गद्दारी की थी इसलिए सुनील यादव को मारा, बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी
Sunil Yadav Murder Case: कैलिफोर्निया के स्टॉक्टन में ड्रग लॉर्ड सुनील यादव की हत्या हुई थी। मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है।
Sunil Yadav Murder News: कैलिफोर्निया में स्टॉक्टन नाम का एक छोटा सा कस्बा है। सामान्य तौर पर शांत सा कस्बा एकाएक सुर्खियों में आ गए। जो शख्स मारा गया और उसकी हत्या में जिस गैंग का नाम आया दोनों हिंदुस्तानी। मामला ड्रग्स के व्यापार में आपसी प्रतिद्वंद्विता का था। पंजाब से नाता रखने वाले सुनील यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली। सुनील यादव के बारे में जांच एजेंसियों का कहना है कि वो फर्जी पासपोर्ट के जरिए अमेरिका भाग गया था। सुनील यादव के मारे जाने की जिम्मेदारी गोल्डी बरार और रोहित गोदारा ने दी थी। इन दोनों का कहना है कि 2019 में सुनील के विश्वासघात की वजह से ही अंकिक भादू का एनकाउंटर हुआ था।
2022 की सर्दियों में सुनील यादव नाम का एक ड्रग माफिया दिल्ली पहुंचा। पंजाब के पुलिस (Punjab Police) और गैंगस्टर उसका पीछा कर रहे थे। अपराध गिरोह उसे चाहता था क्योंकि उस पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी अंकित भादू (Ankit Bhadu) की मुखबिरी करने का आरोप था। भादू को पंजाब पुलिस ने 2019 में मार गिराया था। दिल्ली में, यादव उर्फ गोली 'राहुल' के नाम से पासपोर्ट बनवाने में सफल रहा और दुबई चला गया, जहाँ से वह अमेरिका के लिए एक खतरनाक डंकी रूट पर निकल पड़ा, रिपोर्ट। दो दिन पहले कैलिफोर्निया के स्टॉकटन में उसके घर में घुसकर हमलावरों ने यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मंगलवार की सुबह, बिश्नोई समूह ने जिम्मेदारी ली - अमेरिका स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार और रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की - जिससे पांच साल से चल रही तलाश खत्म हो गई।
फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि सभी भाइयों, मैं, रोहित गोदारा (Rohit Godara) और गोल्डी बरार (Goldy Brar), कैलिफोर्निया में सुनील यादव उर्फ गोली की हत्या की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। उसने हमारे प्यारे भाई अंकित भादू के एनकाउंटर की साजिश रचने के लिए पंजाब पुलिस के साथ मिलीभगत की थी। हमने उसकी मौत का बदला ले लिया है। पोस्ट में उस घर का नंबर (6,706) भी लिखा था, जहां यादव की हत्या की गई थी। पोस्ट में आगे आरोप लगाया गया कि सुनील यादव ड्रग के धंधे में शामिल था, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में नशीले पदार्थों की आपूर्ति करता था और पुलिस से उसके संबंध थे। इसमें यह भी दावा किया गया कि अंकित भादू के एनकाउंटर में उसकी भूमिका उजागर होने के बाद वह अमेरिका भाग गया था।
हमारे सभी दुश्मनों के लिए, तैयार रहें। हम आप तक पहुंचेंगे, चाहे आप दुनिया में कहीं भी हों। जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि यादव (Sunil Yadav Drug Lord Punjab)की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मादक पदार्थ तस्करी में संलिप्तता दुबई और अमेरिका तक फैली हुई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह पंजाब के फाजिल्का जिले के अबोहर का रहने वाला था। वह दो साल पहले फर्जी पासपोर्ट के जरिए अमेरिका भागकर अधिकारियों को चकमा देने में कामयाब रहा था।" दिलचस्प बात यह है कि उसके एक अन्य सहयोगी रोहित गोदारा ने भी लगभग उसी समय पवन के नाम से फर्जी पासपोर्ट हासिल कर लिया था। राजस्थान पुलिस ने यादव के खिलाफ जल्द ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था और स्थानीय एजेंसियों के जरिए दुबई में उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया गया था।
यादव की हत्या के बाद स्टॉकटन पुलिस ने एक बयान में कहा "हत्या (0349) माउंट एल्ब्रस वे, बियर क्रीक जिले के 6700 ब्लॉक में... अधिकारी एक व्यक्ति को गोली लगने की सूचना पर कॉल लोकेशन के क्षेत्र में पहुंचे। पहुंचने पर अधिकारियों ने गोली लगने से घायल एक वयस्क पुरुष को देखा। पीड़ित को मृत घोषित कर दिया गया और जासूसों ने कार्रवाई की। अंकित भादू, जिसकी मौत बिश्नोई समूह को परेशान कर रही थी, पंजाब के अंडरवर्ल्ड में एक प्रमुख नाम था। बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) की गिरफ्तारी के बाद भादू ने गिरोह के संचालन पर नियंत्रण कर लिया। बिश्नोई और अंकित दोनों, यादव के साथ, एक ही जगह से आए थे - पंजाब के फाजिल्का से। अंकित का जन्म एक कृषि परिवार में हुआ था और उसने अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी।
लॉरेंस के जेल जाने के बाद, पंजाब और राजस्थान में भादू (Ankit Bhadu) की बदनामी बढ़ गई, उसका नाम जबरन वसूली, हत्या और जबरदस्ती के कई मामलों में पर्याय बन गया। प्रमुख व्यवसायी उसकी फिरौती की मांग और जान से मारने की धमकियों से डरे रहते थे। भादू के आपराधिक जाल पंजाब और राजस्थान से कहीं आगे तक फैले हुए थे, हरियाणा, दिल्ली, यूपी और हिमाचल प्रदेश की पुलिस भी उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। राजस्थान और हरियाणा पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1-1 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी, जबकि पंजाब पुलिस ने 2 लाख रुपये का बड़ा इनाम रखा था। अगस्त 2018 में भादू श्रीगंगानगर और हरियाणा की पुलिस द्वारा लगाए गए पुलिस घेरे से बाल-बाल बच गया था। 2019 के वसंत में, पंजाब पुलिस (Punjab Police Special Cell) के विशेष खुफिया सेल ने आखिरकार 23 वर्षीय भादू को जीरकपुर के पास एक मुठभेड़ में खोज निकाला और मार गिराया। दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने मुठभेड़ से कुछ दिन पहले दिल्ली एयरपोर्ट से उसकी गर्लफ्रेंड को पकड़ा था। वह उससे मिलने कनाडा से वापस आई थी।