पांच शतक फिर भी हार, लीड्स में भारतीय टीम ने रचा शर्मनाक इतिहास
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पांच मैचों की सीरीज में इंग्लैंड अब भारत से 1-0 से आगे है।

पांच शतक फिर भी हार, लीड्स में भारतीय टीम ने रचा शर्मनाक इतिहास

भारत ने हेडिंग्ले टेस्ट में 835 रन और 5 शतक लगाए, फिर भी 5 विकेट से हार गया। क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब पांच शतक के बावजूद टीम हारी।


India vs England Day 5 Leeds Test 2025: भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के पहले मुकाबले में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह हार केवल एक मैच नहीं, बल्कि क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में दर्ज होने वाला एक अभूतपूर्व और शर्मनाक अध्याय बन गई।

पांच शतक लेकिन फिर भी हार

इस मुकाबले में भारत के पांच बल्लेबाजों ने शतक जमाए जो किसी भी टेस्ट टीम के लिए जीत की बुनियाद माने जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया मैच हार गई। यह टेस्ट इतिहास का पहला मौका है जब किसी टीम के पांच बल्लेबाजों ने सेंचुरी बनाई और फिर भी वो टीम हार गई। इससे पहले, हारने वाली टीम की ओर से अधिकतम चार शतक बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था, जिसने 1928-29 में इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न में यह कारनामा किया था।

835 रन बनाकर भी हार, भारत बना चौथा उदाहरण

भारत ने इस टेस्ट में कुल 835 रन बनाए, लेकिन फिर भी उसे शिकस्त झेलनी पड़ी। यह टेस्ट इतिहास में हारने वाली टीम द्वारा बनाया गया चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।

सबसे ज्यादा रन बनाकर हारने वाली टीमें

861 – इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, हेडिंग्ले (1948)

847 – पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड, रावलपिंडी (2022)

837 – न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड, ट्रेंट ब्रिज (2022)

835 – भारत बनाम इंग्लैंड, हेडिंग्ले (2025)

आखिरी दिन इंग्लैंड ने पलटी बाज़ी

मैच के पांचवें और अंतिम दिन इंग्लैंड ने बिना विकेट खोए 21 रन से आगे खेलना शुरू किया। पहला सत्र भारत के लिए निराशाजनक रहा, क्योंकि इंग्लैंड ने कोई विकेट नहीं गंवाया। दूसरे सत्र में भारत ने चार विकेट निकालकर वापसी की कोशिश जरूर की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए केवल 82 ओवरों में 5 विकेट पर 373 रन बनाकर मैच जीत लिया।

आंकड़े चमके, पर टीम नहीं

जहां एक ओर भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं गेंदबाज़ी और रणनीति की विफलता टीम की हार का मुख्य कारण बनी। इस मैच ने दिखा दिया कि आंकड़ों से मैच नहीं जीते जाते। जीत के लिए गेंद और बल्ले दोनों में संतुलन ज़रूरी है।

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