हजारों करोड़ की कमाई, फिर भी जीरो इनकम टैक्स: BCCI को मिली खास छूट की पूरी कहानी
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हजारों करोड़ की कमाई, फिर भी जीरो इनकम टैक्स: BCCI को मिली खास छूट की पूरी कहानी

बीसीसीआई की टैक्स छूट का मुद्दा सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक अक्सर चर्चा में रहता है। बीसीसीआई का तर्क साफ है कि उसकी आय का इस्तेमाल क्रिकेट के ढांचे को मजबूत करने और युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में किया जाता है।


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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड माना जाता है। हर साल बीसीसीआई हजारों करोड़ रुपये कमाता है। लेकिन इसके बावजूद यह बात अक्सर लोगों को हैरान करती है कि बीसीसीआई सरकार को इनकम टैक्स नहीं देता। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर बीसीसीआई को टैक्स छूट क्यों मिली हुई है?

बीसीसीआई की कमाई

वित्त वर्ष 2023-24 में बीसीसीआई की कुल आय करीब 20,686 करोड़ रुपये रही। इस कमाई का बड़ा हिस्सा इन स्रोतों से आता है, जिनमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), मीडिया और प्रसारण अधिकार, स्पॉन्सरशिप और मैचों की टिकट बिक्री शामिल है। इतनी भारी कमाई के बावजूद टैक्स नहीं देने की वजह कानून से जुड़ी है।

बीसीसीआई को टैक्स छूट क्यों?

बीसीसीआई को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 12A के तहत “चैरिटेबल संस्था” (परोपकारी संगठन) का दर्जा मिला हुआ है। इस कानून के अनुसार, जो संगठन खेलों को बढ़ावा देता है, सामाजिक या जनहित के काम करता है और मुनाफा कमाने के उद्देश्य से काम नहीं करता, उसे अपनी आय पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता। बीसीसीआई का कहना है कि वह मुनाफा कमाने के लिए नहीं, बल्कि भारत में क्रिकेट के विकास के लिए काम करता है। इसलिए उसे टैक्स छूट मिली हुई है।

बीसीसीआई की कमाई के मुख्य स्रोत

आईपीएल के मीडिया और डिजिटल राइट्स

साल 2023 से 2027 तक के लिए बीसीसीआई ने आईपीएल के मीडिया और डिजिटल अधिकार 48,390 करोड़ रुपये में डिज्नी स्टार और वायकॉम 18 को बेचे हैं।

फ्रेंचाइजी और स्पॉन्सरशिप

आईपीएल की टीमों और प्रायोजकों से हर साल बीसीसीआई को हजारों करोड़ रुपये की आमदनी होती है।

मैचों की टिकट और प्रसारण

भारत में होने वाले टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों की टिकट बिक्री और टीवी प्रसारण से भी अच्छी कमाई होती है।

आईसीसी से रेवेन्यू शेयर

साल 2023-27 के दौरान बीसीसीआई को आईसीसी की कुल कमाई का 38.5% हिस्सा मिलेगा।

अन्य आय

बीसीसीआई के बैंक खातों में जमा पैसों पर मिलने वाला ब्याज भी उसकी आय का बड़ा स्रोत है।

टैक्स छूट को लेकर विवाद क्यों होता है?

बीसीसीआई को मिली टैक्स छूट हमेशा विवादों में रही है। आयकर विभाग कई बार कह चुका है कि बीसीसीआई की गतिविधियां व्यावसायिक (कमर्शियल) हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल एक बिजनेस लीग है, जहां खिलाड़ियों की नीलामी होती है और भारी मुनाफा कमाया जाता है। इसलिए इसे चैरिटेबल गतिविधि नहीं माना जाना चाहिए।

प्रमुख घटनाएं

आयकर विभाग ने कई बार बीसीसीआई पर बिजनेस इनकम के रूप में टैक्स लगाने की कोशिश की। साल 2018 में बीसीसीआई को 1303 करोड़ रुपये के टैक्स बकाया का नोटिस भेजा गया। साल 2023 में यह मामला संसद में भी उठा। साल 2021 में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने बीसीसीआई के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि आईपीएल से होने वाली कमाई क्रिकेट के विकास में खर्च की जाती है, इसलिए यह टैक्स छूट के दायरे में आती है।

क्या बीसीसीआई कोई टैक्स नहीं देता?

ऐसा नहीं है कि बीसीसीआई कोई टैक्स नहीं देता। बीसीसीआई जीएसटी का भुगतान करता है। खिलाड़ियों और कर्मचारियों की सैलरी पर टीडीएस काटकर सरकार को जमा करता है। सिर्फ इनकम टैक्स से उसे छूट मिली हुई है।

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