गर्मी के मौसम में बढ़ी पथरी के रोगियों की संख्या, क्या है कारण जानिये यहाँ
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गर्मी के मौसम में बढ़ी पथरी के रोगियों की संख्या, क्या है कारण जानिये यहाँ

इसका मूल कारण पानी की कमी है, जिसकी वजह से 20 साल से लेकर 40 साल तक के युवाओं में गुर्दे में पथरी की शिकायत बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है किज्यादा से ज्यादा पानी पीना, ताकि हमारे शारीर से पसीने के रूप में निकलने वाले पानी की कमी को पूरा किया जा सके.


Hot Weather Side Effects: भीषण गर्मी के मौसम की चलते पथरी की समस्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका मूल कारण पानी की कमी है, जिसकी वजह से 20 साल से लेकर 40 साल तक के युवाओं में गुर्दे में पथरी की शिकायत बढ़ रही है. अलग अलग अस्पतालों में आये गुर्दे में पथरी की शिकायत वाले रोगियों से पता चलता है कि दोनों ही पुरुष और स्त्री में गुर्दे की पथरी रोग के मरीजों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि सबसे ज्यादा जरुरी है गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना, ताकि हमारे शारीर से पसीने के रूप में निकलने वाले पानी की कमी को पूरा किया जा सके.

पहले बात करते हैं गुर्दे में पथरी बनने के कारण

1- गर्मी की वजह से पानी की कमी- गर्मी के कारण शारीर से अत्यधिक मात्र में पसीना निकलता है. ख़ास तौर से लू चलने पर. ऐसे में शारीर से पसीने के रूप में सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि खनिज जैसे सोडियम आदि भी बाहर निकलते हैं. जिसकी वजह से हमारे शारीर में जो कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट आदि तत्व होते हैं, वो क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं और उसकी वजह से पथरी बन जाती है.

2- सोडियम और प्रोटीन डाइट - युवाओं की बात करें तो फिटनेस को ध्यान में रखते हुए रिच प्रोटीन डाइट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा जिस तरह से फ़ास्टफ़ूड का चलन हमारी सोसाइटी में बढ़ा है, उसकी वजह से भी सोडियम की मात्रा हमारे शारीर में ज्यादा बनती है, जो पथरी को बढ़ावा देने का एक और बड़ा कारण बन जाती है.

3 - आसीन जीवन शैली- आज की बात करें तो कोविद के बाद से बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं, जो रोजमर्रा की ज़िन्दगी में व्यायाम आदि पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम जैसे एक नयी संस्कृति भी बनी है, जिसमे लोग घंटों बैठ कर काम करते हैं और उनकी शारीरिक गतिविधि भी न के बराबर ही रहती है, जिसकी वजह से गुर्दे के रोग में पथरी ज्यादा होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

4 - ऑक्सालेट से भरपूर खाद्य पदार्थ - गर्मी के मौसम में भी बड़ी मात्रा में लोग सोयाबीन, रस बरी, बादाम, पालक, कोल्ड ड्रिंक्स आदि लेते हैं, जिनमें ऑक्सालेट पाया जाता है. ऑक्सालेट भी शरीर के अन्दर पानी की कमी की वजह से क्रिस्टल के तौर पर जम जाता है और पथरी में बदल जाता है.

5 - यूरिक एसिड और कैल्शियम का बढ़ना - गर्मी में होने वाली पानी की कमी की वजह से शारीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी बढ़ती है, जिसकी वजह से पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है, ख़ास तौर से गुर्दे की. साथ ही कैल्शियम आदि क्रिस्टल के तौर पर शारीर में जम जाते हैं, जो पथरी बनाते हैं.

लक्ष्ण

मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि गुर्दे की पथरी के लक्ष्ण एक दम से दिखाई नहीं देते क्योंकि ये अचानक से बड़ा रूप नहीं लेते हैं. जब पथरी की संख्या ज्यादा हो जाती है या फिर पथरी बड़े आकार नहीं होती तो इसका पता रोगी को नहीं चलता है. जब पथरी पेशाब के रस्ते में अटकती है या फिर पेशाब में अवरोध पैदा करती है तो फिर तेज दर्द उठता है, जिसके बाद ही ये पता चल पता है कि पथरी हुई है.

क्या कहना है एक्सपर्ट का


डॉ कुलदीप अग्रवाल, सीनियर कंसलटेंट, यूरोलॉजी - यशोदा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ कुलदीप अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों में गुर्दे की पथरी की शिकायत बढ़ने के पीछे का सबसे बड़ा कारण होता है शरीर में पानी की कमी होना. जिसकी वजह से शरिर में डिहाइड्रेशन होता है, जो पेशाब की मात्रा को कम करता है. इसकी वजह से कैल्शियम, ऑक्सालेट किडनी के अंदर क्रिस्टल बन कर पथरी का रूप ले लेते हैं.

इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय एक ही है, वो है ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करना. जितना पानी पिया जाए उतना पियें ताकि शरीर में इसकी कमी न हो.


डॉ अजय लेखी का कहना है कि गर्मियों में पसीना ज्यादा बहता है और शरीर में पानी की कमी होती है, जिसकी वजह से हमारी किडनी में पानी ठीक मात्रा में नहीं पहुँच पाता है. गर्मियों में पसीना निकलने पर हम जो पानी पीते हैं, वो किडनी में पहुँचने से पहले ही फिर से पसीने के रूप में बाहर निकल जाता है.

किडनी क्या काम करती है - डॉ अजय लेखी बताते हैं कि किडनी शारीर की गन्दगी को बहार निकालने का काम करती है. खून को साफ़ करने का काम करती है. गर्मियों में पानी जब किडनी तक सही मात्रा में नहीं पहुँचता तो ऐसे में जो गंदगी गुर्दे में जमा होती है, वो निकल नहीं पाती और पथरी बन जाती है.

गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक का सेवन नुक्सान दायक है- उनका कहना है कि गर्मियों में लोग कोल्ड ड्रिंक या फिर पैकेट बंद जूस आदि का सेवन ज्यादा करते हैं, जिसकी वजह से शारीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है और ये भी एक कारण बनता है, पथरी का. इसके अलावा चिनेसे फ़ूड में अजिनो मोटो का इस्तेमाल होता है, जो क्रिस्टल के रूप में होता है और जल्दी ही क्रिस्टल भी बन जाता है, इसलिए भी गर्मी के मौसम में गुर्दे की पथरी की शिकायत बढ़ जाती है.

इससे बचने के लिए यही सलाह है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीया जाए और कोशिश की जाये कि सीधे धुप या फिर खुले में जाने से बचा जाए. जितना पानी गुर्दे में पहुंचेगा, उतनी शरीर की गंदगी बाहर निकलेगी.

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