
'अति आत्मविश्वासी' कांग्रेस और 'अहंकारी' भाजपा के खिलाफ दिल्ली में अकेले लड़ेगी आप
पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में गठबंधन बनाने के भारतीय ब्लॉक के सभी प्रयासों को विफल कर दिया और "अपने सहयोगी को साथ लेना जरूरी नहीं समझा।"
AAP On Congress Defeat: हरियाणा चुनाव के परिणाम आते ही एक बार फिर से कांग्रेस पर उसके सहयोगी दल या कहें की इंडिया गठबंधन के सहयोगी अब कांग्रेस पर हावी होते नजर आ रहे हैं. आलम ये है कि परिणाम को आये हुए 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी प्रकार का कोई गठबंधन न करने का एलान कर दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं आप ने कांग्रेस को अति-आत्मविश्वासी भी कहा है.
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "दिल्ली में आप अकेले चुनाव लड़ेगी. हम अति आत्मविश्वासी कांग्रेस और अहंकारी भाजपा से अकेले ही लड़ने में सक्षम हैं."
हरियाणा में सहयोगियों की अनदेखी
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में जीत को लेकर अति आत्मविश्वास था, यही वजह रही कि कांग्रेस ने सहयोगियों को गंभीरता से नहीं लिया और उनकी अनदेखी की. अब नतीजे सामने हैं.
अगर दिल्ली की बात करें तो पिछले दस सालों में दिल्ली में कांग्रेस से एक भी विधायक नहीं है. इसके बावजूद आप ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करते हुए 3 सीटें दी. इतना होने पर भी का कांग्रेस ने हरियाणा में गठबंधन करना जरुरी नहीं समझा और अपने सहयोगियों को नज़रन्दाज किया.
हरियाणा में लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ा था आप और कांग्रेस ने
कांग्रेस और आप का गठबंधन लोकसभा चुनाव में सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि हरियाणा में भी हुआ था, जहाँ कांग्रेस ने आप को एक सीट दी थी. हालाँकि आप जीत नहीं पायी थी.
एक बार और गौर करने वाली है वो ये कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए जो गठबंधन किया गया था, वो सिर्फ लोकसभा तक के लिए ही था. इस बात को लेकर पहले ही दोनों पार्टियों की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया था. खुद अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि ये गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक के लिए ही है. दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने भी लोकसभा चुनाव के बाद ये एलान किया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव आप अकेले ही लड़ेगी. अब एक बार फिर से आप की तरफ से ये बात दोहराई गयी है.
आप को हरियाणा में नहीं मिली एक भी सीट
बेशक आम आदमी पार्टी कांग्रेस को लेकर बहुत कुछ बोल रही है लेकिन परिणामों पर गौर करें तो हरियाणा में आप खाता भी नहीं खोल पायी है. पार्टी इसके पीछे के कई कारण बताती है, जिसमें से एक अरविन्द केजरीवाल का चुनाव प्रचार में देरी से शामिल होना, क्योंकि उन्हें जेल से जमानत देरी से मिली थी.
भाजपा को कहा अहंकारी
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा को अहंकारी कहा और कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप अकेले ही चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के अतिआत्मविश्वास और भाजपा के अहंकार को तोड़ेगी.
Next Story