ही इस समस्या से बचे रहने के लिए तेज धूप में निकलने से बचें, जाना ही हो तो सनग्लास लगाकर और कॉटन का स्कार्फ पहनकर निकलें। ये स्कार्फ आपके चेहरे, गर्दन, सिर और कानों को पूरी तरह कवर करने वाला होना चाहिए। इससे हीटस्ट्रोक का खतरा कम होता है।
स्ट्रेस का बढ़ना
तेज गर्मी के कारण स्ट्रेस की समस्या बढ़ जाती है। हर छोटी-बड़ी टेंशन बहुत अधिक तनाव देती है और ऐसा उन लोगों के साथ अधिक होता है, जो बहुत संवेदनशील होते हैं।
समाधान- आप जिन भी भगवान को मानते हैं, दिन में एक बार उनका ध्यान जरूर करें, मन को सकारात्मक बनाए रखने में हेल्प होगी। पानी और दूसरी लिक्विड डायट अच्छी तरह लें। योग और एक्सर्साइज करें। ये तनाव को हावी नहीं होने देते हैं।
चिपचिपाहट का बढ़ना
जिन लोगों की स्किन ऑइली होती है, गर्मी के मौसम में उनके लिए त्वचा संबंधी समस्याओं का बढ़ना आम बात हो जाती है। क्योंकि त्वचा की कोशिकाएं अधिक मात्रा में सीबम बनाती हैं, जो चिपचिपाहट पैदा करता है। साथ ही पसीना अधिक आने के कारण तरह-तरह के स्किन इंफेक्शन होने का डर बना रहता है।
समाधान- कम मसाले का खाना खाएं और ऑइली फूड से जितना हो सके बचकर रहें। विटामिन-सी युक्त फल जैसे, संतरा, कीवी, स्ट्रॉबेरी का सेवन हर दिन करें। लिक्विड डायट अधिक लें।
सनबर्न की समस्या
सनबर्न यानी धूप से त्वचा का जलना। तेज गर्मी और धूप में निकलने के कारण त्वचा जल जाती है। लेकिन कई बार बिना तेज धूप में जाए भी ये समस्या हो जाती है। ऐसा सेंसेटिव स्किन वाले लोगों के साथ अधिक होता है। इससे बचने के लिए जब भी धूप में जाएं तो स्कार्फ का यूज जरूर करें। पैदल जाना हो तो साथ में छाता भी रखें। पानी पीकर बाहर निकलें।
समाधान- शरीर को हाइड्रेट रखें। घर लौटकर सिर्फ पानी ना पिएं बल्कि ग्लूकोज या नींबू पानी का सेवन करें। दिन में कम से कम एक बार छाछ का सेवन जरूर करें और एक बार दही जरूर खाएं। सनबर्न के स्थान पर वॉटरबेस्ड मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं। दिक्कत अधिक हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।