मध्य प्रदेश में सिंधिया की बगावत की कमलनाथ ने बताई असली वजह, 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने पर बड़ा बयान
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कमलनाथ बोले- 'यह सच है, सिंधिया ने छोड़ा कांग्रेस का साथ और सरकार गिराई क्योंकि उन्हें लगा दिग्विजय चला रहे थे सरकार'

मध्य प्रदेश में सिंधिया की बगावत की कमलनाथ ने बताई असली वजह, 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने पर बड़ा बयान

अपने एक हालिया इंटरव्यू में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में 5 साल पहले कांग्रेस सरकार गिरने के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया था। अब कमलनाथ ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हालिया बयान ने एक बार फिर उस राजनीतिक उथल-पुथल की बहस को हवा दे दी है, जिसके चलते 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस सरकार इसलिए गिराई क्योंकि उन्हें लगा कि सरकार असल में दिग्विजय ही चला रहे थे।

रविवार को सोशल मीडिया के जरिए कमलनाथ ने पार्टी नेताओं से अपील की कि 2020 की घटनाओं को पीछे छोड़ देना चाहिए। उन्होंने लिखा –“हाल ही में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 2020 में गिरने को लेकर कुछ टिप्पणी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि पुराने मुद्दों को कुरेदने का कोई फायदा नहीं है।”

लेकिन कमलनाथ ने यह भी स्वीकार किया ,“यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा, सिंधिया को लगता था कि दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं। इसी नाराज़गी के चलते उन्होंने कांग्रेस विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरा दी।”

मार्च 2020 का राजनीतिक संकट

यह बयान मार्च 2020 के उस राजनीतिक संकट की ओर इशारा करता है, जब सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ हो गया।

दिग्विजय सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में याद किया कि 2020 में वे, कमलनाथ और सिंधिया एक बड़े उद्योगपति के घर पर मिले थे। उस बैठक में सिंधिया ने कथित तौर पर कमलनाथ को ग्वालियर और चंबल क्षेत्र से जुड़े लंबित मामलों की एक सूची सौंपी थी। दिग्विजय के मुताबिक, नाथ ने उस सूची पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे सिंधिया को यह विश्वास हो गया कि प्रशासन असल में दिग्विजय के हाथ में है। इसी वजह से उन्होंने भाजपा का रुख कर लिया।

यह आदान-प्रदान एक बार फिर उस दौर में कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को सुर्खियों में ला रहा है। जबकि कमलनाथ अब कहते हैं कि बीती बातों को भुला देना चाहिए, लेकिन यह घटनाक्रम आने वाले चुनावी मुकाबलों से पहले राज्य की राजनीति की कहानी को अब भी प्रभावित कर रहा है।

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