
न्यूजीलैंड से हारने पर कैसे होगा भारत को फायदा, समझें सेमीफाइनल की गणित
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में सेमीफाइनल की तस्वीर साफ हो चुकी है। भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीम फाइनल में जगह बनाने के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगी।
चैंपियंस ट्रॉफी अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, और सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली चार टीमें तय हो गई हैं—भारत, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया। हालांकि, सेमीफाइनल मुकाबलों की आधिकारिक रूपरेखा अभी तय नहीं हुई है। इसका निर्धारण भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले आखिरी ग्रुप स्टेज मुकाबले के बाद होगा। इस मुकाबले के परिणाम से तय होगा कि भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा या साउथ अफ्रीका से।
अगर भारतीय टीम यह मुकाबला जीतती है, तो 4 मार्च को उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। लेकिन अगर हारती है, तो उसे सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलना होगा। ऐसे में टीम इंडिया की प्राथमिकता यही होगी कि उसे ऑस्ट्रेलिया से बचकर साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने का मौका मिले। इसकी वजह यह है कि आईसीसी टूर्नामेंट्स में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन खासकर नॉकआउट मैचों में बेहद प्रभावशाली रहा है।
भारतीय टीम का हालिया रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुछ खास नहीं रहा है। 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल और 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। वनडे वर्ल्ड कप में भी ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा है—जहां उसने भारत को 8 बार हराया, जबकि भारत सिर्फ 4 बार जीत सका। चैंपियंस ट्रॉफी में दोनों टीमें 4 बार आमने-सामने आई हैं, जिसमें भारत ने 2 मैच जीते, ऑस्ट्रेलिया ने 1, और एक मुकाबला बिना किसी नतीजे के समाप्त हुआ।
टूर्नामेंट की ग्रुप स्टैंडिंग पर नजर डालें तो ग्रुप बी में साउथ अफ्रीका 5 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि ऑस्ट्रेलिया 4 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। ग्रुप ए में पहले और दूसरे स्थान की स्थिति भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मुकाबले के बाद साफ होगी।
सेमीफाइनल के फिक्स्चर तय करने का नियम यह है कि ग्रुप ए की शीर्ष टीम ग्रुप बी की दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से भिड़ेगी, जबकि ग्रुप बी की शीर्ष टीम ग्रुप ए की दूसरे स्थान वाली टीम से सेमीफाइनल खेलेगी। अब सभी की निगाहें भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले अहम मुकाबले पर टिकी हैं, जो टूर्नामेंट की आगे की तस्वीर साफ करेगा।