
ईडन टेस्ट में भारत की हार, क्या स्पिन खेलने की कला भूल गई टीम इंडिया?
ईडन टेस्ट में टीम इंडिया 124 के लक्ष्य का पीछा करते हुए 93 पर ढेर हो गई। स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजों की कमजोरी उजागर हुई और गंभीर की रणनीति पर सवाल उठे।
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को साउथ अफ्रीका ने 30 रनों से हराया, और इसके साथ ही दो मैचों की सीरीज़ में टीम इंडिया 0-1 से पिछड़ गई।
124 रनों का आसान लक्ष्य होने के बावजूद भारतीय टीम मात्र 93 रन ही जोड़ सकी। शुरुआत से ही विकेट गिरते रहे और किसी भी बल्लेबाज ने विकेट पर टिकने का जज्बा नहीं दिखाया। नतीजा—टीम इंडिया की तैयारी, मानसिक मजबूती और खासकर स्पिन के खिलाफ तकनीक पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
स्पिन के खिलाफ बढ़ती कमजोरी—पुरानी कहानी फिर दोहराई
हेड कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल में यह पहली बार नहीं है कि भारतीय टीम स्पिन के सामने इस तरह ढह गई हो।पिछले साल न्यूजीलैंड ने भारत को होम कंडीशंस में 0-3 से हराया, जहां एजाज पटेल, मिचेल सेंटनर और ईश सोढ़ी के आगे भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह फंस गए थे।अब वही कहानी साउथ अफ्रीका के सामने दोहराई गई।
साइमन हार्मर: दोनों पारियों में 4-4 विकेट
केशव महाराज: लगातार दबाव बनाने वाला प्रदर्शन
भारतीय बल्लेबाज न तो स्ट्राइक रोटेट कर पाए, न ही समझदारी भरे शॉट्स खेल पाए। ध्रुव जुरेल, अक्षर पटेल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी गैर-जिम्मेदाराना शॉट्स खेलकर आउट हुए। रणनीतिक और तकनीकी गलतियां—क्या गंभीर की कोचिंग पर सवाल?
साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने दूसरी पारी में नाबाद 55 रन बनाकर दिखाया कि मुश्किल हालात में कैसे बल्लेबाजी की जाती है भारतीय बल्लेबाज उनके उदाहरण से भी कुछ सीख नहीं पाए। गौतम गंभीर की कोचिंग और चयन रणनीति भी कटघरे में खड़ी है:
1. चार स्पिनर्स खिलाने का अजीब फैसला
गंभीर ने इस मैच में चार स्पिनर खिलाए—जो परिस्थितियों को देखते हुए अनुचित माना जा रहा है। इसके लिए साई सुदर्शन को बाहर करना सबसे ज्यादा विवादों में है, जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार इंटेंट दिखाया था।
2. वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजना
सुदर्शन को बाहर कर दिया गया, और उसकी जगह सुंदर को तीसरे नंबर पर भेजने का प्रयोग किया गया—जो पूरी तरह असफल रहा।
3. जडेजा के साथ अक्षर पटेल क्यों?
जब रवींद्र जडेजा पहले से टीम में थे, तब अक्षर पटेल को शामिल करना समझ से बाहर है। दोनों एक ही तरह के ऑलराउंडर हैं।गंभीर सीमित ओवरों में प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट बिल्कुल अलग मानसिकता और निरंतरता मांगता है—जहां उनके प्रयोग सवालों में हैं।
गंभीर ने हार का ठीकरा बल्लेबाजों पर फोड़ा
हार के बाद गंभीर ने कहा “स्पिन कैसे खेलनी है, यह पता होना चाहिए… 124 रन आसानी से चेज हो सकते थे। गंभीर के बयान से साफ है कि टीम की तकनीक में बड़ी खामियां हैं। लेकिन सवाल यह है—इन खामियों को सुधारना किसकी जिम्मेदारी है? कोच की ही।
घर में टीम इंडिया का पतन—चिंताजनक आंकड़े
कभी अपने घर में अजेय मानी जाने वाली टीम इंडिया अब लगातार मैच हार रही है:
पिछले 6 घरेलू टेस्ट में 4 हार
2015 से 2022 के बीच सिर्फ 2 घरेलू टेस्ट हारे थे
इस गिरावट की दो प्रमुख वजहें:
मिडिल ऑर्डर का लगातार फ्लॉप होना, स्पिन के खिलाफ तकनीक का कमजोर होना
न्यूजीलैंड के बाद अब साउथ अफ्रीका ने भी दिखा दिया है कि नई टीम इंडिया स्पिन के खिलाफ उतनी सक्षम नहीं रही, जितनी पहले हुआ करती थी।

