2000 करोड़ रुपये का क्लारूम घोटाला, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर केस
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ACB ने लागत पर कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के संबंध में सिसोदिया और जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है

2000 करोड़ रुपये का क्लारूम घोटाला, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर केस

दिल्ली की बीजेपी सरकार का आरोप है कि AAP सरकार के शासनकाल के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये का भारी घोटाला सामने आया।


दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ACB ने पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री (पीडब्ल्यूडी) सत्येंद्र जैन के खिलाफ अत्यधिक लागत पर कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के संबंध में मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के शासनकाल के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये का भारी घोटाला सामने आया।

प्रोजेक्ट में ज़रूरत से ज़्यादा खर्च, अस्थायी निर्माण पर सवाल

ACB के अनुसार, क्लासरूम निर्माण पर लगभग ₹2,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि इतनी राशि में स्थायी इमारतें बनाई जा सकती थीं। इसके बजाय अस्थायी क्लासरूम बनाए गए, जिनकी उम्र भी कम होती है।

एक क्लासरूम पर सामान्यतः ₹5 लाख की लागत आती है, लेकिन इस योजना में प्रति कक्षा औसतन ₹24.86 लाख खर्च किए गए, जिससे खर्च की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते हैं।

AAP से जुड़े ठेकेदारों को लाभ, नियमों की अनदेखी

कुल 34 कॉन्ट्रैक्टर्स को यह काम सौंपा गया, जिनमें से कई के AAP से नजदीकी रिश्ते बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार कई ठेके बिना निविदा प्रक्रिया के दिए गए और कई बार बिना दोबारा टेंडर निकाले ठेके बढ़ा दिए गए।

CVC रिपोर्ट तीन साल तक दबाई गई

सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने वर्ष 2020 में इस परियोजना में गंभीर अनियमितताओं की रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन इसे तीन वर्षों तक सार्वजनिक नहीं किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि अस्थायी क्लासरूम की लागत स्थायी भवनों के बराबर हो गई, जिससे सरकार को कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ।

बिना टेंडर लागत में भारी वृद्धि

प्रारंभ में ₹860.63 करोड़ के टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन ‘रिच स्पेसिफिकेशन’ के नाम पर ₹326.25 करोड़ की अतिरिक्त लागत जोड़ दी गई। इनमें से ₹205.45 करोड़ केवल बेहतर क्वालिटी के सामान पर खर्च किए गए, लेकिन इसके लिए भी कोई नई निविदा प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।

FIR दर्ज, ACB की जांच शुरू

सरकारी अनुमति मिलने के बाद इस मामले में FIR संख्या 31/2025 दर्ज की गई है। मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। ACB अब मामले की व्यापक जांच में जुट गई है।

भाजपा नेताओं ने की थी शिकायत

इस घोटाले की शिकायत भाजपा नेताओं, हरीश खुराना, विधायक कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी ने दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हुआ है और इससे AAP से जुड़े ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

इस मामले की जांच दिल्ली की राजनीति में बड़ा असर डाल सकती है, क्योंकि इसमें आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आए हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह मामला AAP के लिए गंभीर राजनीतिक चुनौती बन सकता है।

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