
पत्नी की नीड्स को कितना जानते हैं आप? जानें, कैसे मिलेगा उम्रभर प्यार
पत्नी के उखड़े मूड और चिड़चिड़ेपन से परेशान हैं..या आपकी पत्नी के साथ आपका रिश्ता लगातार खराब होता जा रहा है..ये समाधान अपना असर दिखाएंगे, अपनाकर देखिए...
How To Make Your Wife Happy: पति-पत्नी के रिश्ते में जब खुशियों की बात आती है तो अक्सर रिलेशनशिप टिप्स पर बात की जाती है। महिलाओं को पुरुषों की और पुरुषों को महिलाओं की सायकॉलजी समझाई जाती है। इस सबके बीच एक सबसे महत्वपूर्ण बात को लगभग पूरी तरह भुला दिया जाता है और वो है शरीर की आवश्यकताएं! आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन ये सच है कि व्यक्ति का मन और विचार भी सही डायरेक्शन में तभी चलेंगे जब उसकी बॉडी की पोषण संबंधी नीड्स पूरी होंगी। पतियों को अपनी पत्नी से अक्सर इस बात की शिकायत रहती है कि गुस्सा बहुत करती है, बात-बात पर रोने लगती है, कुछ बोलती ही नहीं, ये खुश नहीं रहती इत्यादि। अगर आप भी अपनी पत्नी के ऐसे व्यवहार से परेशान हैं तो इसका कारण और समाधान यहां जान लीजिए...
पत्नी के बदलते रवैये का कारण
जिस तरह महिलाओं और पुरुषों के शरीर की बनावट अलग होती है, ठीक इसी प्रकार इनकी बॉडी की न्यूट्रिशन संबंधी आवश्यकताएं भी अलग होती हैं। महिलाओं में हॉर्मोनल चेंजेज पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक होते हैं, जो सीधे इनके मूड और सेहत पर असल डालते हैं इसलिए उम्र के हर दौर में शरीर की जरूरत के अनुसार इनकी डायट में बदलाव होना आवश्यक होता है। किशोरावस्था से लेकर युवावस्था (Adolescence), प्रेग्नेंसी (Pregnancy) हो या मेनोपॉज़ (Menopause), सही आहार अपनाकर महिलाएं हमेशा खुश और हेल्दी रह सकती हैं। इन बातों का ध्यान रखकर आप अपनी पत्नी को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रख सकते हैं। इससे उनका मूड भी अच्छा रहेगा और आपकी लाइफ में खुशियां भी बरसेंगी...
शतावरी (Shatavari): महिलाओं की सेहत का सुपरफूड
महिलाओं की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए शतावरी को डाइट में ज़रूर शामिल करें। यह एक नेचुरल हर्ब (Natural Herb) है, जो महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
शतावरी की फलियां विटामिन-के (Vitamin-K) और फोलेट (Folate) से भरपूर होती हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। खासतौर पर अगर प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं तो इन्हें जरूर खाएं क्योंकि इनसे मिलने वाला फोलेट पेट में पल रहे बच्चे (Fetus) के विकास में बेहद ज़रूरी भूमिका निभाता है।
पपीता (Papaya) है ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से बचाव का नेचुरल तरीका
महिलाओं की स्किन और बाल सुंदर बने रहते हैं तो वे स्वयं ही काफी हद तक खुश रहती हैं। इसका कारण यह है कि महिलाएं अपने लुक्स को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं। पपीता सिर्फ इनकी स्किन (Skin) और डाइजेशन (Digestion) के लिए ही नहीं बल्कि हार्ट और कैंसर प्रिवेंशन (Cancer Prevention) के लिए भी फायदेमंद है। पपीते में बीटा-कैरोटीन (Beta-Carotene) और लाइकोपीन (Lycopene) होते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव में मदद कर सकते हैं।
वहीं, लाइकोपीन एक स्ट्रॉन्ग ऐंटिऑक्सीडेंट (Antioxidant) की तरह काम करता है, जो कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कंट्रोल करता है और हार्ट हेल्थ (Heart Health) को बेहतर बनाता है। इसलिए अगर आप अपनी पत्नी की सेहत को प्रोटेक्ट करना चाहते हैं तो पपीते को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें!
३० की उम्र से जरूर खिलाएं केल (Kale)
महिलाओं के शरीर में 30 की उम्र के बाद ही कैल्शियम (Calcium) की कमी होने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में केल एक बेस्ट ऑप्शन है, जो इनकी बोन हेल्थ (Bone Health) को स्ट्रॉन्ग बनाए रखता है।
केल में विटामिन-के, विटामिन-डी (Vitamin-D) और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मज़बूती देते हैं। अगर कोई महिला रोज़ाना एक कटोरी केल खाती है तो इससे शरीर को विटामिन-ए (Vitamin-A) और विटामिन-सी (Vitamin-C) भी मिलता है, जो स्किन और इम्युनिटी (Immunity) के लिए ज़रूरी है।
आपकी पत्नी के दिल का खयाल रखेंगी फलियां (Legumes)
क्या आपको लगता है कि हार्ट अटैक (Heart Attack) सिर्फ पुरुषों को होता है? हकीकत यह है कि हार्ट डिजीज (Heart Disease) महिलाओं में भी बहुत आम हो चुकी है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! अगर आप अपनी पत्नी की डाइट में फलियों को शामिल करा देंगे तो इनका दिल लंबे समय तक हेल्दी बना रहेगा और आपके लिए धड़कता रहेगा!
फलियां प्रोटीन (Protein) और फाइबर (Fiber) का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कंट्रोल में रखते हैं। यह हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाती हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी बैलेंस में रखती हैं।
चिड़चिड़ेपन से बचाएगी सोयाबीन (Soybean)
महिलाओं में मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ेपन का सबसे बड़ा कारण होता है हॉर्मोनल असंतुलन। सोयाबीन की फलियां न्यूट्रिशन से भरपूर होती हैं और महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस (Hormonal Balance) के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। खासतौर पर मेनोपॉज़ (Menopause) के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen) का स्तर कम होने लगता है, जिससे हॉर्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। सोयाबीन में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन लेवल को बनाए रखते हैं और मेनोपॉज़ के लक्षणों (Symptoms) को कम करने में मदद करते हैं।
कब नहीं खाना चाहिए सोयाबीन?
सोयाबीन भले ही महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद हो लेकिन अगर किसी महिला की हेल्थ हिस्ट्री में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) शामिल है तो इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। अलग-अलग मेडिकल कंडीशंस में डॉक्टर इसकी मात्रा सीमित कर सकते हैं या इसे खाने के लिए पूरी तरह से मना भी कर सकते हैं।