KS Dakshina Murthy

यूक्रेन संकट: ट्रंप की रणनीतिक हार, पुतिन की जिद बढ़ा रही वैश्विक खतरा


यूक्रेन संकट: ट्रंप की रणनीतिक हार, पुतिन की जिद बढ़ा रही वैश्विक खतरा
x
Click the Play button to hear this message in audio format

रूस‑यूक्रेन युद्ध अब अनेक जटिलताओं से घिरा हुआ है। ट्रंप और नाटो द्वारा दिए गए संकेतों से यह स्पष्ट है कि अगर युद्ध विस्तार की राह अपनाए तो यूरोप का पूरा भूगोल बदल सकता है। अभी की स्थिति में एक भी गलत कदम वैश्विक युद्ध की चिंगारी बन सकती है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का अब तक कोई अंत दिखाई नहीं दे रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उनके नाटो सहयोगियों के बयानों से ऐसा लगता है कि यह युद्ध और फैल सकता है — विशेषकर अगर यूक्रेन में “शांति-रक्षक बल” भेजने जैसे कदम उठाए जाएं।

यूक्रेन को पूर्वी इलाके वापस लेने का अधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन की विजय का मतलब है कि वह वह क्षेत्र वापस लेगा, जो रूस ने युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था।

नाटो, रूस और “शांति बल” की प्रस्तावित भूमिका

नाटो सहयोगियों ने सुझाव दिया है कि यूक्रेन में शांति-रक्षक बल तैनात किए जाएं। लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे सख्ती से खारिज किया। पुतिन ने यह भी कहा कि नाटो का पूर्वी यूरोप में विस्तार ही युद्ध की एक प्रमुख वजह था। ट्रंप ने बताया कि यूरोपीय सहयोगी पैट्रियट मिसाइल प्रणाली और अन्य हथियारों की खरीद का खर्च वहन करेंगे, जिसे अमेरिका बनाएगा और सहयोगी देशों द्वारा भुगतान किया जाएगा।

चीन, भारत को ट्रंप की आलोचना का सामना

ट्रंप ने बार‑बार भारत और चीन पर आरोप लगाये हैं कि वे रूस से तेल खरीद रहे हैं, जिससे रूस को आर्थिक सहारा मिलता है। उन्होंने भारत पर 25% दंडात्मक शुल्क लगाने का संकेत दिया और कहा कि वे यूरोपीय सहयोगियों से कहेंगे कि भारत और चीन से आने वाले आयात पर 100% तक शुल्क लगाया जाए।

युद्ध का यूरोप में विस्तार संभव?

अगर ट्रंप और नाटो कदम बढ़ाते हैं तो युद्ध यूरोप के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है। डेनमार्क, पोलैंड और एस्टोनिया जैसे देशों ने रूसी विमान या ड्रोन की घुसपैठ की शिकायत की है। 10 सितंबर को रूसी ड्रोन पोलैंड में प्रवेश कर गए, कुछ ड्रोन गिराए गए। रूस ने इन आरोपों को खारिज किया, पर विश्लेषकों का कहना है कि यह नाटो की प्रतिक्रिया को परखने के लिए किया गया हो सकता है। इस तरह की घटनाएं संकेत देती हैं कि संघर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ सकता है।

आधुनिक युद्ध: मिसाइल, ड्रोन और साइबर

विश्लेषकों के अनुसार, अगर युद्ध का विस्तार हुआ तो इसे लॉन्ग‑रेंज मिसाइलें, शक्तिशाली ड्रोन और साइबर युद्ध के माध्यम से लड़ा जाएगा। पारंपरिक युद्ध की पुरानी रणनीति अब कम कारगर होती जा रही है — जैसा हम रूस और यूक्रेन के हालिया संघर्ष में देख रहे हैं।

वार्ताएं, लेकिन अभी तक ठोस आगे की राह नहीं

यूक्रेन चाहता है कि पुतिन की सेनाएं 24 फरवरी 2022 की स्थिति में वापस चली जाएं। पुतिन ने इस मांग को ठुकराया है और पूर्वी क्षेत्रों को रूसी सुरक्षा ज़ोन बनाने की बात कही है। ट्रंप ने रूस को आश्वासन दिया है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं दी जाएगी — यह पुतिन की एक पुरानी मांग थी। ज़ेलेंस्की और पुतिन दोनों ने ट्रंप को मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है।

Next Story