विधायक राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा, आरोप आप मुस्लिम और दलित को ब्लैकलिस्ट कर देती है
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विधायक राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा, आरोप 'आप' मुस्लिम और दलित को ब्लैकलिस्ट कर देती है

राजेन्द्र पल गौतम ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. गौतम ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 3 पन्नों का इस्तीफा लिखा है जिसके छठे पॉइंट में आरोप लगाया है कि पार्टी स्वर्ण जाती के नेताओं को बचाती है और दलित व मुस्लिम नेताओं से किनारा कर लेती है.


AAP Congress Politics:

आम आदमी पार्टी के प्रमुख दलित चेहरे व दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गतम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. गौतम ने आम आदमी पार्टी छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. गौतम दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रिय संयोजक अरविन्द केजरीवाल को तीन पन्नों का पत्र लिखते हुए इस्तीफा दिया है. राजेंद्र पाल गौतम ने अपने पत्र में ये आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी स्वर्ण वर्ग के किसी विधायक या मंत्री पर लगे आरोपों के बचाव में आ जाती है लेकिन दलित या मुस्लिम नेता या मंत्री पर कोई आरोप लगे तो पार्टी उससे किनारा कर देती है. गौतम ने ये भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी कहीं न कहीं बीजेपी के दबाव में काम करती है, जो बेहद दुःखदाई है. पार्टी एक तरह से मुस्लिम और दलित को मन ही मन ब्लैकलिस्ट कर देती है और अपना व्यवहार भी बदल लेती है जो कि पीड़ादायी है.

अरविन्द केजरीवाल को लिखी ये बातें

मैं, राजेंद्र पाल गौतम, बचपन से ही तथागत बुद्ध एवं बाबा साहेब द्वारा दिखाए गए जीवन के आदर्शों से प्रेरित होकर, सामाजिक आंदोलन से जुड़ा रहा हूँ. वर्ष 1983 में, कक्षा 10 में अध्ययन करते हुए, उस कम उम्र में ही परिवारिक-आर्थिक परिस्थितियों से जूझते हुए भी मैंने बाबा साहेब अंबेडकर एवं मान्यवर कांसीराम जी द्वारा दिखाए गए रास्ते को ही चुना ताकि मैं समाज हितों की रक्षा कर सकूँ. 1983 से 2011 तक कभी भी राजनीति से जुड़ने का विचार मन में नहीं आया. लेकिन सामाजिक आंदोलनों में, मैं हमेशा सक्रिय रहा.

2. जब अन्ना आंदोलन हुआ, तब मैं भी उसमें शामिल हुआ. उस दौरान मेरी और आपकी मुलाक़ात हुई. इसमें कोई शक नहीं कि आप उस समय मुझसे और मेरे साथ आये मेरे अपने बहुजन साथियों के आंदोलन के तरीके से काफ़ी प्रभावित हुए. मैं भी अपने आपको, आपके द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ उस राष्ट्रव्यापी आंदोलन से प्रभावित हुए बिना रोक नहीं सका. पूरा देश उस समय आपके द्वारा चलाए गए आंदोलन से प्रभावित था। लोगों को उस आंदोलन से बहुत उम्मीदें जागीं। उसी आंदोलन के परिणामस्वरूप आपने एक पार्टी (आम आदमी पार्टी (AAP)} की स्थापना की.

3. इस पार्टी द्वारा आपने पूरे देश में एक ईमानदार राजनीति शुरू करने का जो वादा किया, तो मुझे भी उससे अपने देश के लोगों की दशा और दिशा बदलने की उम्मीद जागी. देश के कई बुद्धिजीवी, वरिष्ठ पत्रकार व मीडियाकर्मी, बैंकर, सिविल सोसाइटी के लोग, वरिष्ठ वक़ील, प्रोफ़ेसर, सेना व पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी, अंतराष्ट्रीय संस्थाओं एवं कॉर्पोरेट जगत में उच्च पदों पर काम कर रहे लोगों ने अपनी नौकरी छोड़कर पार्टी को अपनाया. बदलाव की इसी उम्मीद से, मैं भी नवम्बर 2014 में AAP में शामिल हो गया.

4. इसी ईमानदार राजनीतिक बदलाव में योगदान के लिए मैंने पार्टी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा और दिल्ली की जनता में मुझे प्रचंड बहुमत से जिताया भी. इतना ही नहीं पार्टी ने मुझ पर भरोसा कर मुझे मंत्री भी बनाया. मैंने भी मंत्री पद पर रहते हुए बहुजन समाज के हित में जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना, सीवर साफ करने के लिए 200 मशीनें मँगवाना और उनका मालिक बहुजन समाज से जुड़े लोगों को बनाया। जल बोर्ड के सीवर की सफाई में इंसानों के सीवर में उतरने पर रोक लगाकर मैनें बाकी सरकारों के लिए भी एक उदाहरण पेश किया व ऐसी ही अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाएँ भी बनाई एवं लागू की.

5. विगत 10 वर्षों में बहुजन समाज के अधिकारों पर विभिन्न पक्षों एवं तरीकों से हमले हुए। पहले, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST एक्ट पर हमला कर इसे कमजोर किया गया. इस हमले के ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन हुआ और मैंने एक अम्बेडकरवादी होने के नाते इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे पर अपने समाज का पक्ष जोरदार तरीके से रखा। मगर हमारी अपनी सरकार ने इस पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद, 13-पॉइंट रॉस्टर लाकर मोदी सरकार ने SC/ST/OBC के आरक्षण को लगभग ख़त्म करने का फैसला किया. इस बार भी मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के साथियों के साथ मिलकर आंदोलन में हिस्सा लिया. अंततः, इन दोनों मामलों में मोदी सरकार को झुकना ही पड़ा.

6. मुझे लगातार यह एहसास होता रहा है कि आम आदमी पार्टी, भाजपा की विचारधारा के प्रचंड दबाव के अधीन, अल्पसंख्यक और बहुजन समाज के हितों की नजरअंदाजी कर रही है. मुझे आशा थी कि शायद पार्टी अपनी नीति में कुछ तो बदलाव करेगी और भाजपा से विचारधारा के आधार पर सीधा डटकर मुकाबला करेगी और शोषित, वंचित एवं अल्पसंख्यक समाज की आवाज़ को मजबूती से उठाएगी। मगर मैं बड़े दुःखी मन से यह बताना चाहता हूँ कि मुझे हर बार निराशा ही हुई. पार्टी स्वर्ण जाति के विधायक या मंत्रियों पर किसी भी तरह का आरोप लगने पर भी उनका ही साथ देती है; लेकिन यदि मुस्लिम या दलित पर कोई आरोप चाहे वह झूठा ही क्यों न हो उसका साथ तुरंत छोड़ देती है. पार्टी एक तरह से मुस्लिम और दलित को मन ही मन ब्लैकलिस्ट कर देती है और अपना व्यवहार भी बदल लेती है जो कि पीड़ादायी है.



7. 2024 के चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी, INDIA गठबंधन में शामिल होकर भाजपा को हराने के लिए प्रयास में तो लगी, मगर जहाँ INDIA गठबंधन के बाकी दल, जातिगत जनगणना, आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक करने एवं बहुजन समाज की जनसंख्या के हिसाब से हिस्सेदारी की बात करने लगे, और भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति का जवाब धर्मनिरपेक्षता के साथ-साथ सामाजिक न्याय की माँग के साथ देने लगे, वहीं हमारी पार्टी इस मामले में भाजपा के आगे बहुत ही अधिक कमजोर एवं लाचार पड़ती दिखाई दी.

8. मेरा मुख्य उद्देश्य, फूले, साहू, पेरियार, बाबा साहेब अम्बेडकर व मान्यवर कांसीराम साहब की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाना रहा है. बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर जी के जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष प्रतिनिधित्व का था, मगर हमारी पार्टी, SC/ST/OBC व Minority को कोई विशेष प्रतिनिधित्व नहीं देती है.

9. सामाजिक न्याय का कार्य मेरे या किसी भी अकेले का व्यक्तिगत मामला नहीं है. मेरा मानना है कि इसके लिए मुझे उन सभी लोगों, सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक पार्टियों को साथ लेकर चलना है जो सामाजिक न्याय की लड़ाई में साथ देने एवं कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए तैयार हैं. मुझे ये दुःखी मन से कहना पड़ रहा है, कि सामाजिक न्याय के कार्य एवं समता मूलक समाज की कल्पना करना अब आम आदमी पार्टी में असंभव है.

10. निजीकरण के चलते SC/ST/OBC/Minority एवं सवर्ण जातियों के ग़रीब ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों से भी शिक्षा को छीना जा रहा है. उच्च शिक्षा के महँगे होने के साथ, ठेकेदारी प्रथा ने उत्पीड़न और भी अधिक बढ़ा दिया है। इस पर मेरी पार्टी सहित अन्य सरकारों को भी कोई सरोकार नहीं है. यह बात मेरे मन को हमेशा कचोटती है.

11. बाबा साहब का एक सच्चा सिपाही होने के नाते सामाजिक न्याय मेरे जीवन का प्रथम एवं अंतिम लक्ष्य है. मेरा पूरा जीवन इसी एक लक्ष्य के लिए समर्पित है. कुछ समय से मुझे लगा कि मैं अब इस पार्टी में रहकर अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाऊँगा। Date: 06.09.2024. इसलिए, पार्टी में बने रहने का अब मेरे लिए कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है. इसीलिए, मैंने बहुत सोच विचारकर, अत्यधिक दुःखी एवं पीड़ादायी मन से पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है.

12. मेरे मन में पार्टी और आपके (अरविंद केजरीवाल) प्रति जो सम्मान पहले था वो आज भी है और हमेशा रहेगा. इस फैसले के पीछे मेरा किसी से कोई व्यक्तिगत द्वेष रत्ती भर भी नहीं है. पार्टी ने मुझे जो मौका दिया उसके लिए मैं आपका हमेशा आभारी हूँ और रहूँगा। एक बात मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि स्कूली शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी सरकार ने जो काम किए वह सबके लिए एक उदाहरण है। लेकिन, अपेक्षित परिणाम आना अभी भी बाकी है.

13. हज़ारों वर्षों से शोषण का शिकार बहुसंख्यक बहुजन समाज जब तक मजबूत नहीं होगा, तब तक देश मजबूत हो ही नहीं सकता. सामाजिक न्याय का सपना हमारे देश की बहुसंख्यक आबादी को सम्मान के साथ-साथ सत्ता में उनकी हिस्सेदारी और भागेदारी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है, जो पूरे देश के समग्र विकास से जुड़ा है. जो भी देशभक्त देश को मजबूत और विकसित देखना चाहेगा वह देश के 88 प्रतिशत SC, ST, OBC च Minority समाज के हितों को कभी भी अनदेखा नहीं कर सकता. आम आदमी पार्टी के शीर्ष एवं मुख्य नेतृत्व में या फिर राज्यसभा के लिए मनोनीत लोगों में दलित, पिछड़े, आदिवासी व अल्पसंख्यक को मौका देना तो दूर उनकी हिस्सेदारी के बारे में सोचा तक नहीं जाता. यह नेतृत्व समानता व सामाजिक न्याय के सिद्धान्त के विरूद्ध है.

14. इसीलिए, अब मैं आम आदमी पार्टी के बंधन से मुक्त होकर, बहुजन समाज व उपेक्षित वर्गों के अधिकारों के लिए खुलकर लड़ाई लड़ पाऊँगा. उपरोक्त लिखी सभी वजह से मैं आम आदमी पार्टी से विधायक सहित सभी पदों व सदस्यता से अपने आपको मुक्त करते हुए आपको अपना इस्तीफ़ा सौंपता हूँ. वर्ष 2014 से आज तक मेरा साथ देने के लिए मैं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व, वरिष्ठ साथियों व अन्य सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद देता हूँ.

15. मेरे सीमापुरी की जनता एवं कार्यकर्ताओं का विशेष रूप से एवं हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया और मेरे मनोबल को बनाए रखा. मेरा प्रण है कि सामाजिक न्याय की इस लड़ाई में तथागत बुद्ध एवं बाबा साहेब के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए आप सबके हितों के लिए अपने तन व मन से लड़ता रहूँगा. मैं कोशिश करूँगा कि मेरे शेष जीवन का हर पल वंचित समाज के हितों एवं अधिकारों को प्राप्त करने के लिए समर्पित हो.

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