Vitamin D deficiency skin symptoms of Vitamin D leg pain due to Vitamin D
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पैरों में दर्द से लेकर सिर में अधिक पसीना आना और चोट जल्दी ठीक ना होना

युवाओं में विटामिन-डी की कमी के ये लक्षण, सिर में पसीना और ड्राई स्किन

विटामिन-डी की कमी के लक्षण केवल कमजोरी के रूप में या हड्डियों की कमी के रूप में ही नजर नहीं आते हैं। बल्कि स्किन पर भी कई अलग-अलग तरीकों से नजर आते हैं...


Vitamin-D: हमारे देश में ज्यादातर लोगों में जिन विटामिन्स की कमी होती है, उनमें विटामिन-डी टॉप पर है। खासतौर पर भारतीय महिलाओं में तो इस विटामिन की कमी, महामारी के स्तर पर देखने को मिलती है। वहीं, नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के अनुसार, यूके में लगभग हर 6 में से-1 वयस्क में विटामिन-D की कमी होती है जिससे कई त्वचा और पैर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

विटामिन D: ‘सनशाइन विटामिन’

विटामिन-D हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य से लेकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने तक कई कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। NHS ने बताया है कि लगभग 6 में से 1 वयस्क को विटामिन-D की कमी होती है, जिससे रिकेट्स, हड्डियों में दर्द और विकलांगता हो सकती है।

यूके में हमारा अधिकांश विटामिन-D वसंत और गर्मियों में सूर्य की रोशनी से मिलता है। क्योंकि आहार के माध्यम से मिलने वाले स्रोत कम हैं। वर्तमान गाइड के अनुसार, सभी वयस्कों और बच्चों को अक्टूबर से मार्च के बीच रोजाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन-D की आवश्यकता होती है। जबकि जिन लोगों में इसका स्तर बहुत कम है, उन्हें पूरे वर्ष सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन रिपोर्ट में केवल 6 में 1 व्यक्ति सप्लीमेंट ले रहा है।

त्वचा और पैरों पर विटामिन-D की कमी के 6 लक्षण

विटामिन-डी की कमी के लक्षण केवल कमजोरी के रूप में या हड्डियों की कमी के रूप में ही नजर नहीं आते हैं। बल्कि स्किन पर भी कई अलग-अलग तरीकों से नजर आते हैं...

घावों का धीमा भरना

विटामिन-D नए स्किन सेल्स बनने और चोट लगे हुए या पुराने स्किन सेल्स की रिपेयरिंग में विटामिन-डी का बड़ा रोल होता है। लेकिन जब बॉडी में इसकी कमी होती है तो छोटे कट, घाव या अल्सर भी जल्दी ठीक नहीं होते और इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपके घाव ठीक नहीं हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें। क्योंकि यह विटामिन-D की कमी के साथ संक्रमण या डायबिटीज जैसी स्थिति के लक्षण भी हो सकते हैं।

खुजली या सूखी त्वचा

सूखी, खुजली वाली त्वचा अक्सर विटामिन-D की कमी का संकेत होती है। विटामिन-D त्वचा की नमी को मेंटेन रखने में मदद करता है। विंटर सीजन में जब धूप कम होती है, लोग अक्सर इसे सर्दी के कारण मान लेते हैं, जबकि इसका असली कारण विटामिन-D की कमी भी हो सकती है। गंभीर मामलों में, इससे एक्जिमा या सोरियासिस जैसी ऑटोइम्यून त्वचा समस्याएं भी हो सकती हैं।

एक्जिमा जैसे लक्षण

कुछ अध्ययन सुझाव देते हैं कि लो विटामिन-D एक्जिमा के गंभीर दौरों से जुड़ा हो सकता है। National Eczema Society ने उल्लेख किया है कि 2015 का एक क्लिनिकल रिव्यू विटामिन-D की कमी और एक्जिमा के बीच कनेक्शन दर्शाता है, जबकि 2018 की एक स्टडी में 67% बच्चों ने सप्लीमेंट लेने के बाद सुधार देखा। हालांकि, प्रभाव के बारे में और मजबूत प्रमाणों की आवश्यकता है।

दरारों वाली और ड्राई स्किन

Centre for Surgical Dermatology के अनुसार, ड्राई, धुंधली या रूखी त्वचा विटामिन-D की कमी के संकेत हैं। विटामिन-D त्वचा कोशिका वृद्धि और मरम्मत के लिए जरूरी होता है।

पैरों में दर्द

विटामिन-D की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और हड्डियों में दर्द हो सकता है, जिससे सीढ़ियाँ चढ़ने या कुर्सी से उठने में परेशानी होती है। बच्चों में रिकेट्स यानी लेग्स का तिल-तिलाकर झुकाव भी एक गंभीर लक्षण है। येल मेडिसिन (Yale Medicine के अनुसार, ग्लोब खेलने वाले वयस्कों में अगर विटामिन-D का स्तर 10 ng/mL है तो उन्हें हड्डियों में दर्द, टूट-फूट और चढ़ने-उतरने में तकलीफ हो सकती है।

अत्यधिक पसीना

आपको जानकर थोड़ा अजीब लगता है लेकिन सिर और चेहरे पर जरूरत से ज्यादा पसीना विटामिन-D की कमी का शुरुआती संकेत हो सकता है। डॉ. स्टेफनी बारेट का कहना है कि “विटामिन-D की कमी से पसीना ग्रंथियाँ ज्यादा सक्रिय हो सकती हैं, और वह ‘सिर से पसीना आना’ इस कमी का क्लासिक संकेत है।”

विटामिन-डी की कमी से बचने के लिए क्या करें?

अक्टूबर से अप्रैल तक 10 माइक्रोग्राम विटामिन-D रोजाना लें (NHS दिशानिर्देश)। लेकिन कोई भी टैबलेट लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर लें। ओवर-द-काउंटर सप्लिमेंट्स लेने से बचना चाहिए। ताकि सही मात्रा में और उचित समय तक इनका उपयोग किया जा सके।

जिन लोगों में विटामिन-डी की अधिक कमी है, उन्हें पूरे साल डॉक्टर की गाइडेंस में विटामिन-डी लेना चाहिए। इनमें विशेष रूप से नवजात शिशु, बुजुर्ग, डायबिटीज, मोटापे से प्रभावित लोग शामिल हैं।


यहां बताई गई स्किन से जुड़ी समस्याएं होने पर पैर की समस्याएं हो रही हों तो आई एक्सपर्ट या जनरल डॉक्टर से परामर्श लें।

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