खेलो इंडिया फंड आवंटन और ओलंपिक उपलब्धियों में नहीं कोई मेल, कम सहायता पाने वाले राज्य  आगे
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खेलो इंडिया फंड आवंटन और ओलंपिक उपलब्धियों में नहीं कोई मेल, कम सहायता पाने वाले राज्य आगे

उत्तर प्रदेश और गुजरात को 400-400 करोड़ रुपये मिले, लेकिन उन्होंने क्रमशः केवल 8 और 2 एथलीट ही पेरिस भेजे; हरियाणा (67 करोड़ रुपये) और तमिलनाडु (20 करोड़ रुपये) ने 24 और 13 एथलीट भेजे


India In Olympics: चूंकि भारतीय दल पेरिस ओलंपिक से केवल छह पदकों के साथ लौटा है - एक भी स्वर्ण पदक नहीं - विशेषज्ञों ने एक बार फिर युवा आयु में, जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया है.

इसके लिए खेल के बुनियादी ढांचे में संसाधनों के निरंतर निवेश की आवश्यकता है, ताकि संभावनाओं का दोहन और विकास किया जा सके. 2017-18 में शुरू की गई केंद्र की खेलो इंडिया योजना का उद्देश्य ठीक यही है.

फंडिंग संबंधी विवाद
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना के तहत हर साल सभी राज्यों को धनराशि आवंटित की जाती है. हालांकि, धनराशि का आवंटन विवाद का विषय रहा है, क्योंकि कई राज्य - जिनमें से अधिकांश भाजपा शासित नहीं हैं - का कहना है कि उन्हें इस योजना का कम हिस्सा मिलता है.
पेरिस ओलंपिक से पहले युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय दल में 25 प्रतिशत खिलाड़ी खेलो इंडिया एथलीट हैं. ये एथलीट किस राज्य से हैं? इन राज्यों को कितनी धनराशि मिली है?
खेलो इंडिया के लिए आवंटित धनराशि और प्रत्येक राज्य द्वारा पेरिस भेजे गए एथलीटों की संख्या की तुलना से पता चलता है कि दोनों मापदंडों के बीच बहुत कम सहसंबंध है.

राज्यवार संख्या
उत्तर प्रदेश को 438.27 करोड़ रुपए मिले, लेकिन उसने सिर्फ आठ एथलीट पेरिस भेजे. गुजरात को 426.13 करोड़ रुपए मिले, लेकिन उसने दो एथलीट पेरिस भेजे.
दूसरी ओर, पंजाब ने 18 एथलीट भेजे, जिसे 78.02 करोड़ रुपए मिले. हरियाणा ने सबसे अधिक 24 एथलीट भेजे, जिसे मात्र 66.59 करोड़ रुपए मिले.
कर्नाटक को 109.11 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन वो खेलों में केवल सात एथलीट ही भेज सका. पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को 13 एथलीट भेजने के बावजूद केवल 20.40 करोड़ रुपए ही मिले.




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