क्या केजरीवाल के वजन में आई 8 किलो की कमी, आंकड़ों के जरिए AAP दावा
आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि 2 जून को एक बार फिर से जेल जाने के बाद केजरीवाल का वजन तिहाड़ जेल में गिरा है, जो बेहद चिंतनीय है, क्योंकि वो 21 मार्च से लेकर अब तक अरविन्द केजरीवाल का वजन 8 किलो कम हो चुका है.
Arvind Kejriwal Weight Loss: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने वजन को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि 2 जून को एक बार फिर से जेल जाने के बाद केजरीवाल का वजन तिहाड़ जेल में गिरा है, जो बेहद चिंतनीय है, क्योंकि वो 21 मार्च से लेकर अब तक अरविन्द केजरीवाल का वजन 8 किलो कम हो चुका है.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि 21 मार्च को जब अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था तो उनका वजन 70 किलो था. लेकिन शनिवार को उनका वजन 62 किलो पाया गया. यानी तब से लेकर अब तक उनका वजन 8 किलो कम हो चुका है. हालाँकि जब केजरीवाल 2 जून को जब दोबारा जेल गए थे, तब उनका वजन 63.5 किलो था. 2 जून से 22 जून के बीच की ही बात करें तो वजन डेढ़ किलो कम हुआ है.
बता दें कि केजरीवाल को दिल्ली की निचली अदालत की वेकेशन बेंच ने जमानत दे दी थी, जिसके अगले ही दिन ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और हाई ने निचली अदालत के फैसले पर स्टे लगा दिया. फिलहाल केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस बीच एक बार फिर से केजरीवाल के वजन कम होने की बात सामने आई है.
केजरीवाल की डाइट में शामिल होगा पूड़ी और पराठा
जेल सूत्रों का कहना है कि अरविन्द केजरीवाल का हेअल्ट चेकअप एम्स के डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल के घटते वजन को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन को उनकी डाइट में पूड़ी और परांठा शामिल करने का परामर्श दिया है. इसके अलावा डॉक्टरों के बोर्ड ने केजरीवाल के कुछ ब्लड टेस्ट भी करवाए हैं. वहीँ आम आदमी पार्टी का कहना है कि डॉक्टरों ने सिर्फ ब्लड टेस्ट ही करवाए हैं. जबकि उनके कई और टेस्ट कराये जाने चाहिए.
मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दी थी कई गंभीर बीमारी के टेस्ट कराने की सलाह
आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब अरविन्द केजरीवाल अंतरिम जमानत पर थे, तो मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके घटते वजन को देखते हुए कई टेस्ट करवाने की सलाह दी थी, इसी वजह से सीएम ने अंतरिम जमानत 7 दिन और बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उनकी जमानत नहीं बढ़ाई गई. तब से लेकर अब तक एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सीएम के केवल खून से संबंधित ही कुछ टेस्ट ही करवाएं हैं, जबकि हार्ट और कैंसर से संबंधित टेस्ट भी करवाए जाने चाहिए थे, जैसा मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने सलाह दी थी.