
टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से ड्रीम-11 ने हाथ पीछे खींचे, एशिया कप से पहले बिना टीम स्पॉन्सर के BCCI
इस फैसले पर ड्रीम11 को कोई पेनल्टी नहीं लगेगी क्योंकि अनुबंध में यह प्रावधान है कि अगर सरकार द्वारा बनाए गए किसी कानून से स्पॉन्सर का मुख्य व्यवसाय प्रभावित होता है, तो वह क्रिकेट बोर्ड को भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं होगा।
संसद द्वारा हाल ही में असली पैसे आधारित ऑनलाइन गेम्स पर पाबंदी लगाने वाला कानून पारित किए जाने के कुछ ही दिन बाद, इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी ड्रीम11 ने बीसीसीआई को बता दिया है वह अब टीम इंडिया की प्रायोजक नहीं रह पाएगी। इसके चलते दुबई में होने वाले एशिया कप से केवल दो हफ्ते पहले भारतीय क्रिकेट टीम नए स्पॉन्सर की तलाश में है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि “ड्रीम11 के प्रतिनिधि बीसीसीआई कार्यालय आए और सीईओ हेमांग अमीन को जानकारी दी कि वे आगे स्पॉन्सरशिप जारी नहीं रख पाएंगे। नतीजतन, वे एशिया कप के लिए टीम स्पॉन्सर नहीं होंगे। बीसीसीआई जल्द ही नया टेंडर जारी करेगा।”
एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि इस फैसले पर ड्रीम11 को कोई पेनल्टी नहीं लगेगी क्योंकि अनुबंध में यह प्रावधान है कि अगर सरकार द्वारा बनाए गए किसी कानून से स्पॉन्सर का मुख्य व्यवसाय प्रभावित होता है, तो वह क्रिकेट बोर्ड को भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं होगा।
ड्रीम11 का सफर और मौजूदगी
ड्रीम11 की स्थापना 18 साल पहले हुई थी और यह देश का सबसे बड़ा फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म बन गया, जिसकी वैल्यूएशन ब्लूमबर्ग के अनुसार 8 अरब डॉलर तक पहुंची। जुलाई 2023 में कंपनी ने 358 करोड़ रुपये की तीन साल की डील के तहत बीसीसीआई की मुख्य स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। इससे पहले यह अधिकार बायजूस (Byju’s) के पास था।
आईपीएल में भी ड्रीम11 की बड़ी मौजूदगी है और कई फ्रेंचाइज़ियों के साथ इसके करार हैं। महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे कई स्टार खिलाड़ी इसके ब्रांड एंबेसडर रहे हैं।
2020 में जब चीनी कंपनी वीवो (Vivo) पीछे हटी तो ड्रीम11 आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर भी बना।
भारत से बाहर भी गहरी पैठ
यह कैरेबियन प्रीमियर लीग का आधिकारिक फैंटेसी पार्टनर है। न्यूज़ीलैंड की घरेलू टी20 लीग (सुपर स्मैश) का टाइटल स्पॉन्सर है। ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग और वुमेंस बिग बैश लीग में भी इसकी भागीदारी है। 2018 में आईसीसी के साथ साझेदारी की घोषणा की। फुटबॉल में यह इंडियन सुपर लीग का आधिकारिक फैंटेसी पार्टनर रहा है। बास्केटबॉल में, 2017 में एनबीए (NBA) ने ड्रीम11 पर अपना आधिकारिक फैंटेसी गेम लॉन्च किया था। प्रो कबड्डी लीग और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के साथ भी इसके करार रहे हैं।
ऑनलाइन गेमिंग बिल का असर
संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होते ही ड्रीम11 ने घोषणा की थी कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर सभी पेड कॉन्टेस्ट को निलंबित कर केवल फ्री-टू-प्ले गेम्स चलाएगा।
ड्रीम11 का मूल बिजनेस रियल-मनी फैंटेसी गेमिंग है, जिसमें ग्राहक वास्तविक मैचों के खिलाड़ियों की इलेवन चुनकर आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां टीम बनाने के लिए शुल्क लेती हैं और खिलाड़ियों के वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर प्रतियोगी पैसा जीतते या हारते हैं।
सरकार का तर्क
नए कानून में सरकार ने कहा कि असली पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स से जुड़े मनोवैज्ञानिक तनाव, वित्तीय हानि, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसी समस्याओं को रोकना ज़रूरी है।
बिल में कहा गया, “ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं के अनियंत्रित विस्तार को अवैध गतिविधियों – जैसे वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और कुछ मामलों में आतंकवाद के वित्तपोषण – से जोड़ा गया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की अखंडता के लिए खतरा बन रहा है।”