
महिला विश्व कप फाइनल में भिड़ेंगी भारत की दो महारथी, हम्पी और दिव्या आमने-सामने
दोनों भारतीय खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल में चीन की शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर यह ऐतिहासिक मुकाबला तय किया। दिव्या ने पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को 1.5–0.5 से मात दी। हम्पी ने बीते साल की विश्व चैलेंजर लेई तिंगजी को बेहद रोमांचक मुकाबले में 5–3 से हराया।
भारतीय महिला शतरंज को इतिहास में पहली बार ऐसा सुनहरा मौका मिला है, जब FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में दो भारतीय दिग्गज आमने-सामने होंगी। कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख के बीच होने वाला यह महामुकाबला न सिर्फ खिताबी जीत तय करेगा, बल्कि FIDE वूमेन्स कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 में प्रवेश का भी दरवाज़ा खोलेगा। इस ऐतिहासिक भिड़ंत का विजेता चीन की मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेनजुन को चुनौती देगा, जबकि उपविजेता को भी कैंडिडेट्स में जगह मिलेगी। फाइनल मैच शनिवार शाम 4:30 बजे (IST) से शुरू होगा।
अनुभव बनाम उभरता जोश
38 वर्षीय कोनेरू हम्पी, जो भारत की सबसे सफल महिला शतरंज खिलाड़ी हैं, अब 19 साल की युवा सनसनी दिव्या देशमुख के खिलाफ मैदान में उतरेंगी। दिव्या देशमुख 2021 से लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही हैं— 2021 में नेशनल विमेंस चैंपियन, 2022 चेस ओलंपियाड में व्यक्तिगत ब्रॉन्ज मेडल, 2023 में एशियन विमेंस चैंपियनशिप विजेता और FIDE वर्ल्ड अंडर-20 गर्ल्स चैंपियन भी रह चुकी हैं।
चीन को पछाड़ भारत ने बनाई बादशाहत
दोनों भारतीय खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल में चीन की शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर यह ऐतिहासिक मुकाबला तय किया। दिव्या ने पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को 1.5–0.5 से मात दी। हम्पी ने बीते साल की विश्व चैलेंजर लेई तिंगजी को बेहद रोमांचक मुकाबले में 5–3 से हराया। हम्पी को सेमीफाइनल के दूसरे रैपिड टाईब्रेक (10+5) में ‘विन ऑन डिमांड’ यानी हर हाल में जीत की ज़रूरत थी और उन्होंने लगातार तीन मुकाबले जीतकर फ़ाइनल में जगह बना ली।
रणनीति और आत्ममंथन
हम्पी ने जीत के बाद कहा कि यह भारतीय शतरंज के लिए सबसे खुशी के लम्हों में से एक है, क्योंकि खिताब अब भारत का ही है। दिव्या ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया है। यह एक कठिन मुकाबला होगा। उन्होंने युवा लड़कियों को सलाह दी कि सिर्फ महिला स्पर्धाओं में न खेलें, बल्कि ओपन सेक्शन में भी भाग लें — ताकि चुनौती और ताकत दोनों बढ़ें। दूसरी ओर दिव्या ने विनम्रता से कहा कि मुझे लगता है कि मैं और बेहतर खेल सकती थी। एक समय मैं जीत रही थी, लेकिन मिडिल गेम में गलती कर दी। मैच ज्यादा आसान हो सकता था।
भारत की नई ग्रैंडमास्टर?
दिव्या देशमुख ने फाइनल में पहुंचते ही अपना पहला ग्रैंडमास्टर (GM) नॉर्म हासिल कर लिया है। यदि वह यह फाइनल जीतती हैं तो वे भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बन जाएंगी।
शतरंज में भारत का स्वर्णकाल
FIDE वर्ल्ड कप 2025 में 46 देशों के 107 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। चार भारतीय खिलाड़ी क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे, दो सेमीफाइनल में और अब दोनों फाइनल में — यह अपने आप में भारत के शतरंज की ताकत और निरंतरता का सबूत है। जहां कभी चीन महिला शतरंज पर हावी रहता था, आज वही भारत से पदक की दौड़ में पीछे है। यह पल भारत में शतरंज को एक नई ऊंचाई दे सकता है, विशेषकर युवतियों को प्रेरित कर सकता है — जैसे विश्वनाथन आनंद ने एक पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाया, अब हम्पी और दिव्या मिलकर महिला शतरंज की नई लहर तैयार कर रही हैं।
महाराष्ट्र या आंध्र प्रदेश?
अब निगाहें इस सवाल पर टिकी हैं कि विश्व कप ट्रॉफी महाराष्ट्र (दिव्या) जाएगी या आंध्र प्रदेश (हम्पी)। लेकिन जो एक बात तय है — विश्व खिताब इस बार भारत आ रहा है।