बर्मिंघम टेस्ट में भारत के सामने बड़ी चुनौती, क्या बदलेगा इतिहास?
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बर्मिंघम टेस्ट में भारत के सामने बड़ी चुनौती, क्या बदलेगा इतिहास?

Birmingham Test 2025: लीड्स की हार से चोट लगी है, लेकिन बर्मिंघम में वापसी की उम्मीद अभी भी उज्ज्वल है. इतिहास लगातार भारत का विरोध करता रहा है, लेकिन नयी रणनीति और उत्साह के साथ टीम दूसरे टेस्ट में नया चेंज ला सकती है.


IND vs ENG: लीड्स की शर्मनाक हार के बाद अब निगाहें टिकी हैं एजबस्टन, बर्मिंघम पर. एक ऐसा मैदान, जहां भारत ने कभी टेस्ट मैच नहीं जीता! लेकिन इस बार कहानी बदल सकती है. इंग्लैंड में 18 साल से सूखी पड़ी जीत की तलाश, बुरी तरह हारी हुई पहली पारी और एक टीम जो वापसी के लिए बेचैन है! 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में वर्तमान में भारत का स्कोर 0-1 है, क्योंकि लीड्स में पहले टेस्ट में पांच विकेट की हार झेलनी पड़ी थी. अब दूसरा मैच बुधवार यानी कि 2 जुलाई से शुरू हो रहा है.

एजबस्टन में वापसी की राह क्यों मुश्किल?

इतिहास को देखें तो भारत ने बर्मिंघम में अब तक 8 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 7 में हार और 1 ड्रॉ रहा. आखिरी ड्रॉ 1986 में हुआ, जब कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 236 रन का पीछा करते हुए अजहरुद्दीन और किरण मोरे की अहम नाबाद साझेदारी से मुकाबला बचाया था. लेकिन खिताबी जीत अब तक इस मैदान पर हासिल नहीं हो पाई है.

चयन और रणनीति की जटिलता

टीम चयन को लेकर इंडिया अब स्पिनरों के इस्तेमाल पर विचार कर रही है. जैसे कि कलदीप यादव को शामिल करना, जिसे लीड्स में मिस किया गया था. कोच और टीम प्रबंधन चाहते हैं कि बैटिंग और गेंदबाज़ी में संतुलन हो, ताकि दोनों पारी में इंग्लैंड को 20 विकेट से मात दी जा सके.

क्या है उम्मीद?

भारत अगली सीरीज में 18 साल पुरानी सूखी पड़ी जीत (2007 से) को तोड़ना चाहेगा. दूसरा टेस्ट भारत के लिए टर्निंग पॉइंट हो सकता है. अगर टीम लय पकड़े तो 5 मैचों की लड़ाई में फर्क दिख सकता है.

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