विनोद कांबली की मदद को आगे आई 1983 विश्व विजेता टीम, कपिल-गावस्कर करेंगे सपोर्ट; लेकिन...
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विनोद कांबली की मदद को आगे आई 1983 विश्व विजेता टीम, कपिल-गावस्कर करेंगे सपोर्ट; लेकिन...

Vinod Kambli: भारत की 1983 की पहली वर्ल्ड कप विजेता टीम विनोद कांबली की देखभाल करेगी और उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगी.


Vinod Kambli pathetic condition: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली इन दिनों काफी ज्यादा चर्चा में हैं. इसकी वजह उनकी गिरती हुई सेहत है. हाल ही में कोच रमाकांत आचरेकर की याद में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 52 वर्षीय कांबली काफी कमजोर और दुबले-पतले दिखाई दिए. यहां तक कि उनकी जबान भी लड़खड़ा रही थी. इस सीन ने भारतीय क्रिकेट फैन का ध्यान कांबली की तरफ खींचा. पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने भी कांबली की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई. ऐसे में भारत की 1983 की पहली वर्ल्ड कप विजेता टीम विनोद कांबली (Vinod Kambli) की देखभाल करेगी और उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगी. इसको लेकर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) और कपिल देव (Kapil Dev) ने संकेत दिए हैं.

सुनील गावस्कर ने कांबली को 'मेरे बेटे जैसा' कहा और सभी को आश्वासन दिया कि वह उन्हें अपने पैरों पर वापस खड़ा होने में मदद करेंगे. कपिल देव भी कांबली की मदद करने के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है कि सबसे पहले वे चाहते थे कि कांबली रिहैब के लिए जाएं. बता दें कि कांबली पहले ही 14 बार रिहैब जा चुके हैं और उन्होंने सालों से शराब को हाथ तक नहीं लगाया है. कांबली फिलहाल कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं.

कपिल देव ने कहा कि वह और उनके बैचमेट कांबली (Vinod Kambli) को उनकी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. लेकिन उन्हें कांबली से भी उसी तरह के प्रयास और समर्पण की उम्मीद है. हमारे द्वारा उनको सपोर्ट करने से ज्यादा उन्हें खुद को सपोर्ट करना होगा. उन्हें पहले वापस जाकर खुद का ख्याल रखना होगा. मैं एक खिलाड़ी के तौर पर चिंतित हूं और वह मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. अगर वह खुद का ख्याल नहीं रखना चाहते तो हम उनका ख्याल नहीं रख सकते.

ऐसे कठिन समय में कपिल ने कांबली के दोस्तों से बीमारी से मुक्त होने तक उनके साथ रहने का आग्रह किया. तेंदुलकर कांबली के सबसे पुराने दोस्त हैं. वे एक-दूसरे को 10 साल की उम्र से जानते हैं. सचिन शायद इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. कपिल देव का सचिन तेंदुलकर से अप्रत्यक्ष अनुरोध "सभी क्रिकेटर उनकी मौजूदा हालत देखकर बहुत दुखी हैं. कपिल देव ने कहा कि मैं चाहता हूं कि उसके करीबी दोस्त उसके साथ समय बिताएं और उसे रिहैब सेंटर में वापस जाने और इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए प्रोत्साहित करें.

बता दें कि कांबली ने बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और मुंबई और बोलैंड (दक्षिण अफ्रीका में) के लिए भी खेला. अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत करने के बावजूद उन्होंने सिर्फ़ 7 मैचों के बाद अपने औसत को 100 से ऊपर पहुंचाने के लिए लगातार दो दोहरे शतक बनाए. कांबली के मैदान के बाहर के ध्यान भटकाने वाले व्यवहार और अनुशासन की कमी ने भारत के लिए एक लंबे और सफल करियर को विफल कर दिया. महज़ 28 साल की उम्र में कांबली ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला. वह 2000 ICC चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता रही टीम का आखिरी हिस्सा थे. कांबली ने एक मराठी समाचार चैनल पर एक टेलीविज़न कमेंटेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में भी काम किया है 2019 विश्व कप के लिए.

वहीं, नवंबर 2013 में उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गाड़ी चलाते समय उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्होंने अचानक कार रोक दी थी. ड्यूटी पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने यह देखा और उन्हें अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की. उस साल उनकी दो ब्लॉकेज की एंजियोप्लास्टी हुई थी.

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