अभिषेक शर्मा ने आतिशी बल्लेबाजी का किया खुलासा, इस खिलाड़ी का किया जिक्र
अभिषेक शर्मा ने 7 जुलाई को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टी20 मैच के शानदार पारी खेली थी
Abhishek Sharma T 20 Match: अभिषेक शर्मा ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 47 गेंद में शतक जड़ने के बाद कहा कि उन्होंने अपने बचपन के दोस्त और अब यहां के कप्तान शुभमन गिल का बल्ला इस्तेमाल किया और सलामी बल्लेबाज ने इसे दबाव वाले मैच में भाग्यशाली करार दिया।शनिवार को पहले मैच में शून्य पर आउट होने के बाद, अभिषेक ने एक दिन बाद अपनी शतकीय पारी में सात चौके और आठ छक्के लगाए, जिससे भारत की 100 रनों की व्यापक जीत की नींव रखी गई।
अंडर-12 से पिच पर कदम
अभिषेक ने गिल के साथ अपने सफर को ‘खूबसूरत’ बताया जो अंडर-12 वर्ग से शुरू हुआ था।अभिषेक ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह काफी खूबसूरत रहा है, 11-12 साल के बच्चों के रूप में शुरुआत करना। हां, हम अंडर-12 से एक साथ खेल रहे हैं। जब मेरा चयन देश के लिए हुआ, तो मुझे सबसे पहले शुभमन का फोन आया।"अभिषेक ने कहा कि गिल के बल्ले से खेलना उनकी आयु-समूह क्रिकेट से चली आ रही आदत है।
शुभमन गिल को स्पेशल थैंक्स
मैंने उनके बल्ले से खेला, इसलिए बल्ले को विशेष धन्यवाद। यह अंडर-12 के दिनों से ही है, क्योंकि जब भी मैं दबाव वाला खेल खेलता हूँ तो उनसे बल्ला माँगता हूँ।अभिषेक ने कहा कि आईपीएल में भी ऐसा हुआ था। आज भी कोई अपवाद नहीं था, क्योंकि सब ठीक रहा, जैसा कि आमतौर पर होता है।"बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह और अपने पिता को भी धन्यवाद दिया, जिनकी बदौलत वह अब निडर होकर क्रिकेट खेल पा रहे हैं।"युवी पाजी (युवराज सिंह) ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। मैं खुद को सिक्सर किंग या ऐसा कुछ नहीं मानता। मुझे लॉफ्टेड शॉट खेलने की अनुमति देने के लिए मेरे पिता का विशेष धन्यवाद।
थोड़ा दबाव कम महसूस हुआ
अभिषेक कहते हैं कि आम तौर पर कोच युवा बल्लेबाज को लॉफ्टेड शॉट मारने की अनुमति नहीं देते हैं। लेकिन मेरे पिताजी हमेशा कहते थे कि अगर आप लॉफ्टेड शॉट खेलना चाहते हैं तो उसे मैदान से बाहर जाना चाहिए। इसलिए, मैं भी यही करना चाहता था। तो, क्या शनिवार को यहां पहले मैच में अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण से पहले उन पर दबाव था? उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आईपीएल इसमें (दबाव से निपटने में) बड़ी भूमिका निभाता है। जब हम यहां पदार्पण करने आए थे तो हमें ज्यादा दबाव महसूस नहीं हुआ।
आप अपना नेचुरल खेल खेलो
दुर्भाग्य से हमने पहले मैच में अच्छी शुरुआत नहीं की। लेकिन मेरी मानसिकता और दृष्टिकोण काफी हद तक समान थे। 23 वर्षीय खिलाड़ी पहले मैच में शुरुआती ओवर में ही चार गेंदों पर शून्य पर आउट हो गया था। लेकिन अभिषेक के लिए, यह उनकी मानसिकता या दृष्टिकोण को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं था।उन्होंने कहा, "यह मेरा खेल है और अगर मेरी जगह पर कोई शॉट है तो मैं पहली गेंद से ही शॉट खेलूंगा। अगर मेरा दिन है तो यह कारगर है और अगर नहीं है तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं इस मानसिकता के लिए बहुत अभ्यास करता हूं।"हालांकि, अभिषेक ने कहा कि उन्होंने दूसरे मैच में अपनी रणनीति को बेहतर तरीके से लागू किया। बेशक आज मेरा प्रदर्शन कल से बेहतर था। मैं बस यह आकलन कर रहा था कि मुझे पहले ओवर में क्या जोखिम उठाना चाहिए या गेंद की योग्यता के अनुसार खेलना चाहिए या नहीं।उन्होंने कहा कि जब भी मैं पहली कुछ गेंदों पर चौके या छक्के लगाता हूं तो मुझे लगता है कि यह मेरा दिन है।