
महेंद्र सिंह धोनी ने ‘Captain Cool’ को ट्रेडमार्क कराया है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इससे उन्हें कानूनी विवादों का सामना करना पड़ सकता है।
MS Dhoni Trademark News: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में Captain Cool शब्द को अपने व्यक्तिगत ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत करवाया है। यह वही उपाधि है जिससे उन्हें लंबे समय से जाना जाता रहा है। मैदान पर संयमित व्यवहार और दबाव में भी शांति बनाए रखने के लिए। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम धोनी के लिए ब्रांड वैल्यू तो नहीं बढ़ाएगा, हां, आने वाले समय में कानूनी उलझनों का कारण जरूर बन सकता है।
क्या कहा ट्रेडमार्क ऑफिस ने?
धोनी की ओर से यह आवेदन वर्ष 2023 में किया गया था, जिसे जून 2025 में स्वीकार किया गया। ट्रेडमार्क रजिस्ट्री के वरिष्ठ परीक्षक ने अपने बयान में कहा “Captain Cool’ शब्द महेंद्र सिंह धोनी से इस हद तक जुड़ा है कि यह उनके व्यक्तित्व का प्रतीक बन गया है। यह उपाधि मनोरंजन और खेल से जुड़ी सेवाओं के संदर्भ में विशेष पहचान बन चुकी है। यह आवेदन क्लास 41 के अंतर्गत किया गया है, जिसमें शिक्षा, खेल, कोचिंग, प्रशिक्षण और मनोरंजन से जुड़ी सेवाएं आती हैं।
केवल एक आपत्ति, लेकिन…
इस पंजीकरण के खिलाफ केवल एक कंपनी ने आपत्ति जताई, जो पहले से इस नाम का उपयोग कर रही थी। लेकिन इस आपत्ति को खारिज कर दिया गया।अब इसका मतलब है कि यदि कोई स्कूल, क्लब या संस्था ‘Captain Cool’ नाम से कोई कार्यक्रम या प्रतियोगिता आयोजित करता है, तो धोनी कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन यह भी सच है कि धोनी इस नाम से कोई उत्पाद नहीं बेचते। यह केवल एक विशेषण है, जो सिर्फ धोनी ही नहीं, अन्य खिलाड़ियों के लिए भी इस्तेमाल होता रहा है।
क्या यह मिसाल खतरनाक है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर धोनी यह कर सकते हैं, तो सचिन तेंदुलकर 'मास्टर ब्लास्टर' या सुनील गावस्कर 'लिटिल मास्टर' को भी ट्रेडमार्क करा सकते हैं। क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी अपने सेलिब्रेशन “Siuu” को ट्रेडमार्क करा सकते हैं।लेकिन ऐसा करना कानूनी रूप से जटिल और व्यावहारिक रूप से उलझनों भरा हो सकता है।
धोनी पहले से कानूनी संकट में
धोनी पहले से ही कई कानूनी विवादों में उलझे हुए हैं, खासकर अम्रपाली ग्रुप से जुड़े मामलों में। इस ग्रुप ने ग्राहकों के पैसे हड़प लिए थे और बाद में दिवालिया हो गया।धोनी, जो इस ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे, अब 150 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं। एक अदालत-नियुक्त ऑडिट में यह सामने आया कि ग्रुप ने धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी के खातों का उपयोग कर फ्लैट खरीदारों का पैसा इधर-उधर किया।
रिपोर्ट के अनुसार, धोनी की मैनेजमेंट कंपनी Rhiti Sports ने अम्रपाली से जो पैसे लिए, वह खरीदारों के थे और उनका उपयोग विज्ञापन में करना अवैध माना गया।
कानूनी नजरिए से कितनी टिकेगी यह ट्रेडमार्क?
ट्रेमार्क कानूनों के मुताबिक, किसी ट्रेडमार्क को तब तक सुरक्षा नहीं मिलती जब तक वह विशिष्ट (distinctive) न हो या उसने सेकेंडरी मीनिंग प्राप्त न की हो।‘Captain Cool’ जैसा शब्द कई जगहों पर जनरल विशेषण के रूप में इस्तेमाल होता है क्रिकेटर्स, फुटबॉल कप्तान या सेना में भी।ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 9 के तहत ऐसे ट्रेडमार्क को भ्रामक या गैर-विशिष्ट मानकर खारिज किया जा सकता है।कोई अन्य संस्था Captain कूल को Kaptain Kool जैसे अलग रूप में इस्तेमाल कर सकती है, जिससे धोनी को बार-बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।धोनी का स्वयं का नाम पहले से ही एक ब्रांड है, जिसे पहचान के लिए किसी अतिरिक्त ट्रेडमार्क की आवश्यकता नहीं।
धोनी के लिए Captain Cool को ट्रेडमार्क कराना एक साहसी लेकिन जोखिम भरा कदम है। यह उन्हें न तो कोई नया ब्रांड मूल्य देने वाला है और न ही व्यावसायिक उत्पाद से जुड़ा है।बल्कि यह उन्हें ऐसे कानूनी झमेलों में डाल सकता है, जिनका कोई अंत नहीं दिखता। वह भले ही कूल रहें, लेकिन कानून शायद उतना शांत न हो।
(फेडरल सभी पक्षों से विचार और राय प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। लेख में दी गई जानकारी, विचार या राय लेखक के हैं और जरूरी नहीं कि वे फेडरल के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों)