WFI अध्यक्ष ने विनेश के वजन को लेकर कोच-सहयोगी स्टाफ को ठहराया दोषी, कहा- सख्त कार्रवाई करे सरकार
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WFI अध्यक्ष ने विनेश के वजन को लेकर कोच-सहयोगी स्टाफ को ठहराया दोषी, कहा- सख्त कार्रवाई करे सरकार

पेरिस में भारत के कुश्ती दल के कोच और सहयोगी स्टाफ को विनेश फोगाट के वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया.


Paris Olympics 2024: पेरिस में भारत के कुश्ती दल के कोच और सहयोगी स्टाफ को विनेश फोगाट के वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने केंद्र सरकार से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया. बता दें कि विनेश को संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ अपने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मुकाबले से कुछ घंटे पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था. क्योंकि उनका वजन 50 किलोग्राम (पेरिस ओलंपिक 2024 में उनके वजन वर्ग) की सीमा से अधिक पाया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संजय सिंह ने कहा कि स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले विग्नेश के कोच की जिम्मेदारी थी कि वे सुनिश्चित करें कि उनका वजन 50 किलोग्राम के भीतर रहे. मुझे नहीं लगता कि विनेश की इसमें कोई गलती है. वह शानदार प्रदर्शन कर रही थी और यहां पूरी जिम्मेदारी उसके कोच और सहयोगी स्टाफ की है. यह देखने के लिए जांच होनी चाहिए कि उसका वजन कैसे बढ़ा. मैं केंद्र सरकार से उनके (कोच और सहयोगी स्टाफ) खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.

वही, डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने भारत के भारतीय ओलंपिक संघ और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अधिकारियों से बात की और विनेश को कुछ छूट देने का अनुरोध किया, जिसे अस्वीकार कर दिया गया.

संजय सिंह ने कहा कि मैंने आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) और यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) से बात की है और उनसे कुछ छूट देने के लिए कहा है. मुझे सुबह एक कॉल आया और मुझे बताया गया कि विनेश फोगट का वजन 100 ग्राम अधिक है. मैंने अधिकारियों से विनेश को कुछ समय और कुछ छूट देने का अनुरोध किया. लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया. पूरा देश स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहा था. लेकिन वह अपने वजन के कारण अयोग्य हो गईं. मुझे उम्मीद है कि भगवान उसे शक्ति देंगे और पूरा देश उसके साथ है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, विनेश ने कथित तौर पर मंगलवार रात तक कुछ किलो वजन बढ़ा लिया था. उनके कोच और सहयोगी स्टाफ के सदस्यों ने विनेश का वजन कम करने के लिए बेहद सख्त और कठोर उपाय किए. वह पूरी रात सोई नहीं, बहुत कम पानी पीती रही. ओलंपिक खेल गांव के जिम में घंटों स्किपिंग, जॉगिंग और साइकिलिंग करती रही और यहां तक ​​कि अपने बाल भी कटवाए. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उनका वजन फिर भी 100 ग्राम अधिक पाया गया.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में सभी पहलवानों को दिन की शुरुआत में वजन मापने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पदक न जीतने वाले मुकाबलों में एथलीटों को 30 मिनट का समय दिया जाता है और उस समय अवधि के दौरान, वे अपनी संतुष्टि के लिए असीमित बार वजन मापने वाले पैमाने पर कूद सकते हैं. हालांकि, अगर उनका वजन 1 ग्राम अधिक पाया जाता है तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. मंगलवार को वजन मापने की प्रक्रिया के दौरान विनेश 50 किलोग्राम की सीमा के भीतर थीं और इसलिए उन्हें अपने मुकाबलों में भाग लेने की अनुमति दी गई.

उन्होंने पहले दौर में चार बार की विश्व चैंपियन और टोक्यो स्वर्ण पदक विजेता जापान की यूई सुसाकी के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की और फिर क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराया. 29 वर्षीय भारतीय रेसलर ने सेमीफाइनल में युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ को हराकर इतिहास रच दिया और ओलंपिक फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली महिला भारतीय पहलवान बन गईं और रजत पदक पक्का कर लिया.

यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों के अनुसार, पदक मुकाबलों में आगे बढ़ने वाले पहलवान को दिन के खेल की शुरुआत में एक और वजन-मापन दौर से गुजरना पड़ता है. विनेश बुधवार को इस वजन-मापन दौर में विफल रही और अब वह खाली हाथ लौटेंगी. क्योंकि यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों के अनुसार, अगर कोई पहलवान किसी भी चरण में वजन-मापन प्रक्रिया में विफल रहता है तो उसके पिछले सभी परिणाम रद्द हो जाते हैं.

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