करप्शन को छोड़ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तयारी में आप
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करप्शन को छोड़ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तयारी में 'आप'

आम आदमी पार्टी ने रणनीति के तहत दिल्ली में हो रही आपराधिक घटनाओं को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया है. हर अपराधिक घटनाओं पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछे जा रहे हैं क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है.


AAP's Election Strategy : आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए भ्रष्टाचार की जगह कानून-व्यवस्था को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार दिल्ली में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और सुरक्षा से जुड़े मामलों को उठाकर केंद्र सरकार और भाजपा को घेरने की तैयारी में है। सबसे बड़ी बात कि एक ओर तो पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर एक रैली में पानी फेंका गया, जिसे आप ने पहले रो एसिड अटैक बताया. फिर मुख्यमंत्री पर हमला करार देते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की आगामी चुनावी रणनीति का केंद्र कानून-व्यवस्था को बनाना, एक सोच-समझकर उठाया गया कदम है। इसके पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:


1. भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाव:
आम आदमी पार्टी पर खुद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें शराब घोटाले का मामला प्रमुख है। इस मामले में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं को जेल तक जाना पड़ा। ऐसे में भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने से जनता के बीच गलत संदेश जा सकता है। इतना ही नहीं खुद अरविन्द केजरीवाल ने इफ्तिफा ही ये कहते हुए दिया था कि आगामी चुनाव में जनता उन्हें जिताती है तो समझा जायेगा कि वो इमानदार हैं और जनता ने उन्हें इमानदार मानते हुए ही जीत दिलाई है।

2. पूर्व रणनीतियों की पुनरावृत्ति:
2012 के निर्भया कांड के दौरान AAP ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर तत्कालीन सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।AAP ने 2012 में निर्भया कांड के समय दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर तत्कालीन केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था। उस समय इस रणनीति से पार्टी को काफी लाभ मिला था। इस बार भी AAP ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए दिल्ली में बढ़ती गोलीबारी और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है। उस समय पार्टी ने जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत की थी। अब पार्टी एक बार फिर दिल्ली की बढ़ती आपराधिक घटनाओं, गोलीबारी और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाकर केंद्र और भाजपा को घेरने की योजना बना रही है।

3. कानून-व्यवस्था पर केंद्र का नियंत्रण:
दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन आती है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए AAP यह संदेश देना चाहती है कि केंद्र सरकार और भाजपा दिल्ली की सुरक्षा में विफल रही हैं।


4. जनता से जुड़ा मुद्दा:
कानून-व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है, जो हर वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। इसे उठाकर AAP जनता के बीच सहानुभूति और समर्थन प्राप्त करना चाहती है।
यह रणनीति AAP को भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का मौका देती है, साथ ही अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास करती है। आम आदमी पार्टी का यह कदम भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। वहीं, चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था का यह मुद्दा कितना असर दिखाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।


केजरीवाल समेत पार्टी के तमाम नेताओं द्वारा ट्विटर पर दिल्ली की कानून व्यवश्ता पर साधा जा रहा है निशाना
चुनावी रणनीति के तहत ही आम आदि पार्टी ने सोशल मीडिया पर दिल्ली में होने वाली आपराधिक घटनाओं को जोर शोर से उठाते हुए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर निशाना साध रही है. इसके अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में हो रही घटनों के पीड़ितों से मिलने के लिए भी जा रहे हैं. हाल ही में केजरीवाल ने एक प्रेस कांफेरेनेस कर दिल्ली में गोली चलने की घटना के बारे में बताते हुए मौका ए वारदात और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर के बीच की दूरी को लेकर तुलना करते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था.


उत्तम नगर के विधायक की गिरफ़्तारी से क्या होगा आप के मुद्दे पर असर
जहाँ एक ओर आप की तरफ से दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं वहीँ दूसरी ओर उत्तम नगर से आप के विधायक नरेश बाल्यान पर नंदू गैंग के सरगना से सांठ गाँठ होने का आरोप सामने आया है, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने बाल्यान को हिरासत में भी लिया है. नरेश बाल्यान की एक मकोका का आरोपी के साथ सांठ गाँठ का आरोप आप के इस मुद्दे पर कितना असर डालता है, ये समय ही बताएगा. फिलहाल पार्टी इस मामले को गलत बताते हुए इस राजनीती से प्रेरित बता रही है.



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