
IND vs SA: कोहरे ने पहली बार रुकवाया इंटरनेशनल मैच? जानें कब और दुश्मन बना फॉग
India vs South Africa: मैच से पहले और उसके बाद अंपायरों ने छह बार मैदान का निरीक्षण किया। लेकिन कोहरा इतना ज्यादा था कि खिलाड़ियों और अंपायरों के लिए खेलना सुरक्षित नहीं माना गया।
IND vs SA T20 International: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाने वाला चौथा टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच घने कोहरे के कारण रद्द कर दिया गया। यह मुकाबला लखनऊ के इकाना स्टेडियम में होना था। बड़ी संख्या में दर्शक भारतीय टीम की जीत और सीरीज पर कब्जे की उम्मीद लेकर स्टेडियम पहुंचे थे, लेकिन मौसम ने सभी को निराश कर दिया।
छह बार निरीक्षण के बाद लिया गया फैसला
मैच से पहले और उसके बाद अंपायरों ने छह बार मैदान का निरीक्षण किया। लेकिन कोहरा इतना ज्यादा था कि खिलाड़ियों और अंपायरों के लिए खेलना सुरक्षित नहीं माना गया। विजिबिलिटी बहुत कम थी और तापमान भी लगातार गिर रहा था। इसी वजह से दोनों टीमें पूरे समय अपने-अपने ड्रेसिंग रूम में ही रहीं और अंत में मैच को रद्द करने का फैसला लिया गया।
क्या पहली बार कोहरे से रद्द हुआ मैच?
यह पहली बार नहीं है, जब कोहरे के कारण कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच रद्द हुआ हो। इससे पहले 1998 में फैसलाबाद में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच खेला जा रहा एक टेस्ट मैच भी कोहरे की वजह से प्रभावित हुआ था। उस मैच में हालात इतने खराब थे कि दूसरे दिन के बाद अगली सुबह कई खिलाड़ी मैदान तक नहीं पहुंच पाए थे। आखिरकार उस टेस्ट मैच को भी रद्द करना पड़ा था।
फैसले पर उठे सवाल
कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों और कमेंटेटर्स का मानना था कि मैच रद्द करने का फैसला थोड़ा जल्दबाजी में लिया गया। उनका कहना था कि दिन के बाद के समय में मौसम में कुछ सुधार देखा गया था। हालांकि, दिसंबर के महीने में फैसलाबाद और लखनऊ जैसे शहरों में कोहरे की समस्या आम है। इसी वजह से पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अब बीसीसीआई को भी ऐसे समय में मैच कराने को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी।
आखिरी मुकाबला अहमदाबाद में
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज का आखिरी टी20 मैच 19 दिसंबर को अहमदाबाद में खेला जाएगा। फिलहाल टीम इंडिया सीरीज में 2-1 से आगे है। भारत यह मैच जीतकर सीरीज अपने नाम करना चाहेगा। वहीं दक्षिण अफ्रीका की टीम जीत हासिल कर सीरीज को 2-2 से बराबर करना चाहेगी। अब सभी की नजरें अहमदाबाद में होने वाले इस निर्णायक मुकाबले पर टिकी हैं।

